Diwali 2022: काशी में देवी अन्नपूर्णा की स्वर्णमयी प्रतिमा के दर्शन का दूसरा दिन, खजाना पाने के लिए भक्तों की लगी अनवरत कतार

Diwali 2022: काशी में देवी अन्नपूर्णा की स्वर्णमयी प्रतिमा के दर्शन का दूसरा दिन, खजाना पाने के लिए भक्तों की लगी अनवरत कतार

वाराणसी (रणभेरी): वाराणसी में धनतेरस के अवसर पर सभी लोग मां अन्नपूर्णा के मंदिर में जाते है और मां के दर्शन कर उनका आशीर्वाद लेते है। वही काशी में आज लगातार दूसरे दिन देवी अन्नपूर्णा की स्वर्णमयी प्रतिमा के दर्शन-पूजन का सिलसिला जारी है। श्रीकाशी विश्वनाथ धाम के पास स्थित प्राचीन मंदिर से श्रद्धालु उत्साहपूर्वक देवी अन्नपूर्णा के दरबार से खजाना पाने के लिए अपनी बारी का इंतजार कर रहे हैं। देवी अन्नपूर्णा के दर्शन-पूजन का यह सिलसिला अन्नकूट यानी 26 अक्टूबर तक जारी रहेगा।श्रीकाशी विश्वनाथ धाम में भी देवी अन्नपूर्णा के दरबार से पहली बार भक्तों को खजाना वितरित किया जा रहा है। वहां भी लाइन में लगे श्रद्धालुओं का उत्साह देखते ही बन रहा है।

मंदिर से जुड़ी यह मान्यता भी है कि काशी में भीषण अकाल पड़ा था तो भगवान शिव ने मां अन्नपूर्णा का ध्यान कर उनसे भिक्षा मांगी थी।श्रीकाशी विश्वनाथ धाम के समीप स्थित प्राचीन मंदिर में विराजमान यह देवी अन्नपूर्णा की स्वर्णमयी प्रतिमा है। इस प्रतिमा का दुर्लभ दर्शन अन्नकूट तक होगा।तब मां अन्नपूर्णा ने यह कहा था कि काशी में अब कोई भूखा नहीं सोएगा। धन-धान्य की देवी अन्नपूर्णा का प्राचीन मंदिर देश का एकमात्र ऐसा देवालय है जहां साल भर में सिर्फ चार दिन यानी धनतेरस से अन्नकूट तक मां का खजाना बांटा जाता है। देवी अन्नपूर्णा के प्राचीन मंदिर के महंत शंकर पुरी के अनुसार, यह देश का इकलौता मंदिर है जो श्रीयंत्र के आकार का है। यह हिंदुस्तान का एक अकेला मंदिर है जहां माता अन्नपूर्णेश्वरी देवी, माता भूमि देवी और माता लक्ष्मी देवी एक साथ स्वर्णमयी स्वरूप में विराजमान हैं। उनके पास ही भोलेनाथ की चांदी की प्रतिमा है।

आज 4 बजे भक्तों के लिए मंदिर का कपाट खोला गया था। भक्तों को प्रसाद स्वरूप चांदी के सिक्के दिए जा रहे हैं। आज रात 11 बजे तक भक्त दर्शन-पूजन करेंगे।देवी अन्नपूर्णा की स्वर्णमयी प्रतिमा के दर्शन-पूजन के लिए आने वाले श्रद्धालुओं की सुरक्षा के मद्देनजर गोदौलिया और चौक क्षेत्र में भारी पुलिस बल तैनात किया गया है।25 अक्टूबर को सूर्यग्रहण के कारण दोपहर 2 बजे मंदिर के कपाट बंद कर दिए जाएंगे। मोक्ष के एक घंटे बाद रात 7:30 बजे मंदिर के कपाट फिर खोल दिए जाएंगे। 26 अक्टूबर को अन्नकूट मनाया जाएगा और देवी अन्नपूर्णा को 56 प्रकार का भोग लगाया जाएगा। उस दिन भी सुबह 4 बजे से रात 11 बजे तक दर्शन-पूजन होगा।