आसमान में उड़ाने के नाम पर जेब पर डाला डाका
- आस्था के रेला में मक्कारी का मेला
- पर्यटन विभाग ने बर्बाद कर दिया देव दीपावली का उत्साह, बुरे अनुभव के साथ खत्म हुआ बैलून फेस्टिवल
- दुर्व्यवस्थाओं के आलम में बच्चे,बूढ़े,जवान सब हुए मायूस
वाराणसी (रणभेरी): दुनिया भर में अपनी खूबसूरती के लिए मशहूर देवदीपावली महोत्सव इस बार वाराणसी में सैकड़ो लोगों के दिल में बुरी यादें छोड़ गया। विश्वविख्यात महोत्सव की अदभुत व निराली छटा खुले आसमान से निहारने की ख्वाहिश के संग जिन लोगों ने बैलून फेस्टिवल में हिस्सा लिया उन सबके अरमानो पर पानी फिर गया। मस्त मौला जिन्दगी जीने वाली बनारस की जनता ने खुद को न केवल ठगा हुआ महसूस किया बल्कि देव दीपावली का लुत्फ उठाने से भी वंचित रह गए। उत्तर प्रदेश पर्यटन विभाग की ओर से आयोजित तीन दिवसीय हॉट एयर बैलून फेस्टिवल में वाराणसी की भोली भाली जनता को सीधे तौर पर ठगने व धोखा देने की बात सामने आई है। विदित हो की इस बार वाराणसी की देवदीपावली के मौके पर सरकार के पर्यटन विभाग की ओर से 17 से 19 नवम्बर तक के लिए बैलून उत्सव का आयोजन किया गया था। इस आयोजन में प्रतिभाग करने के लिए पर्यटन विभाग की ओर से पांच-पांच सौ रुपए के टिकेट बेचे गए थे।
इसके पूर्व 3-4 दिनों से इस उत्सव की ओर लोगों को आकर्षित करने के लिए वाराणसी में घनी आबादी वाले क्षेत्रों के ऊपर खुले आसमान में पर्यटन विभाग की ओर से सुबह के वक़्त बैलून उड़ाया जा रहा था। वाराणसी के लोगों ने सुबह के वक्त जब अपने-अपने घरो के ऊपर आसमान में उड़ता हुआ हॉट एयर बैलून और उसपर सवार लोगों को देखा तो खुद को रोक न सके। फिर समाचार पत्रों के माध्यम से पर्यटन विभाग की ओर से खबर प्रकाशित करायी गयी की बैलून फेस्टिवल में शामिल होने वाले लोग खुले असमान से देखेंगे देव दीपवाली का नजारा। इसके बाद हवा में उड़ने की चाहत रखने वाले लोग खुद को रोक न सके और पर्यटन विभाग द्वारा पांच-पांच सौ रुपए में बेचे जा रहे टिकट को इस ऐतबार के साथ खरीदा की जिस तरह पूरे शहर के आसमान में बैलून से उड़ते हुए लोग दिखाई दे रहे थे ठीक उसी तरह बैलून पर सवार होकर देव दीपवाली की छठा निहारेंगे लेकिन ऐसा कुछ भी नहीं हुआ जो लोगों ने सोचा था।
बैलून फेस्टिवल में आये लोगों का कहना था कि चौकाघाट स्थित सांस्कृतिक संकुल में टिकट बेचने वाले लोगों ने बताया था कि यह बैलून जमीन से ८०० फीट की ऊँचाई पर उड़ेगा और 15 मिनट तक आस्मां में सफर कराया जायेगा। इसी बात पर लोगों ने एक-एक टिकट के लिए 500-500 रुपए देने में देर नहीं की लेकिन इस आयोजन के नाम पर सरकार के पर्यटन विभाग ने बनारस की जनता को ठगने का काम किया। यहाँ आने वाले लोग धूल-मिटटी में सनकर बदहवास दिख रहे थे। दूर तक पैदल चल कर आ रहे लोगों के लिए न ही पानी की और न ही बैठने की कोई व्यवस्था दिखी। इस बात को लेकर भी लोगों में बड़ी नाराजगी देखी गयी।
स्टीमर पर नहीं थी सुरक्षा की व्यवस्था
