गोमाता की तड़प पर पूरी काशी सड़क पर
वाराणसी(रणभेरी)। चारो पीठों के पूज्य शंकराचार्यों से समर्थित गौमाता राष्ट्रमाता महाअभियान के अग्रिम क्रम में परमाराध्य परमधर्माधीश ज्योतिष्पीठाधीश्वर जगद्गुरु शंकराचार्य स्वामिश्री: अविमुक्तेश्वरानंद: सरस्वती महाराज द्वारा गौमाता को राष्ट्रमाता का सम्मान दिलाकर गोवंश हत्या मुक्त भारत बनाने हेतु राष्ट्रीय अहिंसक आंदोलन के रूप में 10 मार्च को 10 मिनट हेतु आंशिक भारत बंद आह्वान किया गया था। जिसके तहत काशीवासी गौभक्त अपने अपने प्रतिष्ठानों,व घरों से बाहर निकल कर सड़को व गलियों में बाहर निकल कर गौमाता राष्ट्रमाता का जयघोष किया। लंका,श्रीविद्यामठ सहित पूरे काशी में सांकेतिक प्रदर्शन हुआ। शंकराचार्य महाराज के आह्वान के अनुपालन में सैकड़ों गौभक्तों ने लंका स्थित मालवीय मूर्ति पर 10 बजे एकत्र होकर 10 मिनट तक शंकराचार्य जी महाराज के मीडिया प्रभारी सजंय पाण्डेय के नेतृत्व में गौमाता राष्ट्रमाता का उद्घोष किया और भारत सरकार से गौमाता को राष्ट्रमाता घोषित करने व गौकशी बन्द कराने की एक स्वर में मांग की। कार्यक्रम स्थल पर हुई धर्मसभा को सम्बोधित करते हुए पूज्यपाद शंकराचार्य जी महाराज के मीडिया प्रभारी सजंय पाण्डेय ने कहा की ज्योतिष्पीठाधीश्वर जगदगुरु शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद: सरस्वती महाराज कहते हैं कि सनातनधर्म में गुरु का बहुत महत्व है लेकिन सनातनधर्मी उनके लिए पहली रोटी नही निकालते, सनातनधर्मी भगवान को सबसे अधिक मानते हैं लेकिन उनके लिए पहली रोटी नही निकालते हैं,लेकिन गौ माता हेतु हर सनातनधर्मी पहली रोटी निकालता है इससे सहज ही अंदाजा लगाया जा सकता है कि सनातनधर्म में गौ माता का कितना महत्व है।बावजूद इसके सौ करोड़ सनातनधर्मियों के इस देश मे गौकशी होता है इससे बड़ा दुर्भाग्य और क्या होगा।