... तो अब सौर ऊर्जा से रोशन होगी काशी, 10 लाख की होगी बचत
वाराणसी सिटी। लखनऊ स्थित बापू भवन में गुरुवार को नगर निगमों से प्राप्त प्रस्तावों पर विचार करने हेतु गठित राज्य स्तरीय समिति की बैठक हुई। इस बैठक की अध्यक्षता प्रमुख सचिव ऊर्जा एवं अतिरिक्त ऊर्जा स्रोत नरेन्द्र भूषण ने की। इस दौरान बैठक में बताया गया कि सोलर सिटी कार्यक्रम के अन्तर्गत वाराणसी शहर की कुल विद्युत खपत का 10 प्रतिशत सौर ऊर्जा से प्राप्त किया जाना है।
प्रस्तावों पर बनी सैद्धान्तिक सहमति
बैठक में नगर निगम वाराणसी में स्मार्ट सोलर स्ट्रीट लाइट, सोलर हाई मास्ट, सोलर स्ट्रीट लाइट, सोलर ट्री एवं वॉटर किऑस्क की स्वीकृति प्रदान करने के साथ अन्य प्रस्तावों पर सैद्धान्तिक सहमति प्रदान की गयी। उल्लेखनीय है कि वाराणसी में 'पीएम सूर्य घर मुफ्त बिजली योजना' के अन्तर्गत घरेलू क्षेत्र के उपभोक्ताओं को आच्छादित करने के लिए क्रमशः 50 हजार, 75 हजार तथा 75 हजार का लक्ष्य निर्धारित किया गया है, जिसको प्राप्त करने हेतु नगर निगम एवं मुख्य विकास अधिकारी को कार्ययोजना तैयार करने तथा इसके बृहद प्रचार-प्रसार करने के निर्देश प्रदान किये गये। वहीं प्रदेश में 25 लाख घरों पर सोलर रूफटॉप संयंत्रों की स्थापना का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। सौर ऊर्जा संयंत्र लगाने से विद्युत बिल में दो-तिहाई की बचत होती है।
25 वर्षों में 10 लाख की होगी बचत
उपभोक्ता द्वारा संयंत्र लगाने में व्यय की गयी धनराशि की प्रतिपूर्ति बचत के रूप में 3-4 वर्षों में हो जाती है। संयंत्र की अवधि 25 वर्ष की होती है। अतः शेष वर्षों तक संयंत्र से उत्पादित विद्युत उपभोक्ता को निःशुल्क प्राप्त होती है। 03 कि०वा० के संयंत्र से 25 वर्षों में लगभग 10 लाख की बचत होगी।
बैठक में बताया गया कि यूपीनेडा के इम्पैनल्ड वेण्डर से सोलर रूफटॉप संयंत्रों की स्थापना कराने पर उपभोक्ता को संयंत्र की स्थापना के उपरांत केन्द्र एवं राज्य सरकार के अनुदान उनके खातों में प्राप्त होता है। बैठक में यूपीनेडा के अधिकारियों के साथ संबंधित जिलो के सीडीओ तथा नगर निगमों के अधिकारी भी उपस्थित रहे।