...अब मकान निर्माण सामग्री को भी लगी महंगाई की नजर
- सीमेंट, सरिया, ईंट, गिट्टी व लाल बालू सहित अन्य निर्माण सामग्री के रेट में 20 से 30 फीसदी का इजाफा
वाराणसी (रणभेरी): कहते हैं कि मनुष्य की तीन सबसे मूलभूत जरूरी चीजों में भोजन, कपड़ा और मकान होता हैं। लेकिन इनदिनों इन्हीं तीन मूलभूत जरुरतों की वस्तुओं में महंगाई की नजर लग गई है। इनदिनों निवाला ही नहीं, अब घर बनाना भी महंगा हो गया है। सीमेंट, सरिया, ईंट, गिट्टी व लाल बालू सहित अन्य निर्माण सामग्री के रेट बढ़ने से निर्माण की लागत 20 से 30 फीसदी तक बढ़ गई है। निर्माण सामग्री के दाम आसमान छूने से किचन के साथ मकान के लिए रखा गया बजट भी बोल गया है। छह महीने पहले लोगों ने निर्माण कार्य शुरू किया था और यह आस लगाई थी कि उनका आशियाना उनके बजट में बनकर तैयार हो जाएगा। लेकिन, वह बढ़ती महंगाई से मायूस हो गए हैं। तमाम लोग ऐसे भी हैं, जो हाल फिलहाल के लिए मकान बनवाने का इरादा ही बदल चुके हैं। सीमेंट, सरिया, बालू, मोरंग, गिट्टी के साथ ईंट की कीमतें काफी बढ़ गई हैं। निर्माण सामग्री की कीमतों में लगातार इजाफा हो रहा है। जो बजट लेकर काम शुरू कराया था, अब उससे ज्यादा खर्च हो रहा है।
- सरिया में सबसे अधिक तेजी
निर्माण सामग्री की कीमतों पर गौर करें तो जो सफेद बालू दो माह पूर्व 20 रुपये फीट था, जोकि अब 24 रुपये हो गया है। सीमेंट की कीमतों में 40 रुपये प्रति बोरी तक का इजाफा हुआ है। लाल बालू यानी मोरंग की दरें 15 रुपये प्रति फीट बढ़ गई है। 75 रुपये से यह बढ़कर 90 रुपये प्रति फीट हो गया है। गिट्टी की कीमतों पर नजर डालें तो वह 75 से बढ़कर 85 रुपये प्रति फीट पर पहुंच गया है। सबसे अधिक तेजी सरिया की देखने को मिल रही है। 55 सौ रुपये से बढ़कर आठ हजार रुपये प्रति क्विंटल के करीब यह पहुंच गया है। ईंट की कीमतों में भी बढ़ोतरी हुई है। पिछले सीजन में 14 हजार रुपये प्रति ट्राली बिकने वाली ईंट की कीमत 15 से 16 हजार रुपये तक पहुंच गई है।
- दो से तीन लाख लागत बढ़ी
निर्माण सामग्री के दाम आसमान पर पहुंच गए हैं। लोहे की सरिया से लेकर सीमेंट, मोरंग, गिट्टी आदि सभी कुछ महंगा हुआ है। इसके चलते अब आशियाना बनाना और महंगा हो गया है। एक हजार वर्ग फीट का मकान बनवाने की लागत में दो से तीन लाख रुपये तक की बढ़ोतरी छह महीने में हुई है। इससे निर्माण सामग्री में लगातार इजाफा हो रहा है। अक्टूबर में सरिया की कीमत 5200 रुपये प्रति क्विंटल थी, जो अब बढ़कर 8000 रुपये तक पहुंच गई है। हालांकि मार्च में यह 8500 का आंकड़ा भी छू चुकी है। इसके अलावा बिजली तार व सामान की कीमतें में 40 फीसद की वृद्धि हुई है, जिससे मकान के निर्माण की लागत बढ़ गई है।
- मांग में तेजी आई तो बढ़े दाम
सरिया विक्रेता ने बताया कि कोरोना काल में निर्माण कार्य ठप हो गए थे, जिनमें पिछले पांच-छह महीने से तेजी आई है। ऐसे में भाव में अत्यधिक तेजी आ गई है। बाजार में अभी मांग तो अच्छी बनी हुई है। लेकिन, यही हाल रहा तो आने वाले दिनों में मांग घट सकती है। बालू-ईंट विक्रेता ने कहा कि कोरोना काल में भवन निर्माण से जुड़े कारोबार ने लंबा झटका झेला है। जैसे-तैसे काम पटरी पर आया है। लेकिन, कीमतों में तेजी से विक्रेता व ग्राहक सभी परेशान हैं।