फिर से उफान पर गंगा का जलस्तर, तटीय इलाकों के लिए भी बढ़ा खतरा, बदलनी पड़ी जगह
वाराणसी (रणभेरी): लगातार हो रही बारिश से वाराणसी में गंगा एक बार फिर उफान पर है। गंगा में बुधवार को भी बढ़ाव जारी रहा। बुधवार रात आठ बजे तक गंगा का जलस्तर 66.35 सेंटीमीटर रिकॉर्ड किया गया। वहीं, गुरुवार की सुबह जलस्तर 66.46 सेंटीमीटर दर्ज किया गया। गुरुवार सुबह आठ बजे जलस्तर बढ़ाव की रफ्तार एक सेमी प्रति घंटा थी। केंद्रीय जल आयोग के मुताबिक बुधवार को गंगा में जलस्तर बढ़ाव की रफ्तार आधा सेंटीमीटर था। घाटों से संपर्क टूटने के बाद अब तटीय इलाकों में भी खतरा बढ़ गया है। उधर मणिकर्णिका घाट पर होने वाले शवदाह पर संकट हो गया है। इसकी जगह बदलनी पड़ी। खिड़किया घाट और आदिकेशव घाट पर पानी तेजी से चढ़ रहा है। जलस्तर में तीव्र वृद्धि को देखते हुए तटवासियों की धड़कन बढ़ गई है।
अगस्त में गंगा के जलस्तर में वृद्धि हुई थी। यह वृद्धि डैम से पानी छोड़ने के कारण हुई थी। दो-तीन दिन बाद अचानक गंगा में घटाव हो गया। गंगा के जलस्तर कम होने से तटवासियों ने राहत की सांस ली थी। इधर तीन दिन से हो रही लगातार बारिश से एक बार फिर जलस्तर में अचानक वृद्धि हो गई है।
उधर मणिकर्णिका घाट पर होने वाले शवदाह पर संकट हो गया है। इसकी जगह बदलनी पड़ी। खिड़किया घाट और आदिकेशव घाट पर पानी तेजी से चढ़ रहा है। बाढ़ का पानी देखने के लिए नमो घाट सहित अन्य घाटों पर लोगों की भीड़ लग रही है। बाढ़ पीड़ितों में गंगा और वरुणा में तीसरी बार आई उफान को लेकर भय व्याप्त है।
बाढ़ के कारण सबसे ज्यादा घाट पर आए तीर्थयात्रियों को परेशानी हो रही है। इसके साथ ही घाट पर जमी मिट्टी पर पानी चढ़ने के कारण कटान की स्थिति बन गई है। राजघाट, प्रह्लाद घाट, रानी घाट, गाय घाट, पंचगंगा घाट, दशाश्वमेध घाट, शीतला घाट, चौकी घाट सहित अन्य घाटों पर बाढ़ उतरने के बाद मिट्टी का अंबार लगा हुआ था। इन घाटों पर तीर्थयात्रियों का सबसे ज्यादा दबाव भी है। उधर, बुधवार देर शाम तक नक्खी घाट, पुलकोहना, अमरपुर मढ़िया, शक्कर तालाब, तिनपुलिया सहित वरुणा के तलहटी से सटे दर्जन भर इलाकों में वरुणा का पानी प्रवेश कर गया। इन इलाकों में रहने वाले लोग अपने गृहस्थी का सामान समेटने में लगे हुए हैं।