ज्ञानवापी विवाद पर सुनवाई पूरी, कोर्ट कल सुनाएगा फैसला
- पेश की गई सर्वे रिपोर्ट, दोनों पक्षों ने बारी-बारी से अदालत के सामने रखी अपनी बात
वाराणसी (रणभेरी): ज्ञानवापी विवाद पर सोमवार को सर्वे रिपोर्ट पेश की गई। दोनों पक्षों ने बारी-बारी से अपनी बातों को रखा। जिला जज डॉ. अजय कृष्ण विश्वेश की कोर्ट में करीब 45 मिनट तक सुनवाई चली। फैसला मंगलवार को सुनाया जाएगा। इस दौरान दोनों पक्षों के 19 वकीलों और चार याचिकाकतार्ओं को कोर्ट रूम में मौजूद रहे। सुप्रीम कोर्ट ने तीन दिन पहले इस मामले को सेशन कोर्ट से जिला अदालत में ट्रांसफर करने का आदेश दिया था। ज्ञानवापी से जुड़ी सर्वे रिपोर्ट शनिवार को ही अदालत को सौंप दी गई थी। कोर्ट कमिश्नर रहे अजय मिश्रा को कोर्ट रूम जाने से रोक दिया गया। बताया जा रहा है कि लिस्ट में नाम नहीं होने की वजह से उन्हें अंदर नहीं जाने दिया गया। जिला अदालत में सुनवाई को लेकर तगड़ी सुरक्षा व्यवस्था की गई है। बाहर बड़ी संख्या में जवान तैनात हैं। सुनवाई के दौरान भीड़ न लगे। इसका भी ध्यान रखा गया है।
- इन मुद्दों पर कोर्ट में हुई सुनवाई
- ज्ञानवापी परिसर में मां श्रृंगार गौरी की दैनिक पूजा-अर्चना की इजाजत देने और अन्य देवी-देवताओं को संरक्षित करने को लेकर दायर केस की सुनवाई होगी।
- एडवोकेट कमिश्नर ने ज्ञानवापी की जो सर्वे रिपोर्ट सौंपी हैं, उस पर कोर्ट बहस शुरू करवा सकता है या कोई निर्णय दे सकता है।
- कोर्ट यह भी तय करेगा कि ज्ञानवापी मामले में उपासना स्थल (विशेष उपबंध) अधिनियम-1991 लागू होता है या नहीं। यानी यहां, पूजा का अधिकार दिया जा सकता है या नहीं।
- डीजीसी सिविल के प्रार्थना पत्र और अंजुमन इंतजामिया मसाजिद कमेटी की आपत्ति पर सुनवाई होगी। डीजीसी सिविल ने प्रति आपत्ति दाखिल कर दी है।
विश्वनाथ मंदिर के महंत ने भी दाखिल की याचिका
काशी विश्वनाथ मंदिर के पूर्व महंत डॉ. कुलपति तिवारी सोमवार को जिला जज की अदालत में याचिका दाखिल करने पहुंचे हैं। उन्होंने कहा कि ज्ञानवापी परिसर में मिले शिवलिंग के स्नान, भोग-राग, शृंगार और पूजापाठ का अधिकार उन्हें दिया जाए। उन्होंने कहा कि हम न्यायिक तरीके से अपने भगवान विश्वेश्वर की पूजा का अधिकार मांगने आए हैं।
- प्लेसेज ऑफ वर्शिप एक्ट 1991 लागू नहीं होता: हिंदू पक्ष के वकील
हिंदू पक्ष के वकील विष्णु जैन ने कहा कि ज्ञानवापी मस्जिद के मामले में प्लेसेज आॅफ वर्शिप एक्ट-1991 लागू नहीं होता है। उन्होंने कहा कि 1937 में दीन मोहम्मद के केस में 15 लोगों ने इस बात की गवाही दी थी कि वहां पूजा होती थी जो 1942 तक हुई। इसलिए वह एक्ट ज्ञानवापी प्रकरण में प्रभावी नहीं होगा। यही तथ्य हम अदालत के सामने भी रखेंगे।
- हिंदू सेना और भाजपा नेता भी दाखिल करेंगे याचिका
ज्ञानवापी मामले को लेकर वाराणसी की कोर्ट में हिंदू सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष विष्णु गुप्ता याचिका दाखिल करेंगे। विष्णु गुप्ता ने सुप्रीम कोर्ट में भी ज्ञानवापी मामले में खुद को वादी बनाने के लिए प्रार्थना पत्र दिया था। उधर, ज्ञानवापी मामले में सुप्रीम कोर्ट में एक और याचिका सोमवार को दायर हुई है। इसे बीजेपी नेता और एडवोकेट अश्वनी उपाध्याय ने दाखिल किया है। उन्होंने मस्जिद कमेटी की अर्जी खारिज करने की मांग की है। कहा है कि मंदिर तोड़कर बनाई गई मस्जिद वैध नहीं होती, ऐसा इस्लामिक सिद्धांत है।
- मसाजिद कमेटी ने दिया नया आवेदन
वाराणसी जिला जज की अदालत में अंजुमन इंतजामिया मसाजिद कमेटी ने नया आवेदन दिया है। जिसमें ज्ञानवापी प्रकरण को लेकर सीनियर डिवीजन की अदालत में हुए अब तक कई कार्यवाही पर सवाल उठाते हुए निस्तारण गुण-दोष के आधार पर करने की मांग की गई है।
- जमानत की सभी याचिकाएं ट्रांसफर
जिला जज डॉ. अजय कृष्ण विश्वेस की अदालत ने जमानत की सभी याचिकाओं को दूसरी अदालत में ट्रांसफर कर दिया है। जिला जज आज सिर्फ ज्ञानवापी के मसले पर सुनवाई करेंगे। नागरिक प्रक्रिया संहिता (सीपीसी) के आदेश 7 नियम 11 के तहत के वाद की पोषणीयता पर पहले सुनवाई होगी।
- सर्वे रिपोर्ट के लीक होने का कोई सवाल ही नहीं
ज्ञानवापी परिसर के सर्वे के लिए नियुक्त विशेष अधिवक्ता आयुक्त विशाल सिंह ने कहा कि मामले की सुनवाई के लिए पत्रावली आज जिला जिज की अदालत में आएगी। अदालत का जो आदेश होगा, हमें मंजूर होगा। एएनआई से बात करते हुए आगे उन्होंने कहा कि सर्वे रिपोर्ट निष्पक्ष है। मैंने दोनों पक्षों की ओर से कही गई हर बात का जिक्र किया है। रिपोर्ट से कुछ भी लीक नहीं हुआ है और यह दायर होने तक गोपनीय है। अदालत में दाखिल होने के बाद रिपोर्ट की बातें जनता के सामने आईं।
- मुस्लिम पक्ष आवेदन दाखिल कर जांच की करेगा मांग
ज्ञानवापी मस्जिद के तहखाने के वीडियो वायरल होने पर मुस्लिम पक्ष के अधिवक्ता अभयनाथ यादव ने कहा कि यह बहुत बड़ा षड्यंत्र और संगीन मामला है। मुस्लिम पक्ष इस पर अलग से आवेदन कोर्ट में दाखिल करेगा और जो भी वीडियो लीक हो रही है, उसके जांच की मांग की जाएगी, जो भी दोषी होंगे, उन पर कार्रवाई की मांग की जाएगी।
- हमें न्यायालय से इंसाफ की उम्मीद, बनाएं रखें शांति : बातिन
अंजुमन इंतजामिया मसाजिद कमेटी के सचिव व शहर ए मुफ्ती मौलाना अब्दुल बातिन नोमानी ने कहा कि ज्ञानवापी मस्जिद और उससे संबद्ध परिसर सुन्नी वक्फ संपत्ति है। इसको 1937 में न्यायालय ने स्वीकार किया है और उसमें मुसलमान सदियों से नमाज अदा करते आए हैं।
इसकी प्रमाणिकता के साक्ष्य मौजूद हैं, जिन्हें अदालत में समय-समय पर प्रस्तुत किया गया है। रविवार को बुनकर कालोनी स्थित मस्जिद बागनूर में अंजुमन इंतेजामिया मसाजिद कमेटी की बैठक को संबोधित करते हुए शहर ए मुफ्ती ने कहा कि पूरा मामला न्यायालय में विचाराधीन है। इसलिए नगरवासियों से संयम बनाए रखने की अपील है। अफवाहों पर ध्यान न दें और शांति व्यवस्था को बनाए रखने में सहयोग करें। हमें न्यायालय से इंसाफ की उम्मीद है। संयुक्त सचिव एसएम यासीन ने बनारस जिला न्यायालय, इलाहाबाद हाईकोर्ट तथा सुप्रीम कोर्ट में की जा रही कानूनी कार्यवाहियों का विस्तृत ब्यौरा पेश किया। अंजुमन के वकील मुमताज अहमद, एखलाक अहमद तथा तौहीद अहमद ने न्यायिक बिंदुओं पर प्रकाश डाला।