बीएचयू में धरने पर बैठे एग्रीकल्चर के छात्र

बीएचयू में धरने पर बैठे एग्रीकल्चर के छात्र

ओपन बुक एग्जाम कराने की मांग, छात्र बोले- पढ़ाई ऑनलाइन  हुई तो एग्जाम ऑफलाइन क्यों

वाराणसी (रणभेरी): काशी हिंदू विश्वविद्यालय स्थित कृषि विज्ञान संस्थान में छात्र ऑनलाइन एग्जाम कराने की मांग के साथ धरने पर बैठे हैं। सैकड़ों की संख्या में जुटे कृषि विज्ञान के छात्रों ने सड़क भी जाम कर दिया है। सेंट्रल लाइब्रेरी और बीएचयू वीटी मार्ग को बंद कर दिया गया। इस दौरान सुरक्षाकर्मियों के साथ काफी बहस भी हुई। इसके बाद छात्रों का दल संस्थान के अंदर ही धरने पर बैठ गया। इस धरने में एग्रीकल्चर के स्नातक से लेकर पीएचडी तक के छात्र शामिल हैं। छात्रों ने कहा कि ऑनलाइन ओपन बुक एग्जाम का फैसला जब तक नहीं आएगा तब तक धरना नहीं रूकेगा। छात्रों का कहना है कि काशी हिंदू विश्वविद्यालय के दूसरे फैकल्टी के छात्रों का ऑनलाइन एग्जाम लिया जा रहा है, जबकि कृषि विज्ञान के छात्रों का कहना है कि उन्हें ऑफलाइन एग्जाम के लिए दबाव बनाया जा रहा है। छात्रों ने नारे लगाते हुए कहा कि उनका संस्थान भी ऑनलाइन प्रणाली से ही उनका सेमेस्टर एग्जाम कराए। 

उनके कोर्स की ज्यादातर पढ़ाई ऑनलाइन मोड में ही संपन्न हुई, अब एग्जाम ऑफलाइन कराने का क्या तुक बनता है। अभी तो बड़ी संख्या में छात्र अपने घर पर ही सेल्फ स्टडी कर रहे हैं और नई संभावनाएं तलाश रहे। ऐसे समय में उन्हें सेमेस्टर एग्जाम के लिए बुलाना न्यायोचित नहीं है। फिलहाल इस सेमेस्टर तक तो नहीं। उसके बाद ऑफलाइन क्लास और एग्जाम लिए जाएंगे तो उससे कोई समस्या नहीं है। छात्रों ने कृषि विज्ञान संस्थान के निदेशक से अनुरोध करते हुए कहा कि उनकी समस्या का जल्द निवारण किया जाए। 

धरना प्रदर्शन के दौरान छात्रों ने निदेशक के नाम एक ज्ञापन भी सौंपा।कोविड महामारी के पूरे दो साल तक बीएचयू मे फिजिकल माध्यम में कक्षाएं बंद थी। इसको लेकर छात्रों काफी समय तक विरोध प्रदर्शन कर ऑनलाइन क्लास बंदकर ऑफलाइन  खोलने की मांग की थी। नव नियुक्त कुलपति ने इसी साल फरवरी में ऑफलाइन क्लासेज खोलने का निर्णय लिया तो कई छात्रों ने जोरशोर से विरोध करते हुए ऑफलाइन एग्जाम कराने की मांग की। बीएचयू ने परीक्षा ओबीई मोड में कराने का फैसला लिया। इसके बाद छात्रों का धरना समाप्त हुआ। कृषि विज्ञान संस्थान के छात्रों का कहना है कि अभी तक उनके लिए यह सिस्टम लागू नहीं हुआ, जिसके विरोध में वे आज धरने पर बैठे हैं।