बैलून फेस्टिवल में भाग लेने वाले प्रतिभागियों को पर्यटन विभाग द्वारा जिस स्टीमर पर बैठा कर खिडकिया घाट से उस पार ले जाया जा रहा था, उसपर सुरक्षा की भी कोई व्यवस्था नहीं थी। यूँ तो नावो पर प्राण रक्षक यन्त्र रखने के लिए जिला प्रशासन बड़े-बड़े दावे करता है लेकिन इन दावों की पोल सरकारी विभाग ने ही खुद खोल कर रख दी। बैलून फेस्टिवल के प्रतिभागियों को टिकट बेचते वक़्त यह बताया गया था की इसी टिकट पर खिड़किया घाट से गंगा उस पार तक लोगों को नाव या मोटर बोट के जरिये पहुचाया जायेगा। इस नाव पर सुरक्षा का कोई प्रबंध नहीं था ऐसे में यदि कोई दुर्घटना हो जाती तो नाव पर सवार लोगों की सुरक्षा भी भगवान भरोसे थी।
तीन किलोमीटर पैदल चलकर जोश हो गया ठंडा
बैलून फेस्टिवल में शामिल होने वाले लोगो को गंगा के उस पार उतरने के बाद लगभग तीन किलोमीटर तक पैदल चलकर सेमरा पहुचना था। जहां बैलून फेस्टिवल कार्यक्रम स्थल बनाया गया था। गंगा के तट से कार्यक्रम स्थल तक की दूरी तय करने वाले लोगों में गजब का आक्रोश देखा गया। पर्यटन विभाग की बद-इन्तजामी से हर कोई नाराज दिखा। लोगों में इस बात को लेकर काफी गुस्सा था की गंगा तट से कार्यक्रम स्थल तक जाने के लिए कोई व्यवस्था नहीं थी। लगभग तीन किलोमीटर मिट्ठी और बालू पर गंदे रस्ते से होकर गुजरना था। इस रास्ते पर न ही प्रकाश की व्यवस्था थी और न ही सुरक्षा के समुचित इंतजाम।
2-मिनट,20-फीट और खत्म हो गए 500 रुपए
हवा में कुछ देर तक उड़कर देवदीपावली का दृश्य देखने की चाहत के साथ जिन लोगों ने 500 रुपए देकर टिकट खरीदे थे उन सबके अरमान धरे के धरे रह गए। तमाम दुश्वारियों के बाद कार्यक्रम स्थल पर पहुँच कर लोगों ने जब हॉट एयर बैलून्स देखे तो आँखों में इस बात को लेकर चमक आ गई की हवा में उड़ते ही सारे पैसे वसूल हो जायेंगे लेकिन पर्यटन विभाग की धोखेबाजी ने सबका जोश ठंडा कर दिया महज 2 मिनट के अन्दर रस्सी के जरिये बंधे हुए बैलून्स को अधिकतम 20 फीट की ऊँचाई पर ले जाकर उतार दिया जा रहा था जिसे लेकर लोगों में बेहद नाराजगी देखने को मिली।
अफसरों को मजा पब्लिक को सजा...
जब कार्यक्रम स्थल पर बौखलाए कुछ लोगों ने यह सवाल किया की सुबह के वक्त आसमान में जिन लोगों को देर तक उड़ाया जा रहा था उन लोगों ने ज्यादा पैसा दिया था क्या ? तो आयोजकों ने बताया की जो गुब्बारे देर तक उडाये जा रहे थे उसमे पब्लिक नहीं बल्कि अफसरों का परिवार था । इस तरह यह आयोजन अफसरों के लिए मजा लेकिन पब्लिक के लिये सजा बन गया ।
सामने आया फरेबी सरकार का एक और झूठ
किसी भी काम को बढ़ा-चढ़ा कर दिखाना और सोशल मीडिया पर देश भर में प्रचारित करना भाजपा आईटी सेल की फितरत बन गयी है। सुबह के वक़्त शहर के आसमान में हॉट एयर बैलून को घुमा-घुमा कर खूब फोटोग्राफी की गयी जिसे देश भर में बनारस का विकास बताया गया। लेकिन सरकार के मक्कार विभाग ने मिडिल क्लास फैमिली के लोगों की जेब पर डाका डाला। 8-10 लोगों के परिवार ने 5 से 6 हजार खर्च किये जिन्हें महज 2 मिनट में बेवकूफ बना कर भगा दिया गया। झूठी सरकार और फरेबी सिस्टम का एक और चेहरा सामने आया बनारस की जनता को न केवल सरकार ने एक बार फिर से ठग लिया बल्कि देवादीपावली की मस्ती के रंग में गुब्बारा दिखाकर भंग डालने का कृत्य किया। दूर से खूबसूरत दिखने वाले रंग बिरंगे गुब्बारो ने वहा जाने वालों के मिजाज को बदरंग कर दिया। ----अजीत सिंह (पार्षद)