ट्रांसफार्मर जलने और बिल्डरों के उत्पीड़न का उठा मुदा

ट्रांसफार्मर जलने और बिल्डरों के उत्पीड़न का उठा मुदा

लखनऊ/वाराणसी (रणभेरी सं.)। मध्यांचल विद्युत वितरण निगम की बिजली दर बढ़ोतरी को लेकर विद्युत नियामक आयोग के सभागार में सोमवार को आखिरी सुनवाई हुई। राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद सहित सभी आपत्तिकतार्ओं ने एक स्वर में बिजली की कीमतों में 45 फीसद बढ़ोत्तरी का विरोध किया। आयोग के समक्ष उपभोक्ताओं ने स्मार्ट मीटर, ट्रांसफॉर्मर जलने और बिल्डरों के उत्पीड़न का भी मुद्दा उठाया। बिजली की कीमतों में बढ़ोत्तरी के प्रस्ताव को ये कहते हुए विरोध किया गया कि जब प्रदेश में बिजली कंपनियों पर उपभोक्ताओं का 33,122 करोड़ रुपए का सरप्लस है, तो दरों में बढ़ोत्तरी की बजाय, 45 फीसद कमी होनी चाहिए। सुनवाई में उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष अवधेश वर्मा ने कहा कि निजीकरण का प्रस्ताव असंवैधानिक है। सीएजी की आॅडिट के बाद अब सीबीआई की जांच होगी। भ्रष्टाचार करने वालों को जेल के लिए तैयार रहना चाहिए। उन्होंने आयोग से निजीकरण प्रस्ताव को खारिज करने की मांग की और कहा कि यह पूरी तरह टैरिफ नीति के खिलाफ है। उपभोक्ताओं ने कहा कि प्रदेश में बिजली चोरी रोकने में विभाग नाकाम है। ऐसे में ईमानदार उपभोक्ताओं से उसकी भरपाई क्यों? प्रदेश में हर साल 5000 करोड़ की बिजली चोरी हो रही है। मध्यांचल में ये आंकड़ा हर महीने का 106 करोड़ रुपए का है। मतलब साल का 1280 करोड़ रुपए की बिजली चोरी हो रही है। उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष वर्मा ने बटलर पैलेस बिजली चोरी कांड का जिक्र करते हुए कहा कि नौकरशाह, नेता, किसान और आम उपभोक्ता तक बिजली चोरी में शामिल हैं। ऐसे में बिजली चोरी रोकना विभाग की जिम्मेदारी है।

स्मार्ट मीटर नहीं, 'ठग मीटर'

स्मार्ट प्रीपेड मीटर की गुणवत्ता पर सवाल उठाते हुए उपभोक्ताओं ने इसे ठग मीटर' करार दिया। सुनवाई में उपभोक्ताओं ने बताया कि "मध्यांचल में स्मार्ट मीटरों की रीडिंग और लोड जंपिंग की शिकायतें सामने आईं, जिसके बाद गुपचुप तरीके से सॉफ्टवेयर बदला गया। इन मीटरों में चीनी कंपोनेंट का इस्तेमाल हो रहा है, जो भविष्य में उपभोक्ताओं के लिए परेशानी खड़ी करेगा।" उपभोक्ताओं ने उच्च गुणवत्ता वाले मीटर लगाने और 2 फीसद छूट को 5 फीसद करने की मांग की। साथ ही, 5 फीसद चेक मीटरों का मिलान कर डेटा सार्वजनिक करने की मांग की।

ट्रांसफॉर्मर जलने और शिकायतों का अंबार

उपभोक्ता परिषद ने मध्यांचल में ट्रांसफॉर्मर जलने की बढ़ती घटनाओं पर सवाल उठाए। वर्मा ने बताया कि 2022-23 में 26 और 2023-24 में 33 पावर ट्रांसफॉर्मर जले। हर साल 66,507 से 70,044 वितरण ट्रांसफॉर्मर खराब हो रहे हैं। उन्होंने घटिया क्वालिटी के ट्रांसफार्मरों की जांच की मांग की। इसके अलावा, बिजली आपूर्ति से जुड़ी शिकायतें 2022-23 में 8.62 लाख से बढ़कर 2024-25 में 10.59 लाख हो गईं। समय पर समाधान न होने और मुआवजे न मिलने का भी मुद्दा उठाया।

बिल्डरों के उत्पीड़न और छोटे दुकानदारों के लिए नई टैरिफ कैटेगरी की मांग

परिषद ने बिल्डरों द्वारा उपभोक्ताओं के उत्पीड़न का मुद्दा उठाया और आयोग से कठोर कदम उठाने की मांग की। साथ ही, 10-15 लाख छोटे दुकानदारों के लिए, जो घर में ही छोटी दुकान चलाते हैं, 1 किलोवाट तक 100 यूनिट की खपत को घरेलू दरों में शामिल करने की मांग की। इसके लिए नई टैरिफ कैटेगरी बनाने का सुझाव दिया।