काशी विद्यापीठ की LLB प्रवेश परीक्षा रद्द, दोषियों पर होगी कार्रवाई
वाराणसी (रणभेरी): महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ में एलएलबी की प्रवेश परीक्षा अब नए सिरे से होगी। वहीं परीक्षा में गड़बड़ियों की जांच करने के बाद क्लीन चिट देने वाले प्रोफेसर और अधिकारी भी अनुशासनात्मक कार्रवाई की जद में आएंगे। संभावना है कि प्रवेश परीक्षा दीक्षांत समारोह के बाद आयोजित की जाए। विश्वविद्यालय प्रशासन भी अब इस मामले में फूंक-फूंककर कदम रख रहा है। एलएलबी प्रवेश परीक्षा में नकल की शिकायत विश्वविद्यालय के छात्रों ने राजभवन से करने के बाद उच्च न्यायालय में वाद दायर किया था।
छात्रों ने दावा किया था कि परीक्षा के दौरान एलएलबी का पेपर वायरल हो गया था। 16 अगस्त को मानविकी, विधि, वाणिज्य व समाज विज्ञान संकाय में हुई एलएलबी की प्रवेश परीक्षा में व्यापक पैमाने पर नकल हुई थी। कई परीक्षार्थी मोबाइल लेकर परीक्षा में बैठे थे। परीक्षा के दौरान इन परीक्षार्थियों ने व्हाट्सएप पर पेपर बाहर भेज दिया था। परीक्षार्थियों की हरकत सीसी कैमरे में भी कैद है। विश्वविद्यालय प्रशासन ने इसे जानबूझ कर दबा दिया ताकि एलएलबी की प्रवेश परीक्षा दोबारा न करानी पड़े। विश्वविद्यालय प्रशासन ने छात्रों के दबाव में जांच कमेटी तो गठित कर दी। जांच समिति में मनोविज्ञान विभाग के प्रमुख, सामाजिक विज्ञान संकाय के डीन और वाणिज्य व मनोविज्ञान विभाग के दो शोधार्थियों ने एक रिपोर्ट प्रस्तुत की जिसमें परीक्षार्थी द्वारा परीक्षा केंद्र पर अनुचित साधनों को अपनाने से इनकार किया गया था।
कुलपति प्रो. एके त्यागी ने कहा कि उच्च न्यायालय के आदेशों का पूरी तरह से पालन किया जाएगा। एलएलबी प्रवेश परीक्षा फिर से कराने की तैयारी की जा रही है और जल्द ही इसकी तिथियां भी जारी की जाएंगी।कोर्ट ने आठ दिसंबर को सुनवाई के दौरान प्रवेश परीक्षा के दौरान ली गई 30 घंटे की वीडियो फुटेज को देखा। फुटेज देखने के बाद कोर्ट ने यह माना था कि प्रवेश परीक्षा के दौरान लापरवाही बरती गई। कोर्ट ने इस पर तल्ख टिप्पणी करते हुए कुलपति, कुलसचिव और परीक्षा नियंत्रक को 15 दिसंबर को हाजिर होने का आदेश दिया था। सुनवाई के बाद कोर्ट ने एलएलबी प्रवेश परीक्षा को निरस्त करने के साथ ही जांच करने वालों पर भी अनुशासनात्मक कार्रवाई का आदेश दिया है।