ठंडी का शीतम :कड़ाके की ठंड से कांपा बनारस

ठंडी का शीतम :कड़ाके की ठंड से कांपा बनारस
  • मनाली-काठमांडू से भी ठंडा रहा वाराणसी, ठिठुरन से थमी शहर की रफ्तार
  • बाजारों में पसरा सन्नाटा, तापमान ने तोड़े रिकॉर्ड
  • शीतलहर में बेबस गरीब, अलाव न होने से बढ़ी मुश्किलें

वाराणसी (रणभेरी): बीते एक सप्ताह से पड़ रही कड़ाके की ठंड अब आमजन के लिए मुसीबत बनती जा रही है। सर्द हवाओं और शीतलहर के कारण रविवार को जिले में जनजीवन पूरी तरह अस्त-व्यस्त नजर आया। सुबह से शाम तक भगवान भास्कर के दर्शन नहीं होने से लोग घरों में दुबके रहे। ठिठुरन इतनी तेज रही कि दोपहिया वाहन चालकों के लिए बाहर निकलना मुश्किल हो गया। हल्की सी लापरवाही पर लोग सर्दी-जुकाम, वायरल और बुखार जैसी मौसमी बीमारियों की चपेट में आ रहे हैं।

कड़ाके की ठंड का असर मुख्य बाजारों पर भी साफ दिखा। चौक, गोदौलिया, लहुराबीर और मैदागिन जैसे इलाकों में आम दिनों की तुलना में भीड़ काफी कम रही। जरूरत पड़ने पर ही लोग घरों से निकले। वहीं ठंड से बचाव के लिए गर्म कपड़ों, हीटर और ब्लोअर की मांग में इजाफा हुआ है। दुकानदारों के अनुसार ऊनी कपड़े और रूम हीटर की बिक्री में तेजी आई है।

मौसम के आंकड़े भी चौंकाने वाले रहे। रविवार इस सीजन का अब तक का सबसे ठंडा दिन दर्ज किया गया। वाराणसी का अधिकतम तापमान सामान्य से 9.2 डिग्री नीचे गिरकर मात्र 13.5 डिग्री सेल्सियस रहा, जबकि न्यूनतम तापमान 8.8 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। दिलचस्प बात यह रही कि बनारस रविवार को मनाली, काठमांडू और करीब 5000 फीट ऊंचाई पर बसे श्रीनगर जैसी ठिठुरन झेलता नजर आया। मनाली का अधिकतम तापमान 15 डिग्री, काठमांडू का 16 डिग्री और श्रीनगर का 12.6 डिग्री सेल्सियस रिकॉर्ड किया गया। यूपी आंचलिक मौसम विज्ञान केंद्र के वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ. अतुल कुमार सिंह ने बताया कि यह दिसंबर का अब तक आठवां सबसे कम तापमान है और 2019 के बाद पहली बार इतनी ठंड दर्ज की गई। उन्होंने कहा कि अगले दो दिनों तक ठंडक इसी तरह बनी रह सकती है, इसके बाद कोहरा और बढ़ने की संभावना है। शीतलहर के बीच चौक-चौराहों पर अलाव की समुचित व्यवस्था न होने से सबसे अधिक परेशानी झुग्गी-झोपड़ी और सड़कों के किनारे रहने वाले लोगों को उठानी पड़ी। कड़ाके की ठंड में उनके लिए रातें काटना किसी चुनौती से कम नहीं रहा।

नए साल पर बारिश और कड़ाके की ठंड का डबल अटैक संभव

उत्तर प्रदेश में शीतलहर इस समय लोगों के लिए किसी “थर्ड डिग्री टॉर्चर” से कम साबित नहीं हो रही है। घना कोहरा, कोल्ड डे और लगातार गिरते तापमान ने जनजीवन को पूरी तरह प्रभावित कर दिया है। वाराणसी, प्रयागराज, लखनऊ, कानपुर समेत कई जिलों में हालात किसी हिल स्टेशन जैसे बन गए हैं। अब नए साल से ठीक पहले बारिश की संभावना ने लोगों की चिंता और बढ़ा दी है। भारतीय मौसम विभाग के अनुसार, प्रदेश में अगले 72 घंटे मौसम का मिजाज बदला रहेगा। नए साल के आसपास पश्चिमी उत्तर प्रदेश के कई जिलों में हल्की बारिश या बूंदाबांदी होने की संभावना जताई गई है। मौसम वैज्ञानिकों का कहना है कि बारिश के बाद न्यूनतम तापमान में और गिरावट आ सकती है, जिससे ठंड और ज्यादा तीखी महसूस होगी।
लखनऊ स्थित आंचलिक मौसम विज्ञान केंद्र के मुताबिक, 29 से 31 दिसंबर तक प्रदेश के अधिकांश हिस्सों में घना कोहरा छाया रहेगा। इस दौरान कई जिलों में कोल्ड डे की स्थिति बन सकती है। सुबह और देर रात दृश्यता बेहद कम रहने से सड़क, रेल और हवाई यातायात प्रभावित होने की आशंका है।

