वाराणसी में इंजीनियर असद ख़ान ने सनातन धर्म में की घर वापसी, बने ‘अथर्व त्यागी’

वाराणसी में इंजीनियर असद ख़ान ने सनातन धर्म में की घर वापसी, बने ‘अथर्व त्यागी’

वाराणसी (रणभेरी): मध्य प्रदेश के सागर जिले के रहने वाले इंजीनियर असद ख़ान ने काशी पहुंचकर सनातन हिन्दू धर्म में विधिवत घर वापसी की। अस्सी घाट पर गंगा की गोद में नाव पर 21 वैदिक ब्राह्मणों की उपस्थिति में शुद्धिकरण, पूजन और नामकरण संस्कार संपन्न कराया गया। वैदिक मंत्रोच्चार के बीच पंचगव्य स्नान, हवन-पूजन, गणेश पूजन और हनुमान चालीसा का पाठ कराया गया। शुद्धिकरण के बाद असद ख़ान का नामकरण कर उन्हें ‘अथर्व त्यागी’ नाम दिया गया।

कार्यक्रम के दौरान अथर्व त्यागी के बाल भी उतारे गए और तिलक लगाकर सनातन धर्म में दीक्षा दी गई। इसके बाद उन्होंने बाबा विश्वनाथ के दर्शन-पूजन और शिवलिंग पर अभिषेक किया। शाम को गंगा आरती कराए जाने की भी जानकारी दी गई।

अथर्व त्यागी ने बताया कि वे पेशे से इंजीनियर हैं और एमटेक की पढ़ाई कर चुके हैं। उनका पूरा परिवार सागर जिले में रहता है और मुस्लिम धर्म का पालन करता है। उन्होंने कहा कि बचपन से ही उन्हें मंदिर जाना और पूजा-पाठ करना पसंद था, उनके अधिकतर मित्र हिन्दू हैं और वे बजरंग बली के भक्त रहे हैं।

उन्होंने बताया कि महाकाल मंदिर जाने के दौरान मंदिर में प्रवेश न मिलने की घटना ने उन्हें भीतर तक आहत किया। “दोस्तों के साथ मंदिर जा रहा था, तभी पहचान होने पर प्रवेश नहीं मिला। उसी समय मन में आया कि अपनी आस्था के अनुरूप जीवन जीने का निर्णय लेना चाहिए,” उन्होंने कहा। इसके बाद काशी के विद्वान ब्राह्मणों से संपर्क कर घर वापसी की प्रक्रिया तय की गई।

अथर्व त्यागी ने 20 रुपये के स्टाम्प पर शपथनामा भी लिखा, जिसमें उन्होंने स्वेच्छा से सनातन धर्म ग्रहण करने और सभी तथ्यों के सही होने की घोषणा की। उन्होंने बताया कि वे अब हिन्दू रीति-रिवाजों के अनुसार पूजा-पाठ करेंगे और फिलहाल परिवार से अलग रहकर जीवन यापन करेंगे।

पूजन कराने वाले ब्राह्मण आलोक योगी ने बताया कि घर वापसी से पूर्व शुद्धिकरण संस्कार कराया गया, इसके बाद शास्त्रीय विधि से पूजन और नामकरण हुआ। उन्होंने कहा कि पूरी प्रक्रिया वैदिक परंपरा के अनुरूप संपन्न कराई गई है।