बेटे को नदी में फेंककर शांत की बदले की आग
सिंधौली । थाना क्षेत्र के गांव निवासी राजमिस्त्री संजीव ने पत्नी नन्हीं देवी की पिटाई का बदला लेने के लिए मानसिक रूप से अस्वस्थ बेटे की हत्या कर दी। पत्नी से विवाद के बाद से ही पड़ोसियों को उसने सबक सिखाने की ठान ली थी। उसने पत्नी को बताया कि उसे बुखार आ रहा है। इसके बाद साजिश के तहत बेटे गौरव व खुद की दवा लेने के लिए स्कूटी से चिनौर आया था। खुशीराम के मेडिकल स्टोर से दवा लेने के बाद शाम करीब सात बजे वह तिउलक पुल के पास पहुंचा। लोगों की आवाजाही न होने के दौरान उसने मासूम बेटे गौरव को पुल से नदी में धक्का दे दिया। आंखों के सामने वह डूब गया और उसका निर्दयी पिता उसे देखता रहा। बेटे के पानी में डूबने के बाद संजीव घर पहुंचा। उसने बताया कि पड़ोसी और चार अन्य लोग रास्ते में घेरकर बेटे को छीनकर भाग गए। इतना कहते हुए वह बेहोश हो गया। उसे पानी की छींटें मारकर होश में लाया गया। सूचना पर पुलिस भी पहुंच गई। पुलिस ने संजीव से पूछताछ शुरू की।
एक बेटी की भी हो चुकी मौत
संजीव के परिवार में पत्नी व चार बेटे थे। पुलिस के अनुसार, गौरव की मृत्यु से पहले एक बेटी भी खत्म हो चुकी है। उसके परिवार में पत्नी के अलावा बेटा सौरभ और एक बेटी है।
पुलिस के गले नहीं उतरी अपहरण की कहानी
तहरीर मिलने के बाद पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर जांच शुरू की। घटना के बाद बाबूराम अपने घर पर मिले, उनके बेटे रोजा स्थित फैक्टरी में काम करते पाए गए। घटना की गंभीरता को देखते हुए एसपी अशोक कुमार मीणा ने एसओजी को काम पर लगाया। एसपी देहात मनोज अवस्थी की निगरानी में पुलिस ने कड़ियां जोड़नी शुरू कीं। पुलिस ने संजीव से बातचीत की।
वह बार-बार पड़ोसियों पर हत्या की धारा में केस दर्ज कर जेल भेजने की बात दोहराता रहा। बेटे से ज्यादा उसकी चिंता पड़ोसियों को जेल भेजने की देखकर पुलिस को शक गहराता गया। इंस्पेक्टर धर्मेंद्र ने बताया कि नामजद आरोपियों को थाने ले आए हैं। शव मिलने पर जेल भेज देंगे तब करीब चार बजे उसने नदी में तलाश करने की जानकारी दी।
बच्चों के बीच हुआ था विवाद
संजीव के पुत्र गौरव व विवेक के पुत्र आयुष के बीच झगड़ा हो गया था। इसकी शिकायत लेकर संजीव की पत्नी नन्हीं देवी पड़ोसी के घर गई थी। आरोप है कि तब विवेक की पत्नी प्रीति ने उसे पीट दिया था। नन्हीं ने बताया था कि गांव में उसकी काफी बेइज्जती हो गई है। इसके बाद ही बेटे को मारकर केस बनाने की साजिश रची, लेकिन खुद के ही बुने जाल में वह फंस गया।
एनडीआरएफ लगाकर शव की तलाश की
मासूम के शव की तलाश करने के लिए रात में ही एनडीआरएफ को बुलाया गया। टीम ने नदी में स्टीमर के सहयोग से तलाश शुरू की। दिन निकलने पर शव को झाड़ियों में फंसा बरामद कर लिया।
फोन पास में, फिर भी पुलिस को नहीं दी खबर
बेटे को रेलिंग से धक्का देने के बाद वह सीधे घर पहुंचा। उसने फोन पास में होने के बाद भी पुलिस को सूचना नहीं दी। इसको लेकर भी वह फंस गया। उसके द्वारा साजिश रचने की जानकारी परिजन को भी नहीं थी। अपहरण की बात पर विश्वास होने पर परिजन थाने पहुंच गए थे।