पुलिस ही है रखवाला ! लंका में अवैध स्टैंड का बोलबाला

लंका मालवीय तिराहे के पास सड़कों पर ही सजता है अवैध स्टैंड और अतिक्रमण का बाजार
राहगीरों के लिए मुसीबत बना बीएचयू-भगवानपुर मार्ग पर अवैध वाहन स्टैंड
जिम्मेदार देते है सुदृढ़ व्यवस्था की दुहाई, आखिर किसकी जेब में पहुंच रही अवैध
कमाई !
वाराणसी (रणभेरी सं.)। वाराणसी सदियों से धर्म, शिक्षा और व्यापार की नगरी रही है। यही कारण है कि यह शहर हमेशा भीड़भाड़ और व्यस्ततम जीवन से परिपूर्ण रहता है। यहां अनेक लोगों ने अपनी रोजी रोजगार का संसाधन जुटा लिया है। ऐसे में आज रोजी रोजगार के नाम पर वाहन संचालकों ने अवैध स्टैंड का कारोबार शुरू कर दिया है।
वाराणसी के व्यस्ततम क्षेत्रों में से एक लंका, जो वास्तव में शहर वासियों के लिए लाइफ लाइन है, वहां अवैध स्टैंड का बोलबाला चरम पर है। जाहिर है कि पुलिस कमिश्नर मोहित अग्रवाल लगातार यह आदेश देते हैं कि अवैध स्टैंड और अतिक्रमण के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए लेकिन यह विडंबना है कि सीपी के आदेश के बावजूद वाराणसी के लंका क्षेत्र में अवैध स्टैंड का खूब बोलबाला है, जो अब तक राहगीरों के परेशानियों का सबब बना हुआ है। सीपी के आदेश के बावजूद व्यवस्था में जिस प्रकार से दिलाई देखने को मिल रही है, उससे साफ साफ जाहिर है कि इन अवैध स्टैंडो के रखवाले नगर निगम और स्थानीय प्रशासन ही हैं। स्थानीय पुलिस और नगर निगम के जिम्मेदारों के मिलीभगत से वाहन स्टैंड संचालकों की मनमानी खूब हो रही है। आॅटो चालक नियम कानून को बखूबी धज्जियां उड़ाते नजर आते है। आॅटो-टोटो चालकों की मनमानी से आम जनता त्रस्त है। सड़को पर सवारी भरना, उतारना आम बात है। इन्हें न नियम कानून का डर है न ही प्रशासन का। सूत्रों की माने तो ये आॅटो-टोटो चालक हर ट्रिप का पैसा देते है इसलिए उन्हें किसी का डर नहीं। बीते दिनों जिम्मेदारों ने सीपी के आदेश का खूब फूर्तिबाजी से अनुपालन किया परंतु सच यह है की फूर्तिबाजी के नाम पर केवल खानापूर्ति हुई है। अवैध स्टैंड और मनमानी वसूली से अवैध कमाई का होना एक छोटी घटना है, लेकिन इस घटना को अंजाम देते जिम्मेदार अपना उल्लू सीधा किए बैठे अपनी सफाई देते रहते हैं। अब देखना यह है कि कब जिम्मेदार लंका की सड़कों को अवैध धंधों से मुक्त करवा पाते हैं।
अवैध स्टैंड जाम का सबसे बड़ा सबब
काशीवासियों के लिए सुगम राह आसान नहीं हैं। यहां के लोगों का ज्यादा समय रोज जाम से निबटने में लग जा रहा है। घर से काम पर निकलते समय ट्रैफिक समस्या से जूझना अब लोगों की नियति बन चुकी है। वजह जगह जगह अवैध रूप से संचालित हो रहे अवैध स्टैंड है। अफसोस, समस्या के निवारण के लिए नित नए प्लान तो बन रहे हैं, लेकिन उन्हें जमीन पर न उतरने से समस्या कई और परेशानियों को जन्म दे रही है। जिम्मेदार भी कार्रवाई के नाम पर सिर्फ खानापूर्ति कर अपनी जिम्मेदारियों से पल्ला झाड़ ले रहे है। ऐसे में नासूर बन चुकी यह समस्या फिलहाल जिम्मेदारों के लिए चुनौती बनी हुई है। स्थानीय प्रशासन और ट्रैफिक विभाग तो कार्रवाई की बात पर सोया हुआ है ही, साथ में नगर निगम भी कुछ नहीं कर रहा लिहाजा समस्या अब लाइलाज बन चुकी है। अक्सर शहर के कई इलाके जाम से परेशान रहते है। चौतरफा जाम के चलते हर कोई पनाह मांगता नजर आता है।
नगवां पुलिस चौकी से सौ मीटर की दूरी पर संचालित होता है अवैध स्टैंड
बीएचयू ट्रॉमा सेंटर से भगवानपुर मार्ग तक का हिस्सा इन दिनों अवैध वाहनों के अतिक्रमण का केंद्र बन गया है। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार पुलिस की शिथिलता और सांठगांठ का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि ट्रामा सेंटर के बगल में भगवानपुर रोड पर अवैध स्टैंड धड़ल्ले से संचालित हो रही है पर जिम्मेदार की नजर यहां तक नहीं पहुंच पा रही है। यहां बिना अनुमति के जीप व अन्य वाहनों को खड़ा कर सवारियों को भरने का काम खुलेआम किया जा रहा है। यह स्थान न तो अधिकृत वाहन स्टैंड है और न ही प्रशासन से इसके संचालन की अनुमति ली गई है, फिर भी आधे सड़क मार्ग को कब्जा कर यह अतिक्रमण किया गया है। स्थानीय निवासी रमेश ने बताया कि यहां से बिहार जाने वाली जीपें अवैध रूप से खड़ी करके सवारी भरती हैं। जब कोई राहगीर या स्थानीय व्यक्ति विरोध करता है तो वाहन चालक झगड़े पर उतर आते हैं। आरोप है कि ये चालक अक्सर दबंगई दिखाते हैं और मनबढ़ तरीके से व्यवहार करते हैं। स्थानीय लोगों का कहना है कि जब भी प्रशासन द्वारा इन पर कोई कार्रवाई की योजना बनाई जाती है, तो उन्हें पहले से ही इसकी भनक लग जाती है और वे मौके से वाहन हटाकर भाग जाते हैं। इससे कार्रवाई निष्प्रभावी हो जाती है। यह मार्ग पहले ही सड़क खुदाई और निर्माण कार्य के चलते संकरा हो चुका है। ऊपर से आधे हिस्से पर अवैध वाहन खड़े होने से स्कूली बच्चों, मरीजों, तीमारदारों, बुजुर्गों और राहगीरों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। मैरिज पार्टी और एंबुलेंस को भी जाम जैसी स्थिति से जूझना पड़ता है। स्थानीय लोगों ने आरोप लगाया कि ट्रैफिक पुलिस और लंका थाना क्षेत्र की चौकी पुलिस रोजाना इसी मार्ग से गुजरती है और कई बार ड्यूटी पर भी होती है, लेकिन उन्हें यह अवैध स्टैंड नजर नहीं आता। लोग इसे प्रशासनिक उदासीनता करार दे रहे हैं। स्थानीय जनता की मांग है कि सड़क से अतिक्रमण हटाया जाए, नियमित रूप से निगरानी हो और अतिक्रमणकारियों पर सख्त कार्रवाई की जाए, ताकि राहगीरों को सुरक्षित और सुगम आवागमन मिल सके। ट्रैफिक पुलिस ने इसकी जांच कराकर जल्द से जल्द कार्रवाई की बात कही है।