ड्रीम-11 पर करोड़पति बनने के चक्कर में कंगाल हो रहे युवा

ड्रीम-11 पर करोड़पति बनने के चक्कर में कंगाल हो रहे युवा

वाराणसी(रणभेरी)। देश में इन दिनों आईपीएल का खुमार युवाओं के सर पर चढ़ा है। शहर में बारह माह आबाद रहने वाले सट्टा का खेल भी इन दिनों खूब फल फूल  रहा है। आईपीएल शुरू होने के साथ ही जहां एक ओर शहर से लेकर उपनगरीय क्षेत्रों और गांव-गांव तक क्रिकेट के सट्टे का बोल बाला है तो वहीं दूसरी तरफ आजकल ड्रीम 11 ने क्रिकेट की पिच पर ऐसी इनिंग खेली है कि हर गली-मोहल्ले के युवाओं को लगता है वो क्रिकेट भले ना खेल पाए पर बने वो भारत टीम की कप्तानी के लिए ही हैं। यह खेल न सिर्फ उम्मीदों का बाजार गरम करता है बल्कि जेबें भी खाली करवाने में माहिर है। छोटी सी रकम लगाओ और बड़े-बड़े सपने सजाओ यही तो ड्रीम 11 का मंत्र है। इस खेल में बस एक ही चिंता है, कहीं ये सपने आंखें खुलते ही वित्तीय रुदुस्वप्न न बन जाएं। आजकल टीवी से लेकर सोशल मीडिया पर आने वाले हर विज्ञापन में बड़े-बड़े सितारे इस खेल का ढोल पीटते नजर आते हैं। जैसे क्रिकेट का मैच नहीं कोई त्योहार मना रहे हों। और तो और जब पड़ोसी को रातों-रात लखपति बनते देखो तो दिल में एक ही ख्याल आता है कि जब वो करोड़पति बन सकता है तो मैं क्यों नहीं। कभी ये नहीं सोंचा की कई युवा इस तरह के खेल में अपना सब कुछ गांव कर मुंह छिपाए शहर तक छोड़ गए है। बस ड्रीम में शुरू हो जाती है मनपसन्द खिलाड़ी के साथ रुपयों की बरसात। सच कहूं तो ड्रीम-11 या अन्य इस तरह इलेक्ट्रॉनिक सट्टा वालो ने युवाओं को न सिर्फ खिलाड़ी बना दिया है बल्कि जुआरी भी बना दिया है। आज नहीं तो कल यह खेल उन्हें गली का हीरो तो नहीं पर जीरो जरूर बना देगा। इस खेल में वित्तीय जोखिम की चेतावनी तो है पर लगता है यह सिर्फ औपचारिकता भर है क्योंकि सब जीतने का ढिंढोरा पीटते है और हारने वाले चुपचाप निकल लेते हैं तो जोखिम की कौन याद दिलाएगा। ड्रीम 11 यह बहुत ही खतरनाक बीमारी के तौर पर उभर रही है। इस खोल पर समय रहते रोक लगानी होगी या फिर कोई और स्थाई समाधान ढूंढना होगा। अन्यथा वित्तीय जोखिम के साथ साथ मानसिक बीमारी के जन्म का कारण बनने लगा है। चूंकि ड्रीम 11 एक ऐसा खेल है जो 39 व 59 रुपए में युवाओं को रातों रात करोड़पति बनने का सपना दिखा रहा है। कभी जीतने पर 1 करोड़ तो कभी दो करोड़ और आजकल 4 करोड़ की राशि जीतने पर दी जा रही है। इस चक्कर में लाखों युवाओं को इस खेल की लत लगी हुई है और अपनी वर्षों की मेहनत की कमाई को यूं ही बर्बाद करने में लगे हुए है। सरकारी क्षेत्र में तैनात कर्मचारी भी इसका शिकार बनते जा रहे है। आखिर बने भी क्यों न दिन में कोई चैनल खोलें तो ड्रीम 11 का विज्ञापन पल पल आपके आंखों के सामने चलता रहेगा। बड़े-बड़े सितारे इस खेल का प्रचार करते देखे जाते हैं और विज्ञापन के अंत में यह जरूर बोलते है कि इसमें वित्तीय जोखिम है और इसकी लत लग सकती है। जब आस पड़ोस में कोई आदमी करोड़पति बनता है तो दिमाग का कीड़ा और जाग जाता है कि जब यह जीत सकता है तो मैं नहीं। अब तो देखा देखी में एक नहीं 15-20 टीमें लगाकर करोड़पत्ति बनने की फिराक में रहते है। लालच आता ही है। लेकिन यह लालच न आए उसके दृढ़ शक्ति बहुत कमजोर होती है।ऐसे भी कई लोग है जो ड्रीम 11 पर इसका शिकार हो रहें है। 59 रुपए लगा कर करोड़पति बनने का सपना जब टूट जाए तो कहते है 59 रुपए ही तो गए लेकिन 59 भी तो मुफ्त में गए क्योकि सामने वाले तो पहले ही बोला था वित्तीय जोखिम है लेकिन आपने नहीं सुनी। करोड़ पति बनने के लिए एक नहीं कई कई टीमें लगाकर इंतजार में बैठे रहते है और बाद में वो पैसे भी डूब रहें है। इस बर्बादी में युवा पीढ़ी ही नहीं कई बुद्धिजीवी भी प्रतिदिन हजारों रुपए इस खेल में लगा रहे इस खेल में प्रतिदिन पैसे की बर्बादी देख गानसिक तनाव से पीड़ित हो रहें है। वहीं छोटी- छोटी बातों पर परिजनों से नोक झोक भी हो जाती। युवाओं में तनाव व चिड़‌चिड़ापन देखा जा रहा है, वे खेल नशे की भाति युवाओं के मानसिक संतुलन को खोखला कर रहा है। समाज का एक वर्ग इस खेल को सही मानता है और दूसरे वर्ग ने इसे आधुनिक जुए की संज्ञा दी है। अब युवाओं और बुद्धिजीवियों को खुद तय करना है कि इस खेल में भाग लेना है या दूरी बनानी है।

क्या है ड्रीम-11

एक ऐसी ऐप है जिसपर लोग किसी भी मैच से पहले अपनी क्रिकेट टीम बनाते हैं यानी दोनों टीमों की खिलाडयिों से अपने मन के हिसाब से खिलाड़ी चुनते हैं और फिर पॉइंट्स के आधार पर उन्हें पैसे मिलते हैं। इस एप की शुरुआत साल 2016 में हुई थी जाता है। कि इस तरह के गेम के थी और माना लिए यह ऐप सेफ है, साथ ही जितने भी लोग इसमें टीम बनाते हैं, उनके पॉइंट्स की रैंक के आधार पर उन्हें पैसे मिलते हैं। इसके माध्यम से आप क्रिकेट के अलावा अन्य खेलों के मैच में भी टीम बनाते हैं, जिनका पॉइंट सिस्टम अलग अलग है।