अखाड़े के साथ मॉडल हर्षा के अमृत स्नान पर भड़के संत
प्रयागराज। यूट्यूबर व मॉडल हर्षा रिछारिया के अखाड़े के साथ भगवा कपड़े पहनकर अमृत स्नान को लेकर महाकुंभ नगर में संतों में विवाद छिड़ा है। जहां एक ओर कुछ संतों ने इसे आपत्तिजनक करार देते हुए नाराजगी जताई वहीं, दूसरी ओर निरंजनी अखाड़े के महामंडलेश्वर कैलाशानंद गिरि ने इसे खारिज करते हुए कहा कि बिना वजह से इसको तूल देने की कोशिश हो रही है। सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर व मॉडल हर्षा रिछारिया ने मकर संक्रांति पर अमृत स्नान के दौरान निरंजनी अखाड़ा के महामंडलेश्वर कैलाशानंद के अनुयायियों के साथ भगवा कपड़ों में डुबकी लगाई थी। उनकी तस्वीरें और वीडियो कुछ देर में सोशल मीडिया पर वायरल हो गए। उनके स्नान के बाद से संतों ने भी अपनी नाराजगी जाहिर की। शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद ने इसे सनातन धर्म का अपमान बताया। कहा, इसमें शामिल धर्मगुरु व संतों को प्रायश्चित्त करना चाहिए। भगवा वस्त्र पहनकर इस तरह के लोगों को शामिल नहीं करना चाहिए। उन्होंने इसे मार्केटिंग इवेंट ठहराया।
शांभवी पीठाधीश्वर स्वामी आनंद स्वरूप ने कहा जिस प्रकार एक महामंडलेश्वर ने अपने रथ पर मॉडल को बैठाकर अमृत स्नान के लिए लेकर गए , यह अच्छी बात नहीं। उनको साध्वी के तौर पर प्रचारित करना भी गलत है। अन्य साधु-संतों ने भी इस पर नाराजगी जताई। इसको बेवजह तूल दिया जा रहा है। उनको संन्यास व साध्वी की कोई पदवी नहीं दी गई। उन्होंने सिर्फ गुरु दीक्षा ली है। जिस तरह हजारों अनुयायियों ने स्नान किया, उसी तरह उन्होंने भी स्नान किया। इसमें कुछ भी गलत नहीं है। - आचार्य महामंडलेश्वर कैलाशानंद गिरि, निरंजनी अखाड़ा
मैं कोई साध्वी नहीं हूं। साध्वी के लिए दीक्षा भी नहीं ली है। मैंने सिर्फ गुरु दीक्षा ली है। सनातन के काम को आगे बढ़ाना चाहती हूं। मुझे आध्यात्म की दुनिया अच्छी लगती है। इस वजह से यहां आई हूं। - हर्षा रिछारिया