नितेश हत्याकांड में किसे बचा रहे शिवपुर थानेदार!

नितेश हत्याकांड में किसे बचा रहे शिवपुर थानेदार!
  •  परिवार वालों का आरोप - नितेश की हुई है हत्या, हत्या में एक बीजेपी नेता का हाथ जबकि पुलिस बता रही आत्महत्या
  •  पुुलिस के जांच पर उठ रहे सवाल, परिजनों की मांग सीबीआई से हो घटना की जांच, कहा - शिवपुर पुलिस पर है ऊपर से दवाब, इसलिए आरोपियों को बचाने में जुटी है 

वाराणसी (रणभेरी/ विशेष संवाददाता)। शिवपुर पुलिस किसी न किसी मामलों को लेकर सुर्खियों में बनी रहती है। अब ताजा मामला नितेश मौर्या के मौत का है। 18 साल के नितेश मौर्या की मौत की गुत्थी सुलझने के बजाय उलझती जा रही है। पुलिस जहां इसे आत्महत्या करार दे रही है तो वहीं परिवारवाले पुलिस की थ्योरी को सिरे से खारिज कर दे रहे हैं। उनका कहना है कि नितेश की हत्या कराई गई है। हत्या की इस वारदात में किसी और का नहीं, बल्कि एक बीजेपी नेता का हाथ है। परिवार वालों का आरोप है कि पुलिस बीजेपी नेता को बचाने में लगी है। इस पूरे मामले की सीबीआई जांच होनी चाहिए। फिलहाल नितेश की मौत के मामले में पुलिस ने पांच लोगों को गिरफ्तार किया है और जांच-पड़ताल कर रही है।


वाराणसी जिले के शिवपुर थाना क्षेत्र में बीते महीने की 20 सितंबर को 18 साल के नितेश मौर्या की क्षत-विक्षत और पूरी तरह से जली हुई डेडबॉडी बरामद हुई थी। डेडबॉडी के हाथ-पैर कटे हुए थे। गले पर चोट का निशान था और शरीर पूरी तरह से जला हुआ था। पुलिस ने लाश को बरामद करने की बाद उसकी पहचान की और इसकी जानकारी नितेश मौर्या के परिजनों को दी। नितेश के शव का पोस्टमार्टम कराने के बाद पुलिस घरवालों को बताया कि ये आत्महत्या का मामला है, क्योकि नितेश पेट्रोल खरीदते हुए सीसीटीवी में कैद हुआ था।

हालांकि परिवार वालों ने पुलिस की थ्योरी का विरोध किया। नितेश के बड़े भाई अनिल ने इसको लेकर शिवपुर थाने में तहरीर दी। शिवपुर पुलिस ने मामले में दांदूपुर के ही संजय गौड़, सुनील गौड़, संदीप गौड़, अनिल गौड़, प्रद्युम्न गौड़ पर हत्या और शव छिपाने के प्रयास में केस दर्ज कर उनको गिरफ्तार कर लिया। वहीं नितेश के परिवार वालों का कहना है कि इस पूरे मामले का सूत्रधार बीजेपी नेता और वार्ड नंबर-20 का पार्षद अभय प्रजापति है। पुलिस ने उसके खिलाफ कुछ नहीं किया। इस मामले में पुलिस पर ऊपर से दबाव है।

12 दिन बाद परिवार को दी पोस्टमार्टम रिपोर्ट

बड़े भाई अनिल ने कहा कि नितेश की हत्या को पुलिस आत्महत्या बता रही है. पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट भी हम लोगों को पुलिस ने 12 दिन के बाद दी। हम लोगों को अब पुलिस की कार्रवाई पर कोई भरोसा नहीं है। इस मामले की हम सीबीआई जांच चाहते हैं। नितेश की बहन अनीता ने कहा कि नितेश को खोजते हुए पुलिस जब घर पहुंची थी, तभी उन्होंने कहा था कि तुम्हारा भाई अब कभी नहीं आएगा

पुलिस पर हम कैसे भरोसा कर लें?

