23 नालों का गंदा पानी सीधे जा रहा गंगा में

23 नालों का गंदा पानी सीधे जा रहा गंगा में

गाजीपुर। नगर क्षेत्र के 23 नालों का गंदा पानी गंगा में सीधे गिर रहा है। प्रदूषण का स्तर बढ़ता जा रहा है। अब जगह-जगह गंदे पानी से झाग बन रहा है। इससे नदी के पानी का रंग भी बदल गया है। प्रदूषित हो रहा गंगाजल स्नान तो दूर आचमनी लायक भी नहीं है। शहर के प्रमुख घाटों में शामिल ददरीघाट से इन दिनों गंगा दूर हो गई हैं। वहीं घाट के पास से नाला का गंदा पानी सीधे गिर रहा है। श्रद्धालुओं को गंगा स्नान के लिए करीब एक किमी रेत में चलकर मुख्य जलधारा तक पहुंचना पड़ रहा है। सबसे बड़ी बात तो यह है कि शुद्ध जल में स्नान करने के बाद घाट के पास गंदे पानी से होकर आवागमन करन पड़ रहा है। बावजूद अब तक गिर रहे इन नालों के पानी को रोकने के लिए कोई ठोस कदम नहीं उठाया जा रहा है।

कलेक्टर घाट पर गिर रहा नाले का पानी
नगर क्षेत्र का कलेक्टर घाट पर गिर रहा नाले का पानी नदी को प्रदूषित कर रहा है। हालांकि जाली लगने से कचरा गंगा में नहीं पहुंचता है। इस नाले में आस-पास इलाकों के करीब एक दर्जन से ऊपर नालियों का गंदा पानी जाता है।

झाग देख स्नान करने से कतराते हैं
साईं मंदिर स्थित नवकापुरा गंगा घाट पक्का नहीं बना है। यहां भी शहर के विभिन्न वार्डों की नालियों से आ रहा गंदा पानी नाले के सहारे गंगा में गिरता है। गंदे पानी का झाग देख लोग स्नान करने से कतराते हैं। श्रद्धालुओं ने आशंका जाहिर करते हुए कहा कि नाले के सहारे केमिकल युक्त पानी गंगा में मिल रहा है। यहीं कारण है कि झाग साफ दिखाई पड़ रहा है।

सीवर प्रोजेक्ट अंतिम चरण में हैं। प्रोजेक्ट के पूरा होते ही गंगा में गिर रहे नाले बंद हो जाएंगे, जिससे काफी हद तक सुधार आएगा। - पीयूष मौर्या, अधिशासी अभियंता जलनिगम