सिर्फ नाम बदलने को ही विकास कहती है भाजपा: रीबू श्रीवास्तव

सिर्फ नाम बदलने को ही विकास कहती है भाजपा: रीबू श्रीवास्तव

 

  • कॉरिडोर के नाम पर कितनो को किया बेरोजगार 
  • महंगाई,बेरोजगारी जैसे मुद्दों से जनता को भटका रही भाजपा 
  • महिला सुरक्षा के नाम पर नाकाम है वर्तमान सरकार 
  • सिर्फ जाती-धर्म मंदिर,मस्जिद की राजनीति करती है भाजपा 


वाराणसी (रणभेरी): पूर्वांचल सहित पूरे उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनाव को लेकर सरगर्मी तेज नजर आ रही है। उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के लिए तैयारियों में जुटी प्रमुख पार्टियों का झुकाव छोटे सियासी दलों की तरफ बढ़ा है। भाजपा और सपा समेत लगभग सभी दल समाजिक और क्षेत्रीय समीकरण सुधारने के लिए छोटे दलों का सहारा ले रहे हैं। छोटे दल भले ही जिले तक सीमित हों पर उनका प्रभाव काफी बड़ा है। यह दल जाति आधारित है। इनका क्षेत्र विशेष प्रभाव रहता है। उनके इस प्रभाव को भुनाने की फिराक में बड़ी सियासी पार्टियां मशक्कत कर रही हैं। चुनावी माहौल के बीच प्रबुद्ध वर्ग यानी ब्राह्मण वर्ग का वोट लोगों के लिए आकर्षण का केंद्र बन रहा है। सपा-बसपा ब्राह्मणों को साधने के साथ साथ महंगाई, बेरोजगारी के मुद्दों पर बीजेपी को घेर रही है वहीं भी अपने साढ़े चार साल का लेखाजोखा जनता के बीच में रखकर चुनावी तैयारियों में जुटी है। हर राजनीतिक दल जातिगत राजनीति के सहारे 2022 की चुनावी नाव को पार लगाना चाहता है। प्रमुख विपक्षी दल समाजवादी पार्टी ने छोटे दलों से गठबंधन करने का निर्णय लिया है। अखिलेश यादव ने साफ तौर पर कह दिया है कि बड़ी पार्टियों से हमारा गठबंधन का अनुभव अच्छा नहीं रहा है। इस कारण इस बार हम छोटे दलों के साथ मिलकर चुनाव लड़ेगें। सपा ने महान दल के साथ हांथ मिलाया है। उसका प्रभाव बरेली, बदायूं और आगरा क्षेत्र के सैनी, कुशवाहा शाक्य के बीच है।

इसके अलावा जनवादी पार्टी भी सपा के साथ है। इसके अलावा सपा का आरएलडी से गठबंधन लोकसभा चुनाव से चला आ रहा है। अब सीटों को लेकर बात हो रही है। सुभासपा प्रमुख ओमप्रकाश राजभर ने अखिलेश यादव के साथ गठबंधन की घोषणा कर रखी हैं। ओमप्रकाश राजभर के भागीदारी संकल्प मोचरे में भारतीय वंचित पार्टी, जनता क्रांति पार्टी, राष्ट्र उदय पार्टी और अपना दल शामिल है। यह पार्टियां अभी जाति विशेष में अपनी पकड़ के कारण चुनाव में असरदार साबित होती है। 2017 के विधानसभा चुनावों में, सुभासपा ने भाजपा के साथ मिलकर चुनाव लड़ा जिसमें से चार पर जीत हासिल की थी। एक सहयोगी के रूप में सुभासपा के साथ, सपा राजभर के वोटों को हासिल करने के लिए आशान्वित है। सूबे की कुल 403 विधानसभा सीटें है, लेकिन सपा कितने सीटों पर लड़ेगी और सहयोगी दलों के लिए कितनी सीटें छोड़ेगी यह बात अभी सामने नहीं आ सकी है। हालांकि, यह बात साफ है कि अखिलेश यादव ने इस बार बड़े दलों के बजाय छोटे दलों के साथ गठबंधन का फैसला किया है। ऐसे में माना जा रहा कि सपा 300 से ज्यादा सीटों पर खुद चुनाव लड़ेगी और बाकी 80 से 90 सीटों में सहयोगी दलों को एडजस्ट करने का प्लान है।

समाजवादी पार्टी भाजपा सरकार को बेरोजगारी, महंगाई और भ्रष्टाचार के मुद्दे पर घेरने में जुटी हैं। अखिलेश यादव की सक्रियता और लोकप्रियता ने यूपी विधानसभा चुनाव में इस बार फिर से एक नया मोड़ ला दिया है। अखिलेश यादव को जिस तरीके से युवाओं का समर्थन और साथ मिल रहा है उससे यह सुनिश्चित है कि अखिलेश आज भी युवाओं के लोकप्रिय नेता हैं। अखिलेश के कुनबे को मजबूत होता देख अन्य पार्टियों की नींदे उड़ गई है। सभी पार्टियां विधानसभा चुनाव 2022 में अपना दमखम दिखाने में जुट गई है। इसी क्रम में आपका अखबार "रणभेरी" ने यूपी में होने वाले आगामी विधानसभा चुनाव 2022 की रणनीतियों को लेकर समाजवादी पार्टी के नेता रीबू श्रीवास्तव से बात की। आईये, जानते है कि आगामी विधानसभा चुनाव को लेकर समाजवादी पार्टी की क्या तैयारी है।