विपक्षी नेताओं ने पुलिस की भूमिका पर उठाया सवाल  बीते  सोमवार को समाजवादी पार्टी ने इस संदिग्ध मौत को लेकर जिला मुख्यालय पर प्रदर्शन किया। प्रदर्शन में सैकड़ों ग्रामीण शामिल हुए और नितेश मौर्य को न्याय दो के नारों से मुख्यालय गूंज उठा। पूर्व सांसद रामकिशुन यादव और जिलाध्यक्ष सुजीत यादव उर्फ लक्कड़ पहलवान ने इस हत्या को लेकर सरकार पर गंभीर आरोप लगाए। इस मौके पर, बीजेपी नेता को जिम्मेदार ठहराते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से सीबीआई जांच की मांग की गई। नितेश मौर्य की संदिग्ध परिस्थितियों में हुई हत्या के लिए एसीएम अशोक कुमार यादव को दिए पत्रक में ममता देवी का आरोप है कि, उनके बेटे की हत्या एक सोची-समझी साजिश के तहत की गई, जिसमें स्थानीय पुलिस और कुछ गुंडों का भी हाथ है। ममता देवी ने बिलखते हुए मुख्यमंत्री से इंसाफ की मांग की। उनका कहना था कि, संजय गोंड़ ने उनके बेटे को दो दिन पहले पीटा था। मेरे बेटे की हत्या हुई है और मुझे उसके लिए न्याय चाहिए। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को संबोधित ज्ञापन के अनुसार, ममता देवी का छोटा बेटा नितेश मौर्य 21 सितंबर 2024 को घर से कुछ दूरी पर स्थित रिंग रोड के पास झाड़ियों में मृत पाया गया था। ममता देवी ने बताया कि उनके बेटे की पोस्टमार्टम रिपोर्ट 12 दिन बाद जारी की गई, जिसमें मौत का कारण स्पष्ट नहीं किया गया है, जिससे उन्हें शक है कि पुलिस ने दबाव में आकर हत्या को आनन-फानन में आत्महत्या करार दे दिया। ममता देवी ने मुख्यमंत्री को संबोधित ज्ञापन कहा है कि, उनके बेटे पर जिस लड़की को भगाने का आरोप लगाया गया था, उसके और बीजेपी नेता के  बीच अवैध संबंध थे, और इसी डर से नेता ने नितेश मौर्य की हत्या करवाई। इस हत्या में संजय गोंड़, सुनील गोंड़, संदीप गोंड़, अनिल गोंड़ और प्रदीप गोंड़ के साथ दो पुलिसकर्मी भी शामिल थे। ममता देवी ने मुख्यमंत्री से आग्रह किया है कि उनके बेटे की हत्या की जांच सीबीआई से करवाई जाए, ताकि उन्हें न्याय मिल सके। इस पूरे मामले में स्थानीय पुलिस पर दबाव है और सही साक्ष्यों को दबाया जा रहा है।

बीजेपी नेता ने आरोपों को बताया निराधार 

मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, मृतक नितेश मौर्य की मां का वीडियो और बयान सामने आने के बाद बीजेपी नेता ने उनके खिलाफ लगाए गए आरोपों पर कड़ा रुख अपनाते हुए इन्हें पूरी तरह से निराधार और असत्य बताया है। उन्होंने कहा, मेरे बनारस स्थित कैंप कार्यालय और सकलडीहा स्थित आवास पर कोई भी लड़की या महिला काम नहीं करती है। मैं इस तरह की किसी भी महिला को व्यक्तिगत रूप से नहीं जानता, जिसका जिक्र इन आरोपों में किया जा रहा है। यह आरोप सिर्फ मेरी साख और राजनीतिक छवि को नुकसान पहुंचाने के लिए गढ़े गए हैं। नितेश मौर्य की मौत से हम मर्माहत हैं। इस घटना और आरोपों से मेरा कोई संबंध नहीं है और यह उनके खिलाफ एक सोची-समझी साजिश का हिस्सा है। बीजेपी ने यह भी कहा की मैंने हमेशा कानून का पालन किया है और अपने पूरे राजनीतिक करियर में पारदर्शिता और ईमानदारी को प्राथमिकता दी है। इन आरोपों का उद्देश्य सिर्फ मेरे और मेरे परिवार की प्रतिष्ठा को धूमिल करना है। नितेश मौर्य के मौत के मामले की निष्पक्ष जांच होनी चाहिए।

आखिर किसे बचा रही शिवपुर पुलिस!

