मैं बेहाल हूं खस्ताहाल हूं मजबूर हूं रत्तापुर हूं
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घर बेचने को मजबूर लोग, समस्या से त्रस्त लोगों ने नगर निगम से मकानों को खरीदने का किया आग्रह
जिम्मेदार अपने में मस्त, बुनियादी सुविधाओं के लिए विभागों की उपेक्षा से लोग त्रस्त
साल के 365 दिन रहती है सीवर की समस्या, सीवर के गंदे पानी से होकर गुजरते है क्षेत्रीय लोग और स्कूली बच्चें
वाराणसी (रणभेरी सं.)। नगरपालिका का चोला छोड़ रामनगर ने नगर निगम का बाना ओढ़ लिया तो तत्कालीन पालिका क्षेत्र के मोहल्ले कॉलोनियां भी नवशहरी हो गई हैं। करीब एक हजार मकानों वाले रत्तापुर में लगभग 10 हजार की आबादी रहती है। यहां रहने वाले एक-एक घर की दिनचर्या कितनी दुश्वारी भरी है और बच्चे किस मानसिक संत्रास से गुजरते हुए स्कूल जाते हैं और लौटते हैं, इसकी पीड़ा वही समझते जो वहां रहते हैं। स्थिति यहां तक आ पहुंची है कि बुजुर्गों को यहां बसने का पछतावा हो रहा है। परिवारों के मुखिया जनप्रतिनिधियों के अधूरे आश्वासनों पर कुढ़ रहे हैं।
नगर क्षेत्र स्थित रस्तापुर के लोग गलियों में पसरे मलजल से इतने त्रस्त हुए की सपनों का आशियाना भी बेगाना करने को तैयार हो गए। गली में भरा मल-जल, दुर्गंध से नारकीय हुए जीवन से मुक्ति के लिए धरना दिया, सीवर लाइन के लिए प्रदर्शन किया और नगर निगम कार्यालय का घेराव भी कर आए। इसके बाद भी राहत न मिली तो बीते दिनों अपने घरों पर बिकाऊ है का पोस्टर लगा दिया। इसे खरीदने का निगम से आग्रह किया। मोहल्ले के लगभग 150 घरों पर बेबसी दशति पोस्टर दिख जाते हैं। मोहल्ले की आबादी पांच हजार के आसपास है। यहां की तीन गलियों में लगभग 400 मीटर तक्क छह माह से मलजल भरा है। इस स्थिति में घर से निकलना मुश्किल तो दुर्गंध के कारण घर में रहना भी कठिन है। बीते दिनों भी इस समस्या का समाधान और सीवर पाइप लाइन बिछा कर निदान के लिए स्थानीय लोगों दो दिनों तक रामनगर जोनल कार्यालय पर धरना दिया था।
अनियमितता मिलने पर उखाड़ ली थी पाइप
रस्तापुर में सीवर पाइप लाइन बिछाने का कार्य वर्ष 2020 में 39 लाख की लागत से हुआ था। इसमें गडबडी की शिकायत पर कराई गई प्रशासनिक जांच में अनियमितता पाई गई थी। इस कारण पूरी सीवर लाइन निकाल दी गई उसके बाद यहां आज तक सीवर की व्यवस्था नहीं हो पाई। पूर्व में सीवेज नालियों के माध्यम से एक खाली प्लाट में गिरता था जो अब बंद हो गया है।
फूटा गुस्सा तो महिलाओं ने जोनल कार्यालय के बाहर दिया धरना
वाराणसी (रणभेरी सं.)। रामनगर के रत्तापुर के लोग तीन माह से जल निकासी की समस्या से जूझ रहे हैं। इन लोगों ने नगर निगम के रामनगर जोनल कार्यालय के बाहर विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिया है। महिलाएं गैस चूल्हा सहित बर्तन लेकर धरने पर बैठ गईं। विधायक, मेयर और पार्षद के खिलाफ नारे लगाए। हाथ में पोस्टर थामे लोग मेयर और नगर आयुक्त को मौके पर बुलाने की मांग पर अड़े रहे। पांच घंटे बाद भी कोई नहीं पहुंचा। महिलाओं का कहना है कि जलनिकासी की समस्या से कई साल से जूझ रहे हैं। तीन माह से स्थिति बहुत खराब है। हर घर में कोई न कोई बीमार है। जलकल कार्यालय का घेराव तक किया गया, लेकिन कुछ नहीं हुआ। क्षेत्र की महिलाएं दोपहर में जुलूस के साथ नगर निगम के रामनगर जोनल कार्यालय पहुंची। मुख्य द्वार पर धरना देने लगी। सफाई वाहनों और कर्मियों को भी मुख्य द्वार पर रोक दिया। उनका कहना है कि हम अपना घर बार बंद कर आए हैं। जब तक समस्या का अंत नहीं होता धरना जारी रहेगा। धरने में आरती देवी, उषा चौहान, सपना तिवारी, पूनम चौहान, मंजू देवी, रीता मौर्या, माधुरी, मनीष यादव, विनय मौर्या, चंदा, बेबी, हसीना,जुबेर, जाहिदा शामिल रहीं।
बोले लोग:नरकीय जीवन कबतक करेंगे बर्दाश्त
स्थानीय लोगों का कहना है कि पहले पुलिया नाला के जरिए सगरा और बटाऊबीर तालाबों में पानी चला जाता था। पांच वर्ष पहले उस पुलिया से पानी निकासी का रास्ता बंद कर दिया गया। तब से समस्या है। बारिश के दिनों में हर घर में गंदा पानी जमा हो जाता है। रत्तापुर से सटी कॉलोनी कुछ ऊंचाई पर बनी है। वहां का सीवर भी रत्तापुर की ओर चला आता है। लोगों ने बताया कि सीवर समस्या के समाधान के लिए वे कई बार धरना प्रदर्शन कर चुके हैं। हर बाहर अधिकारी आश्वासन की घुट्टी पिलाते हैं। फिर भूल जाते हैं। लोगों का कहना है कि अधिकारी हमें सीधा कह दें कि काम नहीं कराएंगे तो हम खुद चंदा लगाकर काम करवा लेंगे। ऐसी नारकीय जीवन कब तक बर्दाश्त करेंगे
दूषित और बदबूदार जलापूर्ति, हैंडपंप खराब
कॉलोनी में पानी की पाइपलाइन भी क्षतिग्रस्त हो गई है। इससे पेयजल भी दूषित आता है। उससे दुर्गंध निकलती है। आरती देवी ने कहा कि गंदे पानी से बीमारियां फैल रही हैं। हर घर में कोई न कोई बीमार मिल जाएगा। पूनम सिंह ने बताया कि कॉलोनी में एक हैंडपंप लगा है, वह भी खराब है। गर्मी में पेयजल संकट बढ़ना तय है।