आखिर कब अतिक्रमण मुक्त होगा लंका !
- सड़क बना पार्किंग, आधी सड़को पर रहता है वाहनों का कब्जा
- कार्रवाई के नाम पर सिर्फ खानापूर्ति करता है नगर निगम और स्थानीय पुलिस
वाराणसी (रणभेरी): लंका क्षेत्र में इन दिनों अतिक्रमणकारियों से घिरा हुआ हैं। अतिक्रमण करने वालों को पुलिस- प्रशासन से न डर है न आला अधिकारियों के आदेशों से कोई फर्क। वो प्रशासन को खुली चुनौती पेश कर रहे हैं। अभी कुछ दिन पहले ही लंका क्षेत्र में अभियान चलाकर अतिक्रमण हटाया गया था, जिसमें पुलिस के अधिकारी भी मौजूद थे। अभियान के दो दिन बाद ही क्षेत्र दोबारा अतिक्रमण की जद में आ गया। लंका समेत शहर के कई इलाकों में अतिक्रमण हटाओ अभियान चलाया जा रहा है, मगर अतिक्रमणकारी अधिकारियों के जाने के कुछ ही दिन बाद फिर से अपना कब्जा जमा ले रहे हैं। लंका के तीनों ओर जाने वाले मार्गो पर अतिक्रमणकारियों का कब्जा है। लंका से डीरेका मार्ग, लंका से सामने घाट और लंका से रविदास गेट की ओर जाने वाले मार्गो पर अतिक्रमण का जाल फैला है पर जिम्मेदार आंख मूंद बैठे हैं। स्थानीय पुलिस के लचर कार्यप्रणाली के कारण सड़क पर अतिक्रमण के हालात जस के तस है। समूचा क्षेत्र दोबारा अतिक्रमण की गिरफ्त में आ गया है। अब सड़क किनारे फिर से ठेले-खोमचों की दुकानें सजने लगी हैं। सूत्रों में माने तो स्थानीय पुलिस के सह पर ही लंका पर अवैध अतिक्रमण का बाजार सजता है।
बेतरतीब खड़े वाहन बनते हैं जंजाल
सिंहद्वार के सामने तीनों ओर जाने वाले मार्गो पर ऑटो व ई-रिक्शों का जमावड़ा लगा रहता है। यात्रियों को बैठाने की होड़ में ये ऑटो चालक आधी सड़क पर काबिज हो जाते हैं। इस कारण राहगीरों को जगह नहीं मिलती और जाम लग जाता है। वाहनों के जहां-तहां खड़े करने के कारण राह से गुजरने वाले लोगों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता। कार्रवाई के नाम पर स्थानीय पुलिस सिर्फ खानापूर्ति करती है। बीएचयू हास्पिटल व ट्रामा सेंटर के अलावा लंका क्षेत्र में कई अन्य निजी अस्पताल भी हैं। अतिक्रमण और बेतरतीब खड़े वाहनों के कारण अक्सर यहां जाम लग जाता है। हर रोज कई एम्बुलेंस इसमें फंस जाते हैं। कई बार तो मरीजों को इसके गंभीर परिणाम भुगतने पड़ते हैं।