वाराणसी में बिजली कटौती से हाहाकार, दोगुने दाम पर मिल रहा पीने का पानी, मोमबत्ती के सहारे लोग
वाराणसी (रणभेरी): बिजली कर्मचारियों की हड़ताल से आम लगों की मुश्किलों को बढ़ा दिया है। हालात ये है कि कई इलाकों में 12 घंटे से अधिक वक्त से बिजली गुल है। चौकाघाट, महेशपुर, भिटारी, सरस्वतीनगर व पांडेयपुर सहित कई इलाकों में बिजली आपूर्ति ठप रही। इससे पेयजल का जबरदस्त संकट रहा। ज्यादातर क्षेत्रों में जनता बेहाल दिखी। बिजली गुल होने से नाराज पांडेयपुर के तमाम लोग सड़क पर उतर आए। सबने प्रदर्शन करके नारेबाजी की और जाम भी लगाया। तमाम इलाकों में हैंडपंप से पानी भरकर काम चलाया गया। लोग साइकिल या फिर वाहनों की मदद से पानी ले जाते देखे गए। टैंकर से भी पानी भेजे गए हैं।
वही योगी सरकार ने एक तरफ बिजली कर्मचारियों की हड़ताल पर कड़ा रुख अख्तियार करते हुए 16 सौ से ज्यादा संविदा कर्मचारियों को नौकरी से बर्खास्त कर दिया है, वहीं वाराणसी के कई इलाकों में अभी भी आपूर्ति बहाल नहीं हुई है। ऐसे में विभिन्न मोहल्लों में जनरेटर धड़धड़ाने लगे हैं। लोगों को पांच साल पहले वाला समय याद आने लगा है, जब शहर के विभिन्न इलाकों में दिनभर जनरेटर का शोर गूंजता रहता था। लोग बात करने लगे हैं कि मानो बनारस एक बार फिर जनरेटर युग में प्रवेश कर गया है। हालांकि प्रशासन का दावा है कि जल्द से जल्द पूरे जिले में विद्युत व्यवस्था को पटरी पर ला दिया जाएगा।
बिजली कटौती से बेहाल जनता को सरकारी सिस्टम से कोई राहत नहीं मिल पाई तो खुद ही इंतजाम में जुट गए। मंडुवाडीह क्षेत्र के चांदपुर स्थित सरस्वती नगर काॅलोनी, भिटारी, बेदौली सहित शहर की अन्य कालोनियों में चंदा लगाकर जनरेटर मंगवाया। जनरेटर डोर टू डोर ले जाया गया, फिर उसे चलवाकर घरों की पानी की टंकी भरी गई। हालांकि, महंगे दाम पर पानी खरीदना भी पड़ा है। सामान्य दिनों में जो वाटर केन 20 से 25 रुपये में मिलता था, वह शुक्रवार को 50 से 60 रुपये में बिका है। महेशपुर में राजेन्द्र विश्वकर्मा, कमलेश यादव,महेंद्र विश्वकर्मा,लक्ष्मीकांत विश्वकर्मा,भीम,गोविंद,बृजेश कन्नौजिया,नीलम,संजू, बबली किराये पर जनरेटर ले आए और सबमर्सिबल चलाकर पानी की किल्लत दूर कराने का प्रयास किया। बिजली गुल होने से घरों में अंधेरा छा गया। इससे मोबाइल फोन चार्ज नहीं हो सका। इन्वर्टर भी जवाब दे गया। पावर बैंक भी फेल हो गए। जिन क्षेत्रों में बिजली ज्यादा कटी, वहां ज्यादातर लोगों के मोबाइल फोन बंद ही मिले हैं। कुछ क्षेत्रों में मोमबत्ती जलाकर कामकाज निपटाना पड़ा है।
इन इलाकाें में ज्यादा समस्या
सारनाथ, पांडेयपुर नई बस्ती, केराकतपुर के पीलीकोठी क्षेत्र, चौकाघाट, मंडुवाडीह, भिखारीपुर बिजली काॅलोनी, न्यू बेदौली स्थित हथियान वीर बाबा काॅलोनी, सरस्वती नगर काॅलोनी, भिटारी, महेशपुर, चांदपुर के साथ ही मैदागिन, पीलीकोठी, आजाद पार्क और सेवापुरी। हड़ताल की वजह से उपकेंद्रों पर सन्नाटा छाया रहा। काउंटर के साथ ही कार्यालय में भी कर्मचारी नहीं दिखे। बेनियाबाग उपकेंद्र के साथ ही चौक, चौकाघाट, पन्नालाल, भदैनी विजया सिनेमा, मैदागिन, मच्छोदरी सहित अन्य केंद्रों पर पुलिस और कुछ जगहों पर पीएसी के जवानों को तैनात किया गया।
बिजली कर्मचारियों व अधिकारियों के हड़ताल से उद्योग धंधे भी प्रभावित हुए हैं। इसी सिलसिले में मलदहिया स्थित इंडियन इंडस्ट्रीज एसोसिएशन (आईआईए) वाराणसी में पदाधिकारियों ने बैठक भी की राष्ट्रीय उपाध्यक्ष आरके चौधरी ने कहा कि हड़ताल ने औद्योगिक क्षेत्रों के लिए समस्या खड़ी कर दी है। राष्ट्रीय सचिव राजेश भाटिया ने कहा कि पूर्वांचल के सबसे बड़े औद्योगिक क्षेत्र रामनगर में बृहस्पतिवार रात से ही विद्युत आपूर्ति ठप है। औद्योगिक अस्थान चांदपुर में भी ट्रिपिंग की समस्या रही है। बैठक में दीपक बजाज, नीरज पारीख, प्रशांत अग्रवाल, अनुपम देव, ओपी बदलानी मौजूद रहे।
जिलाधिकारी ने उपकेंद्र का किया निरीक्षण
बिजली आपूर्ति को बहाल बनाए रखने के लिए प्रशासनिक अधिकारी भी सड़क पर उतरे। जिलाधिकारी एस राजलिंगम ने पन्नालाल पार्क स्थित उपकेंद्र का निरीक्षण किया। जिलाधिकारी ने सुरक्षा कर्मियों से बात की और कहा कि किसी तरह का व्यवधान नहीं आना चाहिए। इमलिया घाट 11 केवीए विद्युत उपकेंद्र पर पहुंचे तो वहां पुलिस कर्मी मिले। कर्मियों के साथ ऑपरेटर भी नदारद रहे। नगरीय विद्युत वितरण खंड (द्वितीय) चौकाघाट में भी यही स्थिति रही। जिलाधिकारी सिगरा स्थित त्रिनेत्र कमांड सेंटर भी गए। साथ ही अलग-अलग क्षेत्रों से आने वाली शिकायतों और उनके समाधान की जानकारी ली।