बिजली कटौती का कहर...बेचैन शहर

वाराणसी (रणभेरी सं.)। बिजली ट्रिपिंग से बेहाल काशीवासी वाराणसी। एक तरफ भीषण गर्मी ने शहर को झुलसा दिया है, दूसरी ओर लगातार हो रही बिजली ट्रिपिंग ने लोगों का जीना मुहाल कर दिया है। बुधवार को वाराणसी का तापमान 42.1 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच गया। इस तेज धूप और उमस भरे माहौल में बिजली की आंखमिचौली ने लोगों को और परेशान कर दिया। कई इलाकों में एक-दो बार नहीं, बल्कि दिनभर में 8 से 10 बार ट्रिपिंग हुई। रामनगर, नदेसर, पिशाचमोचन, महेशपुर, सुंदरपुर, प्रेमचंद नगर, पांडेयपुर और मच्छोदरी जैसे क्षेत्रों में बिजली कटौती आम बात हो गई है। कहीं-कहीं तो बिजली रात में चली जाती है और सुबह लौटती है। इन्वर्टर फेल हो चुके हैं, पंखे और कूलर बंद हैं, मोबाइल चार्ज नहीं हो पा रहे। रात की नींद और दिन का सुकून छिन चुका है। लोग लगातार कंट्रोल रूम में शिकायत कर रहे हैं, लेकिन राहत नहीं मिल रही। बिजली विभाग का कहना है कि खपत बढ़ने से सिस्टम पर लोड बढ़ गया है और ट्रांसफार्मर व फीडर ट्रिप कर रहे हैं। पिछले एक हफ्ते में शहर की बिजली खपत 650 मेगावॉट से बढ़कर 695 मेगावॉट तक पहुंच गई है। अधिकारी यह भी स्वीकार कर रहे हैं कि गर्मी से निपटने की तैयारियां अधूरी रह गई हैं। आम जनता का गुस्सा अब विभागीय लापरवाही पर फूट रहा है। लोग कह रहे हैं कि ठंड में जो सुधार कार्य किए गए थे, वे बेअसर साबित हुए हैं। बिजली कटौती और ट्रिपिंग की यह स्थिति अगर जल्द नहीं सुधरी, तो गर्मी में काशीवासियों की परेशानी और बढ़ेगी।
रात की नींद और दिन का चैन छीना
कई इलाकों में तो यह स्थिति रही कि रात 11 बजे बिजली गई और सुबह 6 बजे तक नहीं आई। लगातार सात घंटे बिजली गुल रहने से लोग रातभर छटपटाते रहे। इन्वर्टर फेल हो चुके हैं, मोबाइल चार्ज नहीं हो पा रहे, और घरों में पंखे बंद होने से बुजुर्ग और बच्चे बेहाल हैं। पांडेयपुर, मच्छोदरी, प्रहलादघाट, पिपलानी कटरा, कोयला बाजार जैसे इलाकों में दिन में भी हर दो-तीन घंटे में बिजली कट रही है और फिर ट्रिपिंग का सिलसिला चलता रहता है।
ओवरलोडिंग से ट्रिप हो रहे फीडर
बिजली विभाग के अफसरों का कहना है कि मांग अधिक होने की वजह से ट्रांसफार्मर और फीडर ट्रिप कर रहे हैं। गर्मी बढ़ते ही बिजली की खपत भी तेजी से बढ़ी है। बीते एक हफ्ते में खपत 650 मेगावॉट से बढ़कर 695 मेगावॉट पहुंच चुकी है। विभाग का कहना है कि इस मांग को पूरा करने के लिए संसाधनों पर अतिरिक्त दबाव पड़ रहा है, जिससे फॉल्ट और ट्रिपिंग की समस्या हो रही है
लोगों का फूटता गुस्सा, विभाग बेपरवाह
भीषण गर्मी में जब बिजली सबसे ज्यादा जरूरी है, तब बिजली की यह दुर्गति आम जनता को नाराज कर रही है। लोग विभागीय लापरवाही पर गुस्सा जता रहे हैं, लेकिन अधिकारियों के पास न तो कोई ठोस जवाब है और न ही कोई राहत योजना। बिजली व्यवस्था की यह बदहाली दशार्ती है कि गर्मी से निपटने की जो तैयारी की गई थी, वह धराशायी हो चुकी है। झुलसती गर्मी में बिजली विभाग की व्यवस्था भी पिघल चुकी है। बिना ठोस समाधान के यह संकट आगे और भी गंभीर हो सकता है। अब जरूरत है कि विभाग तत्परता दिखाए, ट्रिपिंग और फॉल्ट की समस्या का स्थायी समाधान करे और जनता को राहत दे, वरना हर दिन की यह परेशानी जनता के सब्र को चकनाचूर कर देगी।
ट्रांसफार्मर और सबस्टेशन बने मुसीबत
शहर के विभिन्न उपकेंद्रों और ट्रांसफार्मरों पर भार इतना अधिक हो चुका है कि वे लगातार फेल हो रहे हैं। कई स्थानों पर ट्रांसफार्मर जलने की घटनाएं भी सामने आई हैं, जिससे इलाके घंटों अंधेरे में डूबे रहते हैं। चितईपुर, मेहंदीगंज, कंदवा, अमलेशपुर, राजातालाब जैसे क्षेत्रों से लगातार कंट्रोल रूम में शिकायतें दर्ज कराई गई हैं।
दावे हवा हो गए, जिम्मेदार फोन बंद कर भागे
सर्दियों में जब सब स्टेशन और फीडरों की मरम्मत के नाम पर बिजली कटौती की जाती थी, तब कहा गया था कि गर्मियों में परेशानी नहीं होगी। लेकिन अब हालत यह है कि लोग फोन करके अफसरों से जवाब मांगते हैं तो या तो फोन उठाया नहीं जाता या फिर मोबाइल स्विच आॅफ मिलता है। कई अधिकारियों ने तो शिकायतों से बचने के लिए फोन ही बंद कर लिए हैं।