दानूपुर निवासी नितेश मौर्या की मौत के लेकर पुलिस द्वारा चल रही जांच ने कई सवाल खड़े कर दिए हैं। पुलिस जहां इसे आत्महत्या मान रही है, वहीं परिवार वाले पुलिस की इस थ्योरी को पूरी तरह खारिज कर रहे हैं। नितेश के परिवार वालों का स्पष्ट कहना है कि यह आत्महत्या नहीं, बल्कि सुनियोजित हत्या है। 
 जिसमें किसी और का नहीं, बल्कि एक बीजेपी नेता का हाथ है। परिवार का आरोप है कि शिवपुर थाना पुलिस मंत्री को बचाने जुटी हुई है, जिसके कारण सही जांच नहीं हो रही है।

नितेश मौर्या की मौत की गुत्थी सुलझने के बजाय दिन-प्रतिदिन उलझती जा रही है। नितेश की मां ममता देवी के अनुसार, नितेश की हत्या एक राजनीतिक साजिश का हिस्सा है। उनके बेटे की मौत के मामले में शिवपुर पुलिस ने कितने लोगों को गिरफ्तार किया है, यह स्पष्ट नहीं किया जा रहा है? यही नहीं जिस लड़की के गायब होने की बात कही जा रही है, उसके बारे में भी पुलिस मीडिया को कुछ भी बताने से क्यों बच रही है? परिजनों का आरोप है कि नितेश की हत्या के असली गुनहगार अभी भी खुलेआम घूम रहे हैं, और पुलिस उन्हें पकड़ने का प्रयास नहीं कर रही है।

पुलिस पर क्यों उठ रहे सवाल!

नितेश का अधजला नग्न शव उसके घर से करीब सौ मीटर की दूरी पर रिंग रोड के किनारे झाड़ी में गत 21 सितंबर 2024 को मिला था। शव की स्थिति इतनी भयानक थी कि उसके हाथ-पैर कटे हुए थे और पूरा शरीर जला हुआ था। गले पर भी चोट के गंभीर निशान थे। इस स्थिति में लाश मिलने पर परिवार के लोग बेसुध हो गए और उन्होंने इसे हत्या करार दिया। शिवपुर थाना पुलिस ने शव के पोस्टमार्टम के बाद दावा किया कि यह मामला आत्महत्या का है।

अपने दावे की पुष्टि करते हुए पुलिस का कहना है कि नितेश को सीसीटीवी फुटेज में पेट्रोल खरीदते हुए देखा गया था, और उसी पेट्रोल का इस्तेमाल उसने खुद को आग लगाने के लिए किया होगा। हालांकि, नितेश का परिवार पुलिस की इस थ्योरी पर विश्वास नहीं कर रहा है। उनका कहना है कि नितेश ने कभी आत्महत्या के संकेत नहीं दिए थे, और उसकी जिंदगी में ऐसा कोई तनाव नहीं था, जिससे वह ऐसा कदम उठाता। परिवार ने साफ तौर पर कहा कि यह हत्या है और पुलिस इसे आत्महत्या साबित करने में लगी है, ताकि असली अपराधी बच सके। नितेश के चाचा राम सकल मौर्य का कहना है कि आखिर यह कैसे संभव है कि कोई इंसान अपने पहला हाथ-पैर काटे, गला रेते और खुद ही अपने ऊपर पेट्रोल छिड़कर आग लगा ले? क्या यह संभव है कि खुले आसमान के नीचे पेट्रोल से इंसान क्या इतना जल सकता है कि उसके हाथ-पैर राख में बदल जाएं और  बाकी शरीर के सभी हिस्से सही सलामत रहें? नितेश के बड़े भाई अनिल मौर्या ने इस संबंध में शिवपुर थाने में तहरीर दी है। तहरीर के आधार पर पुलिस ने दांनूपुर निवासी संजय, सुनील, संदीप, अनिल गोंड़ और प्रद्युम्न गोंड़ के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 302 (हत्या) और 201 (शव को छुपाने के प्रयास) के तहत मुकदमा दर्ज किया है।

हत्या का कारण संदिग्ध!

