बुद्ध की प्रथम उपदेश स्थली में विदेशी जोड़े ने हिंदू रिवाज से की शादी
वाराणसी (रणभेरी): वाराणसी में सनातन हिंदू संस्कृति व रस्म-रिवाज से कोलंबिया के एक जोड़े ने आज गुरुवार की दोपहर में महात्मा बुद्ध की प्रथम उपदेश स्थली सारनाथ में विवाह रचाया। सारंगनाथ महादेव को साक्षी मान कर सात फेरे लिए और साथ जीने-मरने की कसमें खाई। जयमाल और सिंदूरदान के साथ समस्त सभी रस्में भी पूरी कीं।
यह विदेशी विवाह अयोध्या निवासी आदित्य के द्वारा आयोजित किया गया था। जहां पर कोलंबिया की डेनियला के मांग में कोलंबिया के ही युवक ईवान ने सिंदूर भरकर उसे अपनी पत्नी के रूप में स्वीकार किया। संस्कृत के मंत्रों का पाठ कर कृष्णकांत त्रिपाठी ने अग्निकुंड के साथ फेरे दिलवाए।
वहीं नवविवाहित जोड़े ने बताया कि काफी दिनों से हम दोनों को भारतीय संस्कृति के प्रति लगाव था। हमने तय किया कि पूरी विधि विधान से हम अपने नए जीवन की शुरुआत करेंगे। ईवान ने बताया कि वह मध्य प्रदेश के पन्ना से 16 नवंबर को वाराणसी आए थे।मित्र आदित्य ने शादी का पूरा आयोजन किया था जहां पर कृष्ण कांत त्रिपाठी ने हमारी हिंदू विधि विधान से शादी संपन्न कराई।