वाराणसी में गंगाजल से बाबा का अभिषेक, 501 कलशों के साथ निकली महिलाएं, विश्व कल्याण की कामना की

वाराणसी (रणभेरी): वाराणसी के मद्धेशिया वैश्य सभा की 26वीं वार्षिक कलश यात्रा एवं बाबा श्री काशी विश्वनाथ के जलाभिषेक का आयोजन शुक्रवार को संपन्न हुआ। यात्रा में लगातार बारिश के बावजूद श्रद्धालुओं की आस्था के मार्ग में बाधा नहीं बन सकी। श्रद्धा, भक्ति और उत्साह के साथ सभी शामिल हुए। महिलाएं, कन्याएं और पुरुष बड़ी संख्या में यात्रा में पहुंचे। सभी अपने वार्षिक संकल्प को पूरा करने के लिए दृढ़ संकल्पित दिखाई दिए। हर वर्ष की तरह इस साल भी डॉ. राजेन्द्र प्रसाद घाट से कलश यात्रा की शुरुआत हुई।
पूजन और संकल्प के साथ सभी श्रद्धालुओं ने अपने-अपने कलशों में पवित्र गंगा जल भरकर यात्रा का शुभारंभ किया। सभा के महाराजा के चित्र पर माल्यार्पण किया गया और पारंपरिक आरती उतारी गई। इस दौरान घाट पर बैंड-बाजे और शहनाई की धार्मिक धुनें गूंज रही थीं और “हर हर महादेव” के जयकारों से वातावरण भक्तिमय हो गया। कलश यात्रा में शिव-पार्वती स्वरूप में सुशोभित विग्रह को रथ पर विराजमान किया गया था, जो यात्रा का विशेष आकर्षण रहा। महिलाएं और पुरुष हाथों में कलश, कंधे पर रामनामी चादर और ललाट पर चंदन का त्रिपुंड लगाए हुए हर हर महादेव के जयघोष करते हुए आगे बढ़ रहे थे।
कलश यात्रा मार्ग
यात्रा डॉ. राजेन्द्र प्रसाद घाट से प्रारंभ होकर दशाश्वमेध घाट, गोदौलिया, बांसफाटक होते हुए ढुंढिराज गणेश गेट नंबर एक से बाबा श्री काशी विश्वनाथ मंदिर प्रांगण में प्रवेश की। सभी श्रद्धालु कतारबद्ध होकर बाबा विश्वनाथ का गंगा जल से जलाभिषेक करते गए। पूरा वातावरण शिवमय और दिव्य अनुभूति से ओतप्रोत रहा। इस अवसर पर सभी श्रद्धालु विशेष भक्ति भाव में डूबे हुए थे। श्रद्धालुओं ने कहा कि यह परंपरा केवल धार्मिक आस्था का प्रतीक नहीं, बल्कि सामाजिक एकता, संगठन और सेवा भावना का जीवंत उदाहरण भी है। सभा के पदाधिकारियों ने बताया कि वार्षिक कलश यात्रा का उद्देश्य सामूहिक साधना, सामाजिक समर्पण और शिवभक्ति के भाव को बढ़ावा देना है। इस आयोजन को सफल बनाने में सभा के स्वयंसेवकों, युवाओं एवं वरिष्ठजनों का भी विशेष योगदान रहा।