मेले में चार फरवरी तक वाहनों के प्रवेश पर रोक
प्रयागराज। मौनी अमावस्या पर हुए हादसे के बाद श्रद्धालुओं की सुरक्षा के लिए मेला पुलिस ने कड़े कदम उठाए हैं। शुक्रवार से वसंत पंचमी स्नान (तीन फरवरी) के अगले दिन (चार फरवरी) तक मेला क्षेत्र को नो व्हीकल जोन घोषित कर दिया गया है। इसके तहत प्रशासनिक और चिकित्सा संबंधी वाहनों के अलावा अन्य वाहनों पर मेला क्षेत्र में पाबंदी रहेगी।
डीआईजी मेला वैभव कृष्ण का कहना है कि भीड़ बढ़ने पर पासधारक वाहनों पर भी प्रतिबंध लगाया जा सकता है। डीआईजी मेला ने बताया कि नई व्यवस्था के तहत 31 जनवरी, 1, 2, 3 व 4 फरवरी को मेला क्षेत्र नो व्हीकल जोन रहेगा। मेला क्षेत्र में श्रद्धालुओं के आवागमन की व्यवस्था सुचारू रखने के लिए यह कदम उठाए गए हैं। शासन ने मौनी अमावस्या के महास्नान से दो दिन पहले और दो दिन बाद तक वाहनों के मेला क्षेत्र में आने पर प्रतिबंध पहले से ही लागू कर रखा है। यानी, 31 जनवरी तक मेला क्षेत्र नो व्हीकल जोन पहले से ही घोषित है। अन्य प्रमुख स्नान पर्वों पर यह प्रतिबंध एक दिन पहले-एक दिन बाद तक लागू है। इस लिहाज से वसंत पंचमी पर यह प्रतिबंध दो से चार फरवरी तक लगना था। मगर, बीते स्नान पर्वों के अनुभवों को देखते हुए एक फरवरी को भी प्रतिबंध के दायरे में ले लिया गया है, ताकि श्रद्धालुओं को किसी तरह की मुश्किलों की सामना न करना पड़े।
कमिश्नरेट के डीआईजी व नोडल अफसर (महाकुंभ) डॉ. अजय पाल शर्मा ने बताया कि वसंत पंचमी पर डी-1, डी+1 प्लान लागू किया जाएगा। इसके तहत तीन फरवरी से एक दिन पहले व बाद में (यानी दो से चार फरवरी तक) शहर में कोई वाहन नहीं घुस पाएगा। पासधारक वाहनों पर भी यही व्यवस्था लागू रहेगी। श्रद्धालुओं की बसों, मिनी बसों या कारों को नजदीकी पार्किंग स्थलों पर ही खड़ा करा लिया जाएगा। वहां से वह शटल बसों या अन्य छोटे वाहनों से मेला क्षेत्र के आसपास पार्किंग स्थल तक आ सकेंगे। उन्हें पैदल जाकर निकटतम घाट पर स्नान करके इसी तरह लौटना होगा।
शहर में नहीं आ पाए वाहन, कई लोगों ने रद करा दीं होटल बुकिंग
मौनी अमावस्या के दिन कुंभनगरी में उमड़ी करोड़ों की भीड़ के कारण जिले में प्रवेश के सारे रास्ते सील कर दिए गए थे। इस कारण हजारों लोगों ने होटलों में अपनी बुकिंग रद्द करा दी। वह रास्ते में ही फंसे रह गए। इससे होटलों को काफी नुकसान हुआ है। हालांकि, टेंट सिटी सात फरवरी तक अब भी नो रूम है।