कड़ाके की ठंड और कोहरे के कारण सुबह-शाम सड़कें सूनी नजर आ रही हैं। गरीब और बेसहारा लोगों के लिए रातें बेहद मुश्किल हो गई हैं। प्रशासन ने रैन बसेरों और अलाव की व्यवस्था बढ़ाने के निर्देश दिए हैं। मौसम विभाग ने लोगों से सतर्क रहने और ठंड से बचाव के उपाय अपनाने की अपील की है।

ठण्ड से बीमार दो दर्जन लोग पहुंचे अस्पताल

ठंड से बीमार मरीजों का अस्पतालों में आना शुरू हो गया हैं। इससे बीमार मण्डलीय अस्पताल में रविवार को दो दर्जन मरीज पहुंचे। इनमें छह मरीज भर्ती कराये गये हैं। अस्पताल में ठंड पीड़ित मरीजों के लिए बॉडी वर्मार लगाया गया हैं। ठंड बढ़ने के साथ ही इससे बीमार मरीजों की अस्पतालों में संख्या बढ़ गयी हैं। रविवार को ठण्ड की चपेट में आने से पेट दर्द, उल्टी, बुखार व गैस्ट्राइटिस से पीड़ित दो दर्जन से ज्यादा मरीज मण्डलीय अस्पताल के आकस्मिक विभाग में पहुंचे। शहर के विभिन्न क्षेत्र के छह मरीज शाम तक भर्ती हो चुके हैं। इनमें प्यारे, पूजा, आयुषी मिश्रा, विजय सिंह समेत छह मरीज शामिल हैं। आकस्मिक विभाग के डॉ ओम प्रकाश ने बताया कि ठण्ड से बीमार मरीजों के लिए तत्काल बॉडी को गर्माहट देने के लिए बॉडी वार्मर मशीन लगाया गया हैं। जिससे ठण्ड की चपेट में आकर मरीज हाइपोथर्मिया का शिकार हो जाता हैं। ऐसे में यह मशीन मरीज के शरीर का तापमान बढ़ाने के लिए उपयोग किया जा रहा हैं।

17 घंटे देरी से कैंट पहुंची ट्रेनें

कोहरे के चलते उत्तर भारत क्षेत्र से गुजरने वाली ट्रेनों का परिचालन प्रभावित हो गया है। इस कारण गाड़ी संख्या-03224 हरिद्वार- राजगीर स्पेशल ट्रेन सर्वाधिक 17.45 घंटे तक विलंबित रही। गाड़ी संख्या-12369 कुंभ एक्सप्रेस 10 घंटे, 12562 स्वतंत्रता सेनानी एक्सप्रेस 11 घंटे, 13005 पंजाब मेल 10.30 घंटे और 12582 नई दिल्ली-बनारस सुपरफास्ट एक्सप्रेस 9 घंटे, 12560 शिवगंगा एक्सप्रेस 6.30 घंटे की देरी से पहुंची। इधर, गाड़ी संख्या-09526 नाहरलागुन- हापा स्पेशल ट्रेन 7 घंटे, 14006 लिच्छवी एक्सप्रेस 5.15 घंटे, 22428 भृगु एक्सप्रेस 6 घंटे की देरी से आई। सेमी हाईस्पीड ट्रेन 22436 वंदे भारत एक्सप्रेस 4.40 घंटे विलंबित रही। जिसे री-शेड्यूल (समय पुनर्निर्धारण) करके चलाया गया। गाड़ी संख्या-12238 बेगमपुरा एक्सप्रेस 6 घंटे, 15734 फरक्का एक्सप्रेस 5 घंटे, 15232 गोंदिया-बरौनी एक्सप्रेस 4.15 घंटे एवं 04024 दिल्ली-वाराणसी स्पेशल ट्रेन 3.30 घंटे की देरी से गुजरी।