चुनवी दंगल: समाजवादी पार्टी की नेता रीबू श्रीवास्तव से खास बातचीत

सवाल : राजनीति में आपके सफर की शुरूआत कैसे हुई ?
 
जवाब : मैंने अपनी शिक्षा-दीक्षा यूपी कॉलेज से ग्रहण की और तब से मेरे मन में उत्सुकता थी की हम राजनीति में आयें और चुनाव लड़े। लेकिन मेरे परिवार में मेरे चुनाव लड़ने को लेकर थोड़ी असहमति थी। शादी के कुछ समय बाद चिरईगांव का इलेक्शन था। शिवपुर पहले चिरईगांव विधानसभा में आता था। इसी दौरान मेरी मुलाकात समाजवादी पार्टी के कई नेताओं से हुई और तबसे मैं राजनीति में सक्रिय हो गई।

सवाल : आगामी विधान सभा चुनाव के लिए आपकी क्या तैयारियां चल रही है ? 

जवाब: हम समाजवादी पार्टी में वर्ष 2000 से जुड़े है और जहां तक मेरा मानना है की समाजवादी पार्टी के लोगों की तैयारी चुनाव के लिए हो ना हो जनता से जुड़े रहने की तैयारी हमेशा रहती है।

  • सवाल: वर्तमान सरकार के बारे में आपकी क्या राय है ?

जवाब: जहां बात वर्तमान सरकार की है तो इस सरकार से हर वर्ग, हर जाती के लोग परेशान हैं। लोगों ने अब निश्चय कर लिया है की अब समाजवादी पार्टी को ही सरकार में लाना है। हमारे नेता अखिलेश यादव जी ने सरकार में रहते जितना कार्य किया है वह  उतने पर ही रुका है। मेट्रो जितनी बनी थी उतनी ही बनी है। अस्पताल जितने बने थे उतने ही बने है। इस सरकार ने कुछ भी नया नहीं किया। भाजपा सरकार का काम है की दूसरों के योजनाओं से बनाई गयी चीजों का बस उद्घाटन करना। जनता के हित में इन्होंने कोई कार्य नहीं किया। भाजपा बस मंदिर-मस्जिद पर राजनीति खेलती है। इस सरकार के पास अपना कोई विकास का मॉडल नहीं है।

  • सवाल :  आपका कहना है इस सरकार के पास विकास का मॉडल नहीं है तो इतना भव्य विश्वनाथ कॉरिडोर का निर्माण क्या है, क्या यह विकास का एक उदाहरण नहीं  है ?

जवाब: अगर विश्वनाथ कॉरिडोर की बात करें तो इसमें कितने लोगों का रोजी रोजगार छिन गया। यह अलग बात है की उसका मुआवजा दिया गया। मुआवजा भी उतना नहीं मिला जितनी मिलनी चाहिए। लेकिन सालों पुराना उनके कामों का जो सेट अप था, जो रोजगार का जरिया था वह छीन गया। काशी भोलेनाथ की नगरी है और बाबा कभी यह नहीं चाहेंगे की उनके बच्चे बेघर हो जाए, बेरोजगार हो जाएं। धार्मिक दृष्टी से भी देखें तो  वहा के महंत, वहां के पुरोहित भी नाराज है। वहां एक वट वृक्ष हुआ करता था उसको कब का खत्म कर दिया गया। जबकि उस वट वृक्ष के बारे में वही के संतो ने कहा की यह बहुत गलत हुआ है। वहां एक पौराणिक हनुमान मंदिर हुआ करता था उसको भी ऐसे ही खत्म कर दिया गया। किसी भी तरीके से कोई कार्य सही नहीं हुआ। अगर इस पैसे को फैक्टरी खोलने में लगा दिया गया होता तो लाखों युवाओं को रोजगार मिल गया होता और यह जनहित की बात होती।

  • सवाल : आपने कहा की इस सरकार में बेरोजगारी दर में अत्यधिक वृद्धि हुई है और महंगाई बहुत ज्यादा बढ़ चुकी है। अगर सपा की सरकार आती है तो बेरोजगारी को कैसे कम किया जायेगा ? महंगाई जो की आज एक अहम मुद्दा बन चुकी है उसे सपा कैसे कम करेगी ? 

