देव दीपवाली महोत्सव के लिए उत्तर प्रदेश पर्यटन विभाग ने सभी तैयरियां की पूर्ण
वाराणसी (रणभेरी): कार्तिक पूर्णिमा पर 19 नवंबर को देव दीपावली पर्व मनाया जाता है। यूपी में अयोध्या में दिवाली के बाद अब काशी में देव दीपावली को भी भव्य तरीके से मनाने की तैयारी पूरी हो गई है। अयोध्या में जहां एक ओर 12 लाख दीये जलाए गए थे, वहीं काशी में 15 लाख दीये जलाने की योजना बनाई गई है। वाराणसी के 84 घाट दीयों से जगमगाएंगे। इस बार 15 लाख दीये जलाने की योजना बनायी गयी है। इसके लिए जहां वाराणसी प्रशासन ने तैयारी की है वहीं पर्यटन विभाग भी पर्यटकों की आने को लेकर व्यवस्थाओं में जुटा है।
काशी में वर्षों से चली आ रही देव दीपवाली महोत्सव की तैयारियां पूर्ण हो चुकी हैं। देव दीपवाली महोत्सव के माध्यम से विश्व की प्राचीनतम नगरी व सांस्कृतिक राजधानी का महात्म्य, संस्कृति व वैभव पूरे विश्व के सामने प्रस्तुत करने के लिए उत्तर प्रदेश पर्यटन विभाग पूरी तरह से तैयार है। इसके लिए सभी विभागों व देव दीपवाली आयोजन समितियों से समन्वय स्थापित कर सभी तैयारियां पूर्ण कर ली गई हैं। इस वर्ष के आयोजन की विशेषता है, हॉट एयर बैलून फेस्टिवल, जिसके माध्यम से श्रद्धालु आकाश से देव दीपवाली के दियों से जगमग होते घाटों का सौंदर्य आकाश से निहार सकेंगे। इसके अलावा लेजर शो व घाटों पर होने वाले सांस्कृतिक कार्यक्रम भी श्रद्धालुओं को अविस्मरणीय अनुभव प्रदान करने वाले है। वाराणसी में देश विदेश से श्रद्धालु देव दीपवाली का नजारा देखने के लिए डेरा जमा चुके हैं। इस महोत्सव का मुख्य आयोजन 19 नवंबर की शाम शुरू होगा।
उत्तर प्रदेश पर्यटन विभाग द्वारा आयोजित देव दीपवाली महोत्सव की लोकप्रियता का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि शहर के सभी होटल्स में बुकिंग के लिए पूछताछ करने पर नो वैकेंसी का उत्तर मिलता है। पावन गंगा नदी से घाटों पर सजी दीपमाला का अवलोकन करने के लिए लगभग सभी नावों और बजडों की एडवांस बुकिंग हो चुकी है। वाराणसी बैलून फेस्टिवल के लिए उड़ने वाले सभी बैलून्स की टिकट बुकिंग खुलने के तीन घण्टे के अंदर ही सभी टिकटा बिक गए।
उत्तर प्रदेश पर्यटन विभाग ने वाराणसी जिला व पुलिस प्रशासन की मदद से सुरक्षा की चाक- चौबंद व्यवस्था की है ताकि सभी श्रद्धालु सुरक्षित रहते हुए देव दीपवाली महोत्सव का आनंद उठा सकें। नदी में नाव से देव दीपवाली देखने वाले श्रद्धालुओं की सुरक्षा पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है। सभी नाविकों को स्पष्ट निर्देश दिए जा चुके हैं कि वे अपनी नावों की क्षमता से अधिक श्रद्धालुओं को नहीं बैठाएंगे। इसके लिए जल पुलिस मुस्तैदी से नदी में पेट्रोलिंग कर रही है।
19 नवंबर की शाम पावन गंगा नदी के तट पर बसे वाराणसी नगर के अर्द्ध चंद्राकर घाटों की मनोरम छवि दीपों की जगमगाहट से दीप्तिमान होगी। गंगा पार रामनगर के घाटों की तरफ से होने वाली इलेक्ट्रॉनिक आतिशबाजी व राजा चेतसिंह घाट पर लेजर शो के साथ यह दृश्य और भी मनोरम हो उठेगा। इसके अलावा पर्यटन विभाग द्वारा राजघाट पर होने वाले सांस्कृतिक कार्यक्रम 'गंगा -महोत्सव' में वाराणसी की संस्कृति व नृत्य-संगीत कला की विशेष छाप देखने को मिल रही है।