नितेश की मौत के मामले में पुलिस की जांच पर तल्ख सवाल उठाए जा रहे हैं। परिवार का आरोप है कि पुलिस महकमे के तहत सही तरीके से जांच नहीं की जा रही है और इस मामले से आत्महत्या करार देकर बंद करने की कोशिश कर रही है। नितेश की मौत को लेकर परिवार के सवालों और आरोपों का अब तक पुलिस ने कोई ठोस जवाब नहीं दिया है। परिवार द्वारा बार-बार सीबीआई जांच की मांग की जा रही है, ताकि नितेश की मौत के असली कारणों का पता लगाया जा सके और दोषियों को सजा मिल सके। नितेश मौर्य की मौत के मामले पर शिवपुर पुलिस का कहना है कि प्रारंभिक जांच में यह आत्महत्या का मामला प्रतीत होता है। पुलिस ने यह भी कहा कि सीसीटीवी फुटेज में नितेश को हाथ में पेट्रोल लिए देखा गया है, जो आत्महत्या के दावे को पुष्ट करता है। प्रथम दृष्टया यह मामला आत्महत्या का प्रतीत हो रहा है, लेकिन पुलिस ने यह भी कहा कि अभी उनकी जांच जारी है। जैसे-जैसे जांच आगे बढ़ेगी, तथ्यों का खुलासा होगा। पुलिस के अनुसार, हाल ही में एक किशोरी के अपहरण के मामले में शिवपुर थाने में मुकदमा दर्ज हुआ था, जिसमें नितेश संदिग्ध था। पुलिस की छानबीन के दौरान, नितेश पर शक गहराया, जिसके बाद 20 सितंबर की रात वह रिंग रोड के किनारे स्थित एक पेट्रोल पंप पर पहुंचा और वहां से तीन बोतल पेट्रोल खरीदा। उसी रात, जब पुलिस नितेश के घर उसके एक दोस्त के परिजनों के साथ पहुंची, तो वह डरकर बाउंड्री वॉल फांद कर भाग गया। पुलिस का दावा है कि इसके बाद नितेश ने आत्मघाती कदम उठाया।

लाश जलती रही, किसी को पता नहीं चला

पुलिस की कहानी में कई तरह के पेंच हैं। नितेश मौर्य की लाश जिस स्थान पर झाड़ी में बरामद हुई थी वह स्थान रिंगरोड के किनारे हैं। शरीर करीब 90 फीसदी जल चुका था। नितेश के चाचा संतोष मौर्य कहना है कि जिस तरह से नितेश जला है, वो दस-पांच मिनट या आधे घंटे में नहीं जला होगा। उसको जलने में घंटों लगे होंगे। कोई भी जलता है तो चिल्लाता है और लोग कह रहे हैं हमें पता नहीं चला? यह कैसे हो सकता है? पहले नितेश को मारा गया होगा और बाद में उसे जलाया गया होगा? ऐसा कैसे हो सकता है कि एक इंसान इतनी बुरी तरह जल जाए और चिल्लाए भी नहीं और किसी को पता भी न चले? दानूपुर बस्ती के पास घटना हुई। आग लगी, पर किसी ने तो देखा और न ही जलने की दुर्गंध आई। घटना स्थल को देखने से घटना सुसाइड नहीं प्रतीत होती है। नितेश के परिवार को पुलिस के इस बयान और प्रस्तुत किए गए साक्ष्यों पर विश्वास नहीं है। उनका कहना है कि नितेश की हत्या को पुलिस जानबूझकर आत्महत्या बताने की कोशिश कर रही है। उनका आरोप है कि पुलिस यह सब सत्ता पक्ष से जुड़े लोगों के दबाव में कर रही है।

राजनीतिक चर्चा का विषय बना केस

नितेश की मौत का मामला अब राजनीतिक और सामाजिक चर्चा का एक प्रमुख विषय बन गया है, और परिवार की लगातार सीबीआई जांच की मांग ने इस मामले को और गंभीर बना दिया है। पीड़ित परिजनों से मिलने पहुंचे चंदौली के सांसद वीरेंद्र सिंह ने कहा कि पुलिस की कहानी में बहुत झोल है। पुलिस जो कुछ बता रही है, वो किसी के गले से नीचे नहीं उतर रही है। आखिर वह क्यों नहीं बताती कि रितिक नामक जिस लड़के के साथ नाबालिक लड़की गायब हुई है वो कहां है? अगर कहीं गिरफ्तार किया गया है तो पुलिस उन्हें बनारस लेकर क्यों नहीं आ रही है?  इस साल शिवपुर थाना क्षेत्र में कई लड़कियां लापता हुई हैं, जिनमें से कई का अभी तक सुराग नहीं लग सका। पुलिस ने उन घटनाओं से संबंधित फाइलें दफ्तर दाखिल कर दी हैं। हमें लगता है कि बनारस कमिश्नरेट पुलिस न्यायदर्शी नहीं है, अन्यथा नितेश के कातिल घटना के तत्काल बाद पकड़ लिए गए होते। समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव के निर्देश पर सांसद बाबू सिंह कुशवाहा के नेतृत्व में पांच सदस्यीय टीम नितेश के घर जाकर घटना और पुलिस की कार्रवाई की जानकारी ले चुकी है। इससे पहले यूपी के पूर्व मंत्री स्वामी प्रसाद मौर्या, राज्य पिछड़ा वर्ग आयोग के सदस्य वासुदेव मौर्य पीड़ित परिवार से मिल चुके हैं