काशी में नागा साधुओं ने शरीर पर भभूत लगाकर बैंडबाजा के साथ निकाली पेशवाई, बाबाओं ने लहराईं तलवारें, आराध्यदेव के लगाए जयकारे

वाराणसी (रणभेरी): महाकुंभ के तीन अमृत स्नान के बाद काशी में माघी पूर्णिमा पर नागा साधु संतों की बैंडबाजा और ढोल नगाड़ों के साथ पेशवाई निकाली। सबसे बड़े जूना अखाड़े की पहली पेशवाई अपने आराध्यदेव के साथ निकली। नागा साधुओं की यात्रा 10KM लंबी है। जिसमें 1 हजार से अधिक नागा साधु मौजूद हैं। साधु-संतों ने पेशवाई निकालने से पहले श्रंगार किया, शरीर पर भभूत लगाई।
काशी की सड़कों पर नागा साधुओं की पेशवाई को लेकर प्रशासनिक व्यवस्था दुरुस्त रही। नागा साधुओं को देखने और उनके दर्शन के लिए काफी संख्या में भक्त भी माैजूद रहे। कुछ लोग छत से हाथ जोड़कर उनको प्रणाम कर रहे हैं। नागा साधुओं ने हाथों में गदा, भाला और त्रिशूल लेकर निकले। इस दौरान साधु रास्ते में रुक-रुक कर तलवार, गदा और त्रिशूल से करतब दिखा रहे हैं। लाठियां भांज रहे हैं। वह हर-हर महादेव के जयघोष के साथ आगे बढ़ रहे हैं।
पेशवाई जूना अखाड़ा तपेश्वर मठ से निकल कर कमच्छा, जल संस्थान, भेलूपुर, सोनारपुरा, हरिश्चंद्र घाट होते हुए हनुमान घाट पहुंचेगी। इससे पहले एक दिन पूर्व ही जूना अखाड़े के पंच, नागा साधु बैजनाथ पहुंच गए थे। पेशवाई जूना अखाड़े में प्रवेश कर गई है। अब यहां से सभी साधु संत घाटों पर डेरा डालेंगे। डॉ. शिवानंद पूरी ( थानापति) जूना अखाड़ा ने बताया अब सभी पंच यहां विराजमान होगे और पुनः शिवरात्रि को पेशवाई होगी और बाबा का दर्शन करेंगे।
वहीं माघी पूर्णिमा पर स्नान के लिए 20 लाख श्रद्धालु काशी पहुंचे हुए हैं। भोर से ही गंगा स्नान का दौर चल रहा है। काशी के प्रमुख 10 गंगा घाट पर श्रद्धालुओं की भीड़ सबसे अधिक है। स्नान सुरक्षित हो इसके लिए गंगा में मजबूत बैरिकेडिंग की गई है। देर रात आलाधिकारियों ने उसका निरीक्षण किया। काशी में तीन प्रमुख कार्यक्रम हैं, जिसमें सुबह से गंगा स्नान चल रहा है। महाकुंभ से आने वाले श्रद्धालुओं से काशी में भीड़ बढ़ी है, जिससे विश्वनाथ मंदिर के बाहर 5KM लंबी लाइन लगी हुई है। मंदिर के चारों द्वार से दर्शन कराया जा रहा है।
श्रीपंचदशनाम आह्वान अखाड़े की पेशवाई 18 फरवरी को निकाली जाएगी। अखाड़े के संन्यासी आरएन पाठक ने बताया कि पेशवाई कबीरचौरा मठ से गाजे-बाजे के साथ मैदागिन, चौक, गोदौलिया होते हुए दशाश्वमेध घाट के अखाड़े पर जाएगी।