श्रीकाशी विश्वनाथ का दरबार हुआ अब स्वर्णमयी, गर्भगृह से लेकर मंदिर के बाहर की दीवारों पर चढ़ाए गए सोने के पत्तर
वाराणसी (रणभेरी): काशी में श्रीकाशी विश्वनाथ का दरबार अब स्वर्णमयी हो गया है। बाबा विश्वनाथ के मंदिर के गर्भगृह से लेकर बाहर की दीवार पर सोने के पत्तर चढ़ाने का काम पूरा हो गया है। इसके चलते अब भूतभावन के दरबार के शिखर से लेकर उनकी चौखट तक की छटा देखते ही बन रही है। बाबा दरबार के गर्भगृह और बाहर की दीवारों को सोने से मढ़ दिया गया। मगर, इतना सोना किसने दान किया, यह अबूझ पहेली बना हुआ है। गर्भगृह की भीतरी दीवारें महाशिवरात्रि पर ही स्वर्ण मंडित कर दी गई थीं।दक्षिण भारत के एक कारोबारी ने गर्भगृह को स्वर्ण मंडित कराने का संकल्प लिया था। इसके लिए मंदिर प्रशासन को 60 किलोग्राम सोना दान में दिया था। इससे जनवरी में कार्य शुरू किया गया। इसके लिए पहले प्लास्टिक, फिर तांबे के सांचे बनाए गए। इसके आधार पर नीचे से ऊपर तक सोना मढ़ा गया। इसकी पहली झलक महाशिवरात्रि से पहले पीएम के काशी आगमन पर सबके सामने आई थी।
मंदिर प्रशासन के अनुसार गर्भगृह की भीतरी दीवारों को स्वर्ण मंडित करने में 37 किलो सोना लगा। वहीं, चारों द्वार समेत बाहरी दीवारों पर 23 किलोग्राम सोना मढ़ा गया। मंदिर के मुख्य कार्य पालक अधिकारी सुनील कुमार वर्मा ने बताया कि गर्भगृह और बाहरी दीवारों पर लगे स्वर्ण पत्तरों की सुरक्षा के साथ स्वच्छता की दृष्टि से एक्रेलिक की पारदर्शी शीट लगाई जा रही है। इसकी स्वर्णिम आभा देख श्रद्धालु इस पर हाथ लगा रहे थे, जिससे उनके हाथों में लगी पूजन-सामग्री तो इस पर लग ही रही थी, चमक पर भी असर आने का खतरा था। यह कार्य दो दिन में पूरा कर लिया जाएगा।