IIT-BHU छात्रा केस में फास्ट ट्रैक कोर्ट में ADGC पर हमला, डिफेंस वकील समेत 11 आरोपी, बार ने उठाया कड़ा कदम
वाराणसी (रणभेरी): वाराणसी में शुक्रवार शाम एक गंभीर घटना सामने आई, जिसमें जिला शासकीय अधिवक्ता (ADGC) मनोज कुमार गुप्ता पर फास्ट ट्रैक कोर्ट की लाइब्रेरी में हमला हुआ। अधिवक्ता पर आरोप है कि कुछ वकीलों और बाहरी साथियों ने उन्हें घेरकर बुरी तरह पीटा। इस हमले में मनोज कुमार गंभीर रूप से घायल हुए और उनका खून भी निकल आया। घटना के तुरंत बाद आसपास मौजूद अन्य वकीलों ने बीच-बचाव किया और उन्हें प्राथमिक उपचार दिलाया।
हमले के पीछे का विवाद एक जमानत याचिका को लेकर सामने आया। आरोपी अंशुल और शिव केसरी की जमानत याचिका को ADGC मनोज कुमार गुप्ता ने अदालत में विरोध किया था। उनकी दलीलों के आधार पर जज ने जमानत खारिज कर दी थी। इसके बाद वकील राहुल राज, जो कि इन आरोपियों के पक्ष में पेश हुए थे, ने कोर्ट के बाहर और लाइब्रेरी में अभद्र व्यवहार किया।
लाइब्रेरी में प्रवेश करते ही राहुल राज ने मनोज कुमार को नाम लेकर बुलाया और उनके साथ अभद्रता की। जब मनोज बाहर जाने लगे, तो राहुल ने अपने साथियों के साथ उन्हें घेर लिया। इस हमले में विकास चौहान, प्रमोद मौर्या, हर्ष सोनकर, अंकित केसरी, सलमान शाही सहित कई अन्य लोग शामिल थे। हमलावरों ने लात-घूस और डंडों से अधिवक्ता को पीटा, जिससे उन्हें आंतरिक और बाहरी चोटें आई।
हमले के बाद सेंट्रल बार एसोसिएशन ने तुरंत प्रतिक्रिया दी। पीड़ित अधिवक्ता की तहरीर पर कैंट थाने में राहुल राज और उनके 10 अन्य साथियों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया। बार ने राहुल राज को तीन वर्ष के लिए सदस्यता से निष्कासित कर दिया, और यूपी बार काउंसिल को पत्र भेजकर पंजीकरण रद्द कराने की प्रक्रिया शुरू की।
सेंट्रल बार के अध्यक्ष मंगलेश दुबे ने कहा कि यह घटना वकील समाज के लिए चिंताजनक है। उन्होंने हमले की निंदा करते हुए कहा कि अभियोजन और बचाव पक्ष के बीच नियमों का पालन अनिवार्य है और इसे दरकिनार करना किसी भी रूप में स्वीकार्य नहीं।
इस हमले ने न केवल कानूनी पेशे की गरिमा को चुनौती दी है, बल्कि यह भी दिखाया कि कोर्ट और बार की सुरक्षा व्यवस्था को मजबूत करना कितना आवश्यक है। फिलहाल पुलिस CCTV फुटेज के माध्यम से हमलावरों की तलाश कर रही है।











