साहब! अब करिए इंतजाम ताकि डूबने से मौत पर लगे लगाम
- गंगा में डूबने से फिर दो युवकों की मौत
- घाट पर कई बार हो चुका है हादसा
- अब तक कई लोगों की जा चुकी है जान
जिम्मेदारों की खामोशी से आए दिन होता है हादसा
वाराणसी(रणभेरी): गंगा के घाटों पर नहाने के दौरान डूबने से मौत का सिलसिला जारी है। डूबने वालों में से अधिकांश नौजवान हैं। अक्सर गंगा में स्नान के दौरान गहरे पानी में चले जाने से लोग अपनी जान चंद पलों में ही गंवा बैठते हैं। लगातार हो रही ऐसी घटना के बाद भी प्रशासन कोई ठोस कदम नहीं उठा रहा है जिससे इस तरह की घटनाओं पर लगाम लग सके। सुरक्षा के लिहाज से ही जल पुलिस और एनडीआरएफ की तैनाती की गई है। बावजूद इसके आये दिन डूबने से मौत की खबर आती है।
विडंबना है कि एक के बाद एक हो रही घटनाओं के बाद भी जिम्मेदार कोई पहल नहीं कर रहे हैं। कई ऐसे घाट हैं जहां पानी के अंदर कोई चेतावनी रेखा नहीं खींची गई है। चेतावनी रेखा नहीं होने से लोगों को अंदाजा नहीं लग पाता कि कहां पानी की गहराई ज्यादा है और वो स्नान के दौरान गहरे पानी में जाकर अपनी जान गवां बैठते है। कई मौका ऐसा देखा गया जब स्थानीय लोग और गोराखोरों ने कई की समय रहते जिंदगियां बचाईं लेकिन कई बार लोग अपनी जान से हाथ धो बैठते हैं। बार-बार की घटनाओं के बाद भी जिम्मेदार कोई ठोस पहल करना उचित नहीं समझता।
सोमवार को एक बार फिर गंगा तट पर स्थित तुलसीघाट पर स्नान के दौरान दो युवक नदी की तेज धारा में डूब गए। वहीं, हादसे की जानकारी होने के बाद पुलिस और एनडीआरएफ की टीम मौके पर पहुंची। गंगा में डूबे अभिमन्यु सिन्हा और समीर विश्वकर्मा दुगार्कुंड में रहकर प्रायोगिक परीक्षा की तैयारी कर रहे थे। हादसे की जानकारी से परिजनों को अवगत करा दिया गया है। तुलसी घाट पर गंगा में नहाते समय सोमवार सुबह दो छात्रों की डूबने से मौत हो गई।
दुगार्कुंड में किराए के कमरे में रहकर मेडिकल परीक्षाओं की तैयारी करने वाले मध्यप्रदेश के सिंगरौली के बैढ़न निवासी अभिमन्यु सिन्हा (20) और भदोही के पट्टी निवासी समीर विश्वकर्मा (20) सुबह करीब छह बजे नहाने पहुंचे थे। गहरे पानी में दोनों की डूबने से मौत हो गई। करीब चार घंटे बाद शव निकाला जा सका। मौके पर भदोही निवासी छात्र का भाई पहुंचा। सिंगरौली के रहने वाले छात्र के परिजनों को भी सूचना दे दी गई है। बैढ़न वार्ड नंबर 42 सिंगरौली के रहने वाले संजीव कुमार सिन्हा के दो बेटों में दूसरे नंबर का अभिमन्यु और मेन रोड मौर्या पट्टी भदोही के रहने वाले भाई लाल विश्वकर्मा का बेटा समीर मेडिकल की तैयारी और कोचिंग करने के लिए दुगार्कुंड में पिछले सात महीने से रहते थे। दोनों की मौत की जानकारी होने के बाद परिजन पोस्टमार्टम हाउस पहुंचे। स्थानीय लोगों की मानें तो दोनों साइकिल से तुलसीघाट पहुंचे। साइकिल खड़ी करने के बाद दोनों घाट किनारे पहुंचे। आधे घंटे बैठने के बाद दोनों अपना कपड़ा मोबाइल सीढ़ी पर रखकर गंगा में स्नान करने के लिए उतर गए।
छह महीने के भीतर एक दर्जन से ज्यादा लोग डूबे
तुलसीघाट पर रविवार को एक युवक की गंगा में डूबने से मौत हुई। चौबीस घंटे भी नहीं बिते कि सोमवार सुबह दो लोग और गंगा में डूब गए। तुलसीघाट पर पिछले छह महीने के भीतर एक दर्जन से अधिक लोग गंगा में डूबे और उनकी मौत हो गई। इन हादसों डूबने वाले सबसे ज्यादा युवा होते हैं। घाट किनारे गहराई को लेकर कोई सांकेतिक बोर्ड और गंगा के भीतर बैरिकेडिंग नहीं होना घटना का मुख्य कारण है। तुलसीघाट के सामने गंगा में गहराई है जो नए लोगों को मालूम नहीं।