सीढियां लांघ गंगा सड़कों की ओर
6 फीट की गली में हो रहा शवदाह,चेतावनी देने के बाद खतरे के निशान की तरफ गंगा, वाराणसी में एक्टिव किये गये 11 बाढ़ राहत शिविर
वाराणसी (रणभेरी सं.)। एक बार फिर गंगा नदी अपना रौद्र रूप दिखा रही है। वहीं, दूसरी ओर वरुणा नदी में भी पानी बढ़ रहा है। शनिवार शाम तक वरुणा का पानी स्थिर था, लेकिन रविवार सुबह जब लोग उठे तो वरुणा का कहर देखकर लोग सहम गए। फिर क्या कमर भर पानी में कोई सिर पर ग_र लिए तो कोई हाथ में खाने-पीने का सामन लेकर तो कोई हाथ में बक्शा लिए ठिकाने की तलाश में भटकता रहा। कई तो अपने नजदीकी रिश्तेदार, नातेदार के यहां ठहर गया तो कोई किराये पर ठहरने के लिए रूम की तलाश के लिए दर-दर भटकता रहा
गंगा नदी का जलस्तर हर घंटे 3 सेंटीमीटर बढ़ रहा है। खतरे के निशान से गंगा सिर्फ 92 सेंटीमीटर नीचे बह रही हैं। अस्सी घाट पूरी तरह से डूब चुका है। मर्णिकर्णिका और हरिश्चद्र घाट डूब चुके हैं।
6 फीट की पतली गली में दाह संस्कार हो रहे हैं। वहीं, मणिकर्णिका घाट की छत पर शव जलाए जा रहे हैं। गंगा आरती गली या छतों पर हो रही है। गंगा नदी से सटे हुए कोनिया, सलारपुर, रत्नाकर विहार, काशीपुरम इलाकों तक पानी पहुंचने के बाद डीएम ने लोगों को खुद ही शिफ्ट होने के लिए कह दिया है। वरुणा पार के इलाकों में लोग शिफ्ट भी होने लगे हैं। करीब 25 हजार लोग घर छोड़ गए हैं। नाविकों को नदी में नाव ले जाने से मना किया गया है।
तटवासियों में हड़कंप
गंगा का जलस्तर की वजह तटवासियों में हड़कंप मच गया। गंगा का जलस्तर 4 सेमी प्रति घंटा की रफ्तार की बढ की वजह से अस्सी की गलियों में नाव चलने लगी है। दोपहिया वाहन से चार वाहनों का आवागमन ठप है। यही सीन सामने घाट भी देखने को मिला। बाढ़ का पानी सामने घाट की कॉलोनियों में घुस गया
काशी के घाट डूबे
दशाश्वमेध, अस्सी, मणिकर्णिका, नमो घाट समेत काशी के अधिकांश घाट जलमग्न हो चुके हैं। वहीं पानी धीरे-धीरे मोहल्लों की ओर रुख कर रहा है। गंगा का जलस्तर चलते घाट और मंदिर डूब गए हैं। वहीं, तटवर्ती इलाकों में भीषण बाढ़ का खतