तेज़ रफ्तार एंबुलेंस ने ली पूर्व प्रधान के बेटे की जान
- वाराणसी-बाबतपुर फोरलेन पर आक्रोशित ग्रामीणों ने तीन घंटे लगाया जाम
- गांव में छाया मातम, शव पोस्टमार्टम को भेजा, अवैध फुटपाथ की वजह से होता है हादसा
वाराणसी (रणभेरी) : शिवपुर थाना क्षेत्र में भारत हैवी इलेक्ट्रिकल्स लिमिटेड (भेल) के सामने शुक्रवार सुबह हुए दर्दनाक सड़क हादसे ने पूरे क्षेत्र को दहला दिया। बड़ागांव थाना क्षेत्र के भेलखा गांव के पूर्व प्रधान नंदलाल यादव के 30 वर्षीय पुत्र अनीश यादव उर्फ मोनू की तेज रफ्तार एंबुलेंस की टक्कर से मौके पर ही मौत हो गई। हादसा सुबह करीब 5 बजे उस वक्त हुआ, जब अनीश अपने जुड़वां भाई मनीष और साथी आकाश राठौर के साथ रोज की तरह सुबह की सैर पर निकले थे। तीनों तरना ओवरब्रिज होकर वापस लौट रहे थे। जैसे ही वे भेल के दूसरे गेट के करीब पहुंचे, तभी पीछे से आ रही एक एंबुलेंस तेज रफ्तार में आई और अनीश को जोरदार टक्कर मार दी। प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, टक्कर इतनी भीषण थी कि अनीश उछलकर डिवाइडर से जा टकराए और मौके पर ही उनकी मौत हो गई। इस घटना से साथी मनीष और आकाश स्तब्ध रह गए और तत्काल इसकी सूचना परिजनों को दी।
घटना की जानकारी मिलते ही भेलखा गांव से भारी संख्या में ग्रामीण, महिलाएं और परिजन घटनास्थल पर पहुंच गए। वे हादसे के जिम्मेदार लोगों के खिलाफ कार्रवाई की मांग करते हुए वाराणसी–बाबतपुर फोरलेन पर जाम लगा दिया। करीब तीन घंटे तक लगी इस जाम से सड़क पर वाहनों की लंबी कतारें लग गईं और लोगों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ा। मौके पर पहुंचे शिवपुर थानाध्यक्ष वीरेंद्र सोनकर व पुलिस टीम ने ग्रामीणों को समझा-बुझाकर किसी तरह स्थिति को नियंत्रित किया। परिजनों ने बताया कि अनीश की शादी दो वर्ष पहले निशा यादव से हुई थी और उनकी आठ महीने की एक बेटी नित्या है। अचानक हुए इस दर्दनाक हादसे ने पूरे परिवार को तोड़कर रख दिया है। घटनास्थल पर मौजूद महिलाएँ रो-रोकर बेहाल थीं और गांव में मातम का माहौल बना रहा। थानाध्यक्ष वीरेंद्र सोनकर ने बताया कि अनीश के शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया है। साथ ही एंबुलेंस चालक के खिलाफ आवश्यक कानूनी कार्रवाई की जा रही है।
फुटपाथ पर अवैध कब्जा बना हादसे की वजह
शिवपुर थाना क्षेत्र में भेल के सामने हुए सड़क हादसे को लेकर स्थानीय लोगों ने बड़ा आरोप लगाया है। लोगों का कहना है कि भेल क्षेत्र के आसपास फुटपाथ पर बाहरी दुकानदारों ने अवैध कब्जा कर रखा है। चादर, मूंगफली और छोटी-मोटी दुकानों ने फुटपाथ को पूरी तरह घेर दिया है, जिसके कारण पैदल चलने वालों के पास सड़क पर उतरने के अलावा कोई विकल्प नहीं बचता। ग्रामीणों ने बताया कि अनीश यादव भी रोज की तरह सुबह टहलने निकले थे, लेकिन फुटपाथ के कब्जे के चलते उन्हें भी सड़क के किनारे ही चलना पड़ा।

इसी दौरान पीछे से आ रही तेज रफ्तार एंबुलेंस ने उन्हें टक्कर मार दी। स्थानीय लोगों का स्पष्ट कहना है कि यदि फुटपाथ खाली रहता, तो अनीश को सड़क पर चलने की मजबूरी नहीं होती और शायद उनकी जान बच सकती थी। लोगों ने प्रशासन पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए कहा कि अवैध दुकानों और कब्जाधारियों के खिलाफ कई बार शिकायत की गई, लेकिन कार्रवाई नहीं हुई। फुटपाथ पर बढ़ते अतिक्रमण से आए दिन हादसों का खतरा बना रहता है। सुबह और शाम के समय स्कूल के बच्चे, बुजुर्ग और टहलने वाले लोग सबसे ज्यादा परेशान होते हैं। ग्रामीणों ने मांग की है कि प्रशासन तुरंत फुटपाथ से अवैध कब्जों को हटाए, ताकि पैदल चलने वालों को सुरक्षित रास्ता मिल सके और भविष्य में ऐसी दुखद घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो। पुलिस और नगर निगम को संयुक्त अभियान चलाकर क्षेत्र को अतिक्रमण मुक्त करने की आवश्यकता है।