जवाब: जब अंदर से किसी भी कार्य को करने की इक्षा शक्ति होती है तो वह कार्य हो जाता है। हमारे राष्ट्रीय अध्यक्ष ने हमेशा यही सोचा है की कोई युवा बेरोजगार ना हो। हमारी सरकार थी तो बहुत सारी वैकेंसी निकली और युवाओं को रोजगार मिला। इस सरकार के पास कोई इच्छा शक्ति ही नहीं है। सारी सरकारी संस्था को इस सरकार में प्राईवेट किया जा रहा है।  इस सरकार ने देश के युवाओं को बेरोजगारी के कगार पर लाकर खड़ा कर दिया है।

  • सवाल : आज हम ऐसे देश का हिस्सा हो गए है जहा महिलाएं, लड़कियां  सुरक्षित नहीं है। अगर सपा की सरकार आती है तो  तो महिला सुरक्षा के लिए क्या किया जायेगा ? 

सवाल : जब सपा की सरकार थी तो महिलाओं की सुरक्षा के लिए डायल 1090 (वुमेंस पॉवर लाईन) की शुरूआत की थी। इसका हेड आॅफिस लखनऊ में था। वह इतनी प्रभावशाली योजना थी की उत्तर प्रदेश के किसी भी कोने से फोन जाता था तो तत्काल उस एरिया के सबंधित  थानों में मैसेज चला जाता था और तत्काल कार्रवाई और गिरफ्तारी होती थी। आज उस 1090 का कोई अता पता नहीं है। आज डायल 100  का नाम बदल कर 112 कर दिया। यह सरकार बस नाम बदल बदल कर जनता को गुमराह कर रही है। यह सरकार बस बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ का नारा देती है पर बेटियों की सुरक्षा के नाम पर नाकाम है। आज हर जगह की बेटियां डरी है क्योंकि वह खुद को सुरक्षित महसूस नहीं कर रही।

  • सवाल: अखिलेश यादव जी हमेशा भाजपा और उनके नेताओं पर निशाना साधते है और वो खुद ट्वीटर के माध्यम से राजनीति करते है ? 

जवाब : ऐसा नहीं है। अखिलेश यादव जी लगातार महीनों से रोड शो कर रहे हैं। वे जहां भी जा रहे है जनता टूट पड़ रही है, जनता का भरपूर सहयोग मिल रहा है। अभी उनका गोरखपुर में एक कार्यक्रम हुआ था। कार्यक्रम के बाद उनको लखनऊ पहुँचने में सुबह हो गयी थी क्यूंकि रास्ते में जनता उनसे मिलने का इंतजार करती रही। तो ऐसा नहीं की सब कुछ ट्वीटर के ही माध्यम से हो रहा है। जितना वो जमीन पर उतरकर, जनता के बीच जाकर मिल रहे है उतना कोई दल या दल के नहीं। भाजपा पर निशाना साधना कोई उद्देश्य नहीं है बल्कि सरकार जिसकी रहेगी हम शिकायत उसी से करेंगे।

  • सवाल : काशी को क्यूटो बनाने की बात कही गई थी। काशी क्योटो नहीं बन पाया। अगर सपा की सरकार आती है तो काशी को  विकास के पथ पर कैसे ले जाया जायेगा ? 

जवाब : काशी को विश्व की सांस्कृतिक धरोहर के रूप में सजाया संवारा जाएगा। हमने कभी नहीं कहा की हम काशी को क्या बनाएंगे, लेकिन इस शहर के अंदर तीन-तीन ब्रिज हमारी सरकार में बना। सामने घाट का पुल, मडुआडीह का फ्लाई ओवर हो या अन्य। जितने बड़े पुल है वह सपा की सरकार में बने है। काशी की पौराणिक मान्यता है, जी विश्व स्तर पर काशी की  पहचान है उसको बने रहने दे।

  • सवाल : "रणभेरी" के माध्यम से आप जनता को क्या कहना चाहेंगी जिससे कैंट की जनता आपको चुने ? 

जवाब : कैंट की जनता से मैं बस इतना ही कहना चाहूंगी की मैं पिछले दस सालों से आप लोगों के बीच में हूं। अभी मुझे काम करने का मौका नहीं मिला। अगर मैं प्रत्याशी होती हूं तो मुझे एक मौका जरूर दें जिससे मैं आप लोगों के लिए काम कर सकूं, सेवा कर सकूं। सपा की पहचान ही काम से जुड़ी है, विकास से जुड़ी है। हमलोग काम कर के लोगों के दिल में जगह बनाते है। हम उस पार्टी से नहीं है जो भगवान राम को भी बेच देंगे और हिंदू मुस्लिम कर के धर्म जाती की बात कर के वोट बैंक अपना तैयार करेंगे। जनता से बस आग्रह है कि अपने बच्चों के भविस्य के बारे मे सोचे। आने वाले समय में उनके भविष्य को सुरक्षित करे। एक सही उम्मीदवार को चुने  और अपना प्यार दें। 2022 मे सपा को भारी मतों से विजयी बनाये।