टेरर फंडिंग मामले में PFI के 6 सदस्य गिरफ्तार, इन लोगों के खिलाफ मिले कई पुख्ता सबूत
वाराणसी (रणभेरी): प्रदेश भर में पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (PFI) पर ATS की छापेमारी चल रही है। यूपी एटीएस ने मेरठ से 4 और वाराणसी से 2 सहित 6 पीएफआई सदस्यों को गिरफ्तार किया है। ATS इनसे पूछताछ कर संबंधित जिले की पुलिस को सौंप दी है। पुलिस अब इन्हें कोर्ट में पेश कर जेल भेजवाएगी। गिरफ्तार सदस्यों के पास से आपत्तिजनक साहित्य और अन्य सामग्री बरामद हुई है। इससे पहले शुक्रवार को राजधानी लखनऊ से यूपी एसटीएफ ने मदेगंज इलाके से अहमद बेग नदवी को गिरफ्तार किया है।
वाराणसी के कज्जाकपुरा रेलवे क्रॉसिंग स्थित निर्माणाधीन ओवर ब्रिज के पास से जैतपुरा कच्ची बाग निवासी रिजवान और आदमपुर आलमपुरा के मोहम्मद शाहिद को गिरफ्तार किया गया है। यूपी-ATS की तफ्तीश में सामने आया है कि वाराणसी में PFI के 23 सक्रिय सदस्य हैं। वहीं, PFI से अप्रत्यक्ष रूप से 100 से ज्यादा लोग जुड़े हैं। ATS की तरफ से जारी बयान के मुताबिक, यूपी में माहौल खराब करने की कोशिश करने वालों के खिलाफ कार्रवाई की जा रही है। शनिवार तड़के मेरठ से शामली के सोंटा रसूलपुर निवासी मोहम्मद शादाब, कैराना मामोर के मोहम्मद साजिद, गाजियाबाद मुरादनगर के नेकपुर निवासी मुफ्ती शहजाद और मुजफ्फरनगर परसौली जोगियाखेड़ा निवासी मोहम्मद इस्लाम कासमी को गिरफ्तार किया।
इससे पहले यूपी-ATS ने शाहिद और रिजवान को PFI से संबंधित टेरर फंडिंग के आरोप में पकड़ा था। आदमपुर और जैतपुरा क्षेत्र निवासी शाहिद और रिजवान साड़ी तैयार करने का काम करते थे। दोनों के मोबाइल और लैपटॉप से PFI से संबंधित साहित्य और बैठकों के रिकॉर्ड्स यूपी-ATS के हाथ लगे हैं।पूछताछ में सामने आया है कि दोनों PFI के लिए चंदा उगाहने का काम करते थे। मुस्लिम समाज के लोगों को दोनों भड़काते थे कि अयोध्या की बाबरी मस्जिद की तरह ज्ञानवापी को हाथ से नहीं जाने दिया जाएगा।
ज्ञानवापी की लड़ाई सुप्रीम कोर्ट तक लड़ी जाएगी। दोनों कहते थे कि ज्ञानवापी मुसलमानों की थी, है और हमेशा रहेगी। इसके अलावा दोनों PFI के मैसेज को समय-समय पर मुस्लिम समाज के युवाओं को प्रचारित और प्रसारित करने का काम भी करते थे। सीएए-एनआरसी के विरोध प्रदर्शन के समय भी दोनों ने गुपचुप तरीके से लोगों को भड़काने का काम किया था।