वाराणसी में शिक्षकों का हल्ला बोल, OPS बहाली समेत 31 सूत्रीय मांगों को लेकर प्रदर्शन

वाराणसी (रणभेरी): वाराणसी में पुरानी पेंशन स्कीम (OPS) बहाली समेत 31 सूत्रीय मांगों को लेकर बुधवार को वाराणसी के जिला विद्यालय निरीक्षक (DIOS) कार्यालय के बाहर शिक्षकों और प्रधानाचार्यों ने जोरदार धरना-प्रदर्शन किया। उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षक संघ के बैनर तले हुए इस आंदोलन में शिक्षकों ने सरकार पर वादाखिलाफी का आरोप लगाया और कहा कि चुनाव से पहले OPS लागू करने का वादा किया जाता है, लेकिन सत्ता में आते ही सुर बदल जाते हैं।
शिक्षकों ने कहा-
“हम आधुनिक युग के ऋषि हैं, जिन्होंने बच्चों का भविष्य संवारने में अपनी जवानी खपा दी। लेकिन बुढ़ापे में सम्मान से जीने का अधिकार क्यों छीना जा रहा है? “अब तो रिटायरमेंट से डर लगता है। बाबू और चपरासी तक के घर करोड़ों-करोड़ों की काली कमाई बरामद होती है, लेकिन हमारे बुढ़ापे का सहारा OPS छीनने की कोशिश की जा रही है। हम ऐसा नहीं होने देंगे।”
गुटबाजी से कमजोर हुआ शिक्षक हित
धरना स्थल पर वक्ताओं ने आत्ममंथन करते हुए स्वीकार किया कि गुटबाजी के चलते शिक्षक हित कमजोर हुआ है और सरकार इसका फायदा उठा रही है। जो शिक्षक एमएलसी चुनाव जीत जाते हैं, वे अलग गुट बना लेते हैं और जिन्हें टिकट नहीं मिलता वे अलग। नतीजा यह होता है कि नुकसान सिर्फ शिक्षकों का होता है। वक्ताओं ने स्पष्ट कहा कि हक पाने के लिए शिक्षकों को एकजुट होना पड़ेगा।
संघर्षशील नेताओं को किया याद
इस मौके पर शिक्षकों ने दिवंगत नेताओं ओमप्रकाश शर्मा, पंचानन राय और मांधाता सिंह को याद किया और कहा कि इन नेताओं ने शिक्षकों के हितों के लिए अपना जीवन समर्पित कर दिया।
प्रमोद मिश्रा को योग्य उम्मीदवार बताया
धरना प्रदर्शन में शिक्षकों ने प्रमोद मिश्रा को शिक्षक एमएलसी का सबसे योग्य उम्मीदवार करार दिया। उनका कहना था कि विधान परिषद में उनकी मौजूदगी से शिक्षकों की आवाज दमदारी से उठेगी। साथ ही शिक्षकों ने वोटकटवा नेताओं से सतर्क रहने की अपील भी की।
कई प्रमुख शिक्षक रहे मौजूद
प्रदर्शन में पूर्व एमएलसी डॉ. प्रमोद कुमार मिश्र, गिरिजेश तिवारी, राजेश राय, विनोद शंकर पांडेय, विजय प्रताप सिंह, वंश बहादुर सिंह, विद्यासागर राय, कमलेश सिंह, ज्ञानेंद्र सिंह, अनंत त्रिपाठी, जितेंद्र कुमार, विनोद पांडेय, संजय कुमार, विवेक कुमार मिश्रा, अखिलेश कुमार पांडेय, विजय नारायण सिंह, शिवेंद्र तिवारी और सरफुद्दीन समेत अनेक शिक्षक मौजूद रहे।