National Girl Child Day: जाने क्यों मनाया जाता है राष्ट्रीय बालिका दिवस?, पढ़े इसका इतिहास व उद्देश्य
(रणभेरी): भारत में हर साल 24 जनवरी को राष्ट्रीय बालिका दिवस रूप में मनाया जाता है। इस दिन को मनाने की शुरुआत साल 2008 में पहली बार महिला बाल विकास मंत्रालय ने की थी। इस वर्ष भारत में 14वां राष्ट्रीय बालिका दिवस 2022 मनाया जा रहा है। राष्ट्रीय बालिका दिवस मनाने का उद्देश्य बालिकाओं को उनके अधिकारों के बारे में जागरूक करना है। हमारा देश बहुत तेजी से आगे बढ़ रहा है। आज भारत विकासशील देश से विकसित देश की कदम पर चल रहा है।
एक दौर ऐसा भी था, जब बेटियों को मार दिया जाता था. लड़कियों के बाल-विवाह करवा दिए जाते थे। पहले के समय में लड़कियों को कम उम्र में शादी करने के लिए मजबूर किया जाता था। मगर अब इसके खिलाफ कई सारे कानून बनाए गए हैं। बात उत्तर प्रदेश की हो या किसी भी अन्य राज्य की लड़कियों को अपने अधिकारों की जानकारी है। बेटियां अब बिना डरे समाज में हर किसी का मुकाबला कर सकती हैं। आज के समय में लगभग हर क्षेत्र में बेटियों को लड़के के बराबर ही हक दिया जाता है। राष्ट्रीय बालिका दिवस को मनाने के लिए 24 जनवरी का दिन इसलिए चुना गया क्योंकि इसी दिन साल 1966 में इंदिरा गांधी ने भारत की पहली महिला प्रधानमंत्री के तौर पर शपथ ली थी। आज के दिन ही प्रधानमंत्री की कुर्सी पर बैठने वाली यह देश की पहली महिला थी। भारतीय इतिहास में घटी एक खास घटना के लिहाज से ही इस दिन को राष्ट्रीय बालिका दिवस के रूप में मनाने का निर्णय लिया गया है।
इस कार्यक्रम का उद्देश्य भारत में लैंगिक असमानता, बालिका शिक्षा का महत्व, उसके स्वास्थ्य व पोषण के बारे में जागरूकता फैलाने और लैंगिक रूढ़ियों को चुनौती देने के उद्देश्य से भी आयोजन किया जाता है। इसके अलावा इस कार्यक्रम के जरिए लोगों में जागरूकता पैदा करना इसका मुख्य उद्देश्य है, ताकि लड़के और लड़की में किया जाने वाला भेदभाव खत्म हो। साथ ही इस कार्यक्रम का उद्देश्य महिलाओं को सशक्त बनाने के साथ लोगों की मानसिकता को बदलने के लिए भी है।