काशी विश्वनाथ कॉरिडोर तक जा पहुंचीं गंगा, तटवर्ती तमाम इलाकों में जल तांडव के बीच पलायन जारी
वाराणसी (रणभेरी): वाराणसी में गंगा का जलस्तर लगातार बढ़ाव के बीच खतरा बिंदु को पार करने के बाद भी थमने की ओर नजर नहीं आ रहा है। रविवार की शाम को श्री काशी विश्वनाथ कॉरिडोर में गंगा ने दस्तक दे दी। अब लगता है कि बाबा का अभिषेक करने के बाद ही लौटेंगी। गंगा ने बाबा दरबार परिक्षेत्र में प्रवेश किया तो आस्थावानों ने हर हर गंगे और हर हर महादेव का उद्घोष भी किया। कई वर्षों में यह अनोखा मौका था जब गंगा बाबा दरबार की ओर जा पहुंची हैं। सुबह तक गंगा का जलस्तर प्रतिघंटे एक सेंटीमीटर तक बढ़ रहा था, इस लिहाज से आगे दुश्वारियां कम होने की उम्मीद नही है। वहीं बाढ़ का पानी दोपहर 12 बजे तक लगातार बढ़ाव पर होने ने निचली कालोनियों में दुश्वारियां लगातार बढ़ती जा रही हैं।
वहीं गंगा का रुख लगातार बढ़ाव की ओर होने के बीच सुबह आठ बजे गंगा का जलस्तर खतरा बिंदु 71.26 मीटर को पार करने के बाद 72.02 मीटर तक गंगा का स्तर हो चुका है। जबकि लगातार गंगा का जलस्तर अब खतरा बिंदु को पार करने के बाद नया रिकार्ड बनाने की ओर हैं। बाबा दरबार सहित तटवर्ती तमाम इलाकों में गंगा का जलस्तर अब जल तांडव सर्वत्र नजर आ रहा है। निचले इलाकों से पलायन पहले ही हो चुका है तो अब नए इलाके जद में आ रहे हैं। हालांकि सुखद हालात यह है कि प्रयागराज में गंगा का जलस्तर थमने लगा है। ऐसे में चौबीस घंटों में गंगा का जलस्तर कम होने की उम्मीद बढ़ गई है। वही अस्सी से नगवां वाली सड़क पर नावें चल रही हैं। जिला प्रशासन की ओर से राहत और बचाव कार्य तेज कर दिया गया है। सामनेघाट इलाके में त्राहिमाम मचा है। शहर में 19 बाढ़ राहत शिविर बनाए गए हैं। इसमें 661 परिवार के 3432 बाढ़ पीड़ितों को शरण दी गई है। राहत एवं बचाव के लिए 58 नावें लगाई गई हैं। बाढ़ से वाराणसी जनपद के कुल 20 वार्ड, 99 ग्राम सभा सहित कुल 119 ग्राम सभा एवं वार्ड के 15318 से ज्यादा लोग प्रभावित हुए हैं। 19 राहत चौकी स्थापित की गईं हैं।
दशाश्वमेध सट्टी में अपनी दुकान लगाने वाले दुकानदारों की भी धड़कनें तेज हो गई हैं। घाट की सीढ़ियां चढ़ते ही कई दुकानदार अपनी दुकान खाली कर चुके हैं, तो वहीं कुछ दुकानदार अपना सामान निकालकर सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाने में जुटे रहे। दशाश्वमेध घाट से पांडेयहवेली जाने वाली गलियों में भी बाढ़ का पानी घुस गया। मोक्षदायिनी गंगा के तट पर मुक्ति के लिए लंबी कतार लग रही है। खतरे के निशान से ऊपर बह रही गंगा के कारण मणिकर्णिका घाट पर शवदाह में परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। मणिकर्णिका घाट पर गंगा गलियों में प्रवेश करने के साथ ही ऊपरी तल पर होने वाले शवदाह के प्लेटफार्म तक पहुंचे से चंद मीटर दूर है। जगह कम होने के कारण एक शव को जलाने में पांच से छह घंटे का इंतजार करना पड़ रहा है। हरिश्चंद्र घाट पर भी गलियों में जगह कम पड़ने लगी है।अस्सी घाट से नगवां की ओर जाने वाली सड़क पर यातायात को पूरी तरह से बंद कर दिया गया है। वहां रहने वालों ने अपने मकान खाली कर दिए हैं। साकेतनगर, छित्तूपुर सामनेघाट मार्ग, नगवां नाला पुल, सामनेघाट लंका मार्ग, मदरवां बस स्टैंड और रविदास मंदिर मार्ग पर दोपहर से ही बाढ़ का पानी चढ़ने लगा था। वाराणसी में बाढ़ लोगों के लिए बड़ी मुसीबत बन गई है। किसी का काम छूटा तो किसी का धंधा मंदा हो गया है। वहीं बाढ़ में फंसे लोगों के लिए राशन, पानी सबसे बड़ी परेशानी है। वरुणा में पलट प्रवाह के कारण ढेलवरिया इलाके में सैकड़ों मकान पानी में डूब गये हैं। यहां के लोग बिहारीजी मंदिर के पास टेंट में रह रहे हैं, तो कोई छत का सहारा ले रहा है।
गंगा और वरुणा के बाढ़ग्रस्त इलाकों में संक्रामक बीमारियों के रोकथाम को लेकर स्वास्थ्य विभाग की मोबाइल टीम निगरानी करेगी। इसके लिए क्षेत्रवार मोबाइल स्वास्थ्य टीम की तैनाती का निर्णय लिया गया है। राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम की टीम को बाढ़ग्रस्त इलाकों में लोगों को परामर्श, जरूरी दवाओं के वितरण की जिम्मेदारी दी गई है।
बाढ़ प्रभावित ढाब क्षेत्र मोकलपुर रामपुर गोबरहां मुस्तफाबाद, चांदपुर, कोटवां, सरायमोहाना , सलारपुर आदि गांवों का दौरा कैबिनेट मंत्री अनिल राजभर ने किया। उन्होंने प्रभावितों से उनकी समस्याओं आदि के बारे में पूछा और त्वरित समाधान कराने का आश्वासन दिया। उधर, पुलिस अधीक्षक ग्रामीण सूर्यकांत त्रिपाठी, प्रभारी निरीक्षक राजेश सिंह के साथ नाव पर बैठ कर टेकुरी, लक्ष्मीसेनपुर बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का जायजा लिया। रविवार को भी बाढ़ का पानी खेतों की तरफ तेजी से बढ़ रहा था। एनडीआरएफ कमांडेंट मनोज कुमार शर्मा के निर्देशन में एनडीआरएफ की टीमें लगातार कार्य कर रही हैं। जिलाधिकारी कौशल राज शर्मा, एडीएम सिटी गुलाब चंद्र ने एनडीआरएफ टीम के साथ मारुति नगर इलाके में बाढ़ग्रस्त क्षेत्रों का दौरा किया। जिलाधिकारी ने प्रभावित लोगों की समस्याओं को सुना और हर संभव मदद का आश्वासन दिया।