Holika Dahan 2022: कल होलिका दहन, जानें शुभ मुहूर्त, नियम, पूजा विधि
(रणभेरी): रंगो का त्योहार होली सभी को इंतजार रहता है। इस त्योहार पर दुश्मन भी गले-शिकवे भूलकर एक-दूसरे को गले लगाते हैं। होली का त्योहार यूपी, बिहार सहित देश के कई राज्यों में धूमधाम से मनाया जाता है। उत्तर प्रदेश के मथुरा में होली का पर्व कई दिन पहले से शुरू हो जाता है। लोग कभी फूलों की होली, अबीर-गुलाल व लठमार होली खेलते हैं। ज्योतिषाचार्य मुकुंद बल्लभ भट्ट ने बताया कि फाल्गुन मास की पूर्णिमा तिथि इस बार 17 मार्च को है। इसी पूर्णिमा तिथि पर असत्य और बुराई की प्रतीक होलिकाओं का दहन किया जाएगा। होलिका दहन बृहस्पतिवार को है, जो अपने आप में शुभ है। बृहस्पति की दृष्टि का संबंध चंद्रमा से है, जिससे गजकेसरी योग बन रहा है। इस दिन मकर राशि में शुक्र, मंगल, शनि की युति है।
होलिका दहन 2022 शुभ मुहूर्त
ज्योतिषाचार्य ने बताया कि पूर्णिमा बृहस्पतिवार को दोपहर भद्राकाल में 01:31 बजे लग जाएगी। दूसरे दिन शुक्रवार को दोपहर 12:48 बजे तक पूर्णिमा रहेगी। पूर्णिमा भद्राकाल में आरंभ हो रही है और रात 1:10 बजे तक भद्राकाल रहेगा। ऐसे में भद्राकाल के बाद ही होलिका दहन करना फलदायी रहेगा।
होलिका दहन की पूजा विधि
होली की पूजा करने वाले व्यक्ति को उत्तर व पूर्व दिशा में मुख करके बैठना चाहिए। पूजा के लिए एक लोटा जल, फूल माला, गुलरियों की माला, चावल, गंध, गुड, सूत, हल्दी, गेहूं की बाली आदि पूजा सामग्री की आवश्यकता होती है। पूजा करने के उपरांत होलिका को जल का अर्घ्य देकर चारों ओर परिक्रमा लगाई जाती है तथा सूत लपेटा जाता है। गोवर की गुलरियों से तैयार मालाओं के बीच में एक लकड़ी रखी जाती है, जिसे प्रहलाद का रूप माना जाता है। दहन से पहले इसको निकाल लिया जाता है और इसे ऐसे स्थान पर छिपा दिया जाता है, जिससे प्रहलाद के रूप में इसकी सुरक्षा हो सके।