बम धमकी से सहमी दिल्ली: अदालतें खाली, CRPF स्कूलों में हाहाकार

बम धमकी से सहमी दिल्ली: अदालतें खाली, CRPF स्कूलों में हाहाकार
  • बम निरोधक दस्ता, डॉग स्क्वायड और भारी पुलिस बल तैनात
  •  लगातार मिल रही धमकियों से न्यायालय परिसरों की सुरक्षा पर सवाल

(रणभेरी):  मंगलवार सुबह राजधानी दिल्ली में सुरक्षा एजेंसियों में हड़कंप तब मच गया जब एक साथ कई जिला अदालतों और दो सीआरपीएफ स्कूलों को बम से उड़ाने की धमकी मिली। धमकी मिलने के बाद साकेत, द्वारका, पटियाला हाउस और रोहिणी स्थित अदालतों को तत्काल खाली कराया गया और परिसर की गहन तलाशी ली गई। कुछ ही मिनटों में सभी न्यायाधीशों, वकीलों, कर्मचारियों और आगंतुकों को बाहर निकाल दिया गया और अदालतों की कार्यवाही तत्काल प्रभाव से रोक दी गई।

पटियाला हाउस कोर्ट में विशेष सुरक्षा व्यवस्था की गई, जहां बम निरोधक दस्ता और डॉग स्क्वायड की टीम ने पूरे परिसर की तलाशी ली। इसी दौरान, राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) द्वारा पेश किए जाने वाले आरोपी जसीर बिलाल उर्फ दानिश की पेशी से पहले भी विशेष सुरक्षा जांच की गई। रोहिणी कोर्ट परिसर में भी सुरक्षा बलों ने तलाशी अभियान चलाया।

साकेत कोर्ट बार एसोसिएशन के मानद सचिव एडवोकेट अनिल बसोया द्वारा सदस्यों को जारी सूचना में बताया गया कि सुरक्षा संबंधी कारणों के चलते अदालतों की कार्यवाही दो घंटे के लिए स्थगित की गई है। साथ ही सभी वकीलों और आगंतुकों से शांति बनाए रखने, अधिकारियों का सहयोग करने और अनावश्यक अफरा-तफरी से बचने की अपील की गई। सुरक्षा जांच पूरी होने के बाद दोपहर भोजनावकाश पश्चात कार्यवाही पुनः शुरू होने की संभावना जताई गई।

यह पहली बार नहीं है जब राजधानी की अदालतों को इस प्रकार की धमकियों का सामना करना पड़ा है। इससे पहले सितंबर माह में दिल्ली उच्च न्यायालय को भी बम की धमकी भरा ईमेल मिला था, जिसके बाद कोर्ट परिसर को खाली कराया गया था। लगातार मिल रही धमकियों ने अदालत परिसरों की सुरक्षा व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं।

उधर, मंगलवार सुबह दिल्ली के प्रशांत विहार और द्वारका स्थित दो केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (CRPF) स्कूलों को भी बम धमाके की धमकी भरा ईमेल मिला, जिसके बाद दोनों स्कूलों को तुरंत खाली कराया गया। अग्निशमन विभाग और पुलिस की टीमों ने परिसर की व्यापक तलाशी ली। वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों के अनुसार जांच में कोई संदिग्ध वस्तु नहीं मिली और प्रारंभिक निष्कर्ष के आधार पर इसे ‘होक्स’ यानी झूठी धमकी घोषित किया गया।

अदालतों और स्कूलों को मिली धमकियों के बाद पुलिस और सुरक्षा एजेंसियां हाई अलर्ट पर हैं तथा ईमेल भेजने वाले की पहचान के लिए साइबर सेल जांच में जुट गई है। राजधानी में बढ़ते ऐसे मामलों ने सुरक्षा तंत्र की सतर्कता और प्रतिक्रिया क्षमता की एक बार फिर से परीक्षा ले ली है।