बाजारों में छाई रौनक, खुशी और उत्साह से लोग दिन भर करते रहे खरीदारी
- मां लक्ष्मी के आगमन के लिए घरों की साफ-सफाई कर द्वार पर की गई सजावट, बनाई गई रंगोली
वाराणसी(रणभेरी): प्रकाश के सबसे बड़े पर्व दीपावली को मनाने के लिए पूरा बनारस एक रस में उत्साहित है। बाबा विश्वनाथ की प्यारी नगरी काशी आज प्रकाश और आभा के साथ उर्जा और उत्सव की गगरी से आलोकित होगी। दीप पर्व को लेकर सुबह से ही बजारों में रौनक देखते ही बन रही थी। दीपावली पर पूरे शहरवासी पूजा की तैयारी में जुटे हैं। सभी गणेश-लक्ष्मी की मूर्ति से लेकर कैलेंडर और सजावट की सामानों की जमकर खरीदारी कर रहे हैं। मां लक्ष्मी के आगमन के लिए घरों की साफ-सफाई कर द्वार पर सजावट की जा रही है। घर आँगन में रंगोली भी बनाई जा रही है। दरअसल प्रकाश का पर्व दिवाली को लेकर तैयारी में गुरुवार को सभी लोग जुटे है। मां लक्ष्मी के आगमन के लिए लोग अपनी दुकान मकानों को साफ सुथरा करने के बाद उसे बेहतर तरीके से सजाने में जुटे गए है। शाम होते ही सरकारी गैर सरकारी सभी भवन झालर और दीप से जगमगाते के लिए सजाए जा रहे है। दीपावली की खरीदारी को लेकर शुक्रवार से ही बाजारों में जमकर भीड़ उमड़ रही। हर कोई माँ लक्ष्मी के आगमन के लिए जोरों से तैयारियां कर रहे है।
फूलों की माला के दामों में आई उछाल
दीवाली के कारण फूलों की बढ़ती मांगो ने उसकी कीमत में उछाल ला दिया है क्यूंकि दिवाली के मौके पर लोग अपने घरों और दुकानों की सजावट गेंदे के फूलों से करते हैं, लेकिन इस बार गेंदे का फूल के दाम में काफी उछाल देखने को मिला। अधिकांश लोगों ने महंगाई के कारण कम मात्रा में ही फूलों की खरीदारी कर रहे है। बाजारों में फूलों की बिक्री जोरों पर है।
त्योहार सकुशल सम्पन्न कराने के लिए प्रशासनिक स्तर पर पुख्ता इंतजाम
त्योहारों के मध्यनजर प्रशासन पूरी तरह तैयार और मुस्तैद है। दीपोत्सव के पर्व पर शहर में सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किये गए हैं। दीपावली के पर्व पर सुरक्षा-व्यवस्था चौकस है ताकि खुशियों के पर्व में कोई भंग न पड़े। प्रत्येक चौराहों पर पुलिस- प्रशासन पूरी तरह सक्रिय और मुस्तैद हैं। त्योहारों को देखते हुए असमाजिक तत्वों पर भी प्रशासन की पैनी नजर है।
मिठाईयों की दुकानों पर रही भीड़, हो रही एडवांस बुकिंग
प्रकाशोत्सव का पर्व खुशियों और मिठास को लेकर आता है। भगवान गणेश और लक्ष्मी की पूजा भी मिठाई के द्वारा ही की जाती है। दुकारदारों द्वारा भी विभिन्न प्रकार के मिठाई पर्याप्त मात्रा में बनाकर रख लिए है ताकि मिठाई की कमी न हो। बेसन के लड्डू छेना बर्फी के अलावे अन्य मिठाइयों के भी मांग जम कर हो रही।
मूर्तियों की खरीदारी भी जोरो पर
दीपोत्सव के पर्व पर माँ लक्ष्मी और गणेश जी के मूर्ति की पूजा अर्चना की जाती है। बाजारों में मिट्टी से बने तरह तरह के भगवान की मूर्तियां बिक रही है। मूर्तियों के दुकानों पर भी भीड़ है क्योंकि लोग दीवाली के शाम इन मूर्तियों को पूरे श्रद्धा भाव से पूजन करते है। मूर्तियों के दामों में भी इजाफा है, परन्तु थोड़ी बढ़ी सी कीमत लोगों के आस्था के आगे बौना साबित हो रहा।
क्यों मनाया जाता प्रकाश का पर्व दीवाली..?
मान्यता है कि भगवान राम जब अपने 14 वर्ष के वनवास काटकर तथा रावण को मारकर अयोध्या नगरी वापस लौटे तब नगरवासियों ने उनके सम्मान में अयोध्या को साफ-सुथरा करके रात को दीपों की ज्योति से दुल्हन की तरह जगमगा दिया था। तब से आज तक यह परंपरा चलती रही है कि कार्तिक अमावस्या के गहन अंधकार को दूर करने के लिए रोशनी के दीप प्रज्वलित किये जाते है। ऐसा भी कहा जाता है कि जब देवताओं और राक्षसोंं द्वारा समुद्र मंथन चल रहा था तब कार्तिक अमावस्या पर देवी लक्ष्मी क्षीर सागर (दूध का लौकिक सागर) से ब्रह्माण्ड मे आई थी। तभी से माता लक्ष्मी के जन्मदिन की उपलक्ष्य मे दीपावली का त्यौहार मनाया जाता है।
लक्ष्मी पूजा का शुभ मुहूर्त
लक्ष्मी पूजा का शुभ मुहूर्त शाम 06 बजकर 09 मिनट से रात 08 बजकर 20 मिनट तक चलेगा।
बाजार रहे गुलजार, दिन भर होती रही खरीददारी
दीपावली पर्व पर शहर से लेकर गांव तक का बाजार गुलजार रहा। गुरुवार को पूरे दिन जहां बाजार में परिधान, आभूषण, वाहन, इलेक्ट्रानिक सामान और रंग बिरंगे दीयों की दुकानों पर लोगों की भीड़ लगी रहीं। वहीं, तरह तरह के आकर्षक आफर के माध्यम से ग्राहकों को लुभाने की होड़ सी लगी हुई है। इलेक्ट्रानिक सामान, बाइक की खरीद पर उपहार देने में लोग लगे रहे। दीपावली के दिन बाजारों में खूब रौनक रही। लोगों ने लक्ष्मी और गणेश पूजन के लिए मूर्तियां, खील-बतासे और खिलौने आदि खरीदे। पटाखे के दुकान पर भी लोग खरीददारी किये। शहर में लोगों ने दिवाली पूजन के लिए नए कपड़े और अन्य सामान खरीदा।