टाउनहाल व बेनिया की पार्किंग के चलते रोजाना हो रहा जाम

टाउनहाल व बेनिया की  पार्किंग के चलते रोजाना हो रहा जाम
  • दोनों ही पार्किंग हमेशा रहती है फुल, हमेशा गाड़ियों के आवागमन से रहता है जाम
  • सड़क के किनारे खड़ी कर दी जा रही हैं गाड़ियां जिससे होती है लोगों को परेशानी
  • यह कानून के दायरे में तो है लेकिन यह अनुपयोगी है, जाम से भुगत रही जनता, प्रशासन कब ध्यान देगा !

राधेश्याम कमल

वाराणसी (रणभेरी): शहर के मध्य में स्थित टाउनहाल और बेनियाबाग पार्किंग स्थल के चलते रोजाना जाम हो रहा है। इन दोनों ही पार्किंग स्थलों पर हमेशा गाड़ियों के आवागमन के चलते यहां का पूरा इलाका हमेशा जाम की गिरफ्त में रहता है। चाहे टाउनहाल पार्किंग हो या फिर बेनियाबाग पार्किंग यह दोनों ही हमेशा गाड़ियों से फुल रहता है। ऐसी स्थिति में बाहर से आयी गाड़ियां सड़कों के किनारे इर्द-गिर्द खड़ी कर छोड़ दी जाती है। इसकी वजह से इन इलाकों में जाम की स्थिति उत्पन्न हो जाती है। जिसके चलते आम नागरिक जाम में फंसे रहते है। यह सब इटोपियन प्लान के अन्तर्गत आता है जिसका तात्पर्य यह है कि यह सब कानून के दायरे में तो है लेकिन यह सब उपयोगी नहीं है। पहले मैदागिन स्थित हरिश्चन्द्र पीजी कॉलेज के पास अंतिम संस्कार के लिए बाहर से आयी गाड़ियां खड़ी की जाती थी। यही पर ट्रैवेल्स के लिए गाड़ियां खड़ी रहती थी।

इसके साथ ही जो लोग बनारस घूमने के लिए आते थे उनकी गाड़ियां भी इसी जगह पर खड़ी कर दी जाती थी। दारानगर से हरिश्चन्द्र पीजी कालेज मैदागिन तक भारी जाम के चलते टाउनहाल मैदान में अंडरग्राउण्ड पार्किंग स्थल बनाया गया। जहां पर बाहर से आने वाली बड़ी गाड़ियों की यहां पर पार्किंग की जाने लगी। टाउनहाल में बाहर की गाड़ियों के लिए पार्किंग स्थल तो बनाया गया और बाहर की गाड़ियां यहां पर खड़ी की जाने लगी। लेकिन मैदागिन से दारानगर जाने वाले मार्ग पर आज भी गाड़ियों को हटाया नहीं जा सका। यहां पर आज भी अंतिम संस्कार के लिए आने वाली गाड़ियां खड़ी रहती है। इसके साथ ही बाहर से आयी गाड़ियों का स्टैण्ड यह बना हुआ है। टाउनहाल पार्किंग कुछ ही देर गाड़ियों से फुल हो जाता है। बाहर बोर्ड लग जाता है कि अब गाड़ियों के लिए जगह नहीं है। लिहाजा बाहर से आयी गाड़ियां सड़क के किनारे इधर-उधर खड़ी कर दी जाती है। जगह न मिलने से चालक कबीरचौरा अस्पताल के बाहर सड़क पर गाड़ियां छोड़ कर चले जाते है। कई गाड़ियां तो कोतवाली थाने के सामने सड़क पर खड़ी हुई देखी जा सकती है। इसके चलते विशेश्वरगंज से मैदागिन-लोहटिया-कबीरचौरा मार्ग हमेशा जाम की गिरफ्त में रहता है। टाउनहाल पार्किंग स्थल पर जगह कम होने से यहां पर जब गाड़ियां रखी जाती है या फिर बाहर निकाली जाती है तब हमेशा यह मार्ग जाम से जकड़ा रहता है। कमोबेश यही सब बेनियाबाग स्थित पार्किंग पर भी  देखने को मिलता है। बेनियाबाग पार्किंग के पास हमेशा लोगों की भारी भीड़ रहती है। यहां पर रोजाना बाहर से आये पर्यटकों की गाड़ियां खड़ी होती हैं। यहा्ं पर भी पार्किंग अक्सर फुल हो जाया करती है। 

जिसके चलते चालकों को उधर-उधर सड़कों पर ही गाड़ियों को खड़ी करने के लिए बाध्य होना पड़ता है। सड़कों के किनारे गाड़ियों को इसी तरह पार्किंंग कर दिये जाने से लोगों को जाम की समस्या से जूझना पड़ता है। बेनियाबाग से नईसड़क होते हुए गिरजाघर अथवा नईसड़क से चेतगंज- लहुराबीर जाने के लिए रोजाना इस मार्ग से लाखों लोग गुरजरते हैं लेकिन बेनियाबाग पार्किंग स्थल स लेकर नईसड़क व गिरजाघर तक रोजाना जाम के चलते लोगों को मुसीबत का सामना करना पड़ता है। इन दोनों ही पार्किंग स्थलों पर एक समय निर्धारित की जाय कि यहां पर सुबह से लेकर रात्रि में कितने बजे तक गाड़ियों की पार्किंग की जाय। मध्य काशी क्षेत्र मध्यमेश्वर को कहा जाता है। काशी का यह केन्द्र बिंदू है। जो भी बड़ी गाड़ियां जगतगंज की ओर से होकर आ रही हैं मध्यमेश्वर में खड़ी कर दी जाय। पिछले दिनों आदेश जारी किया गया कि बड़ी गाड़ियों का प्रवेश जगतगंज से रोक दिया जायेगा लेकिन इधर देखने को मिला है कि चालक जगतगंज के पीछे से गाड़ियों को लेकर लिंक रोड से होकर लहुराबीर आ जा रहे हैं और वापस भी गाड़ियां उसी रोड होकर जा रही है।

 लोगों का कहना है कि मध्यमेश्वर के पास पार्किंग स्थल बनाया जाय। यहीं पर गाड़ियों को रोक कर परिवार वाले कालभैरव मंदिर या विश्वनाथ मंदिर जाये। मध्यमेश्वर से ही इसे मैदागिन से होते हुए तेलियाबाग की ओर घूमा दिया जाय। लेकिन इस वक्त तो लोगों की मनमर्जी ही चल रही है। तमाम आदेश व निर्देश के बावजूद जिसे देखिये वह उधर से ही निकल रहा है। जाम से छुटकारा दिलाने के लिए प्रशासन ने टाउनहाल एवं बेनियाबाग में पार्किंग स्थल बनाया था लेकिन यह दोनों ही पार्किंग स्थल आम जनता के लिए अनुपयोगी साबित हुए है। थोड़ी ही देर में यह पार्किंग स्थल जब फुल हो जाते हैं तो गाड़ियां इधर-उधर खड़ी कर दी जाती हैै। जिसका खामियाजा आम जनता को भुगतना पड़ता है। आखिर इस और जिला प्रशासन कब गौर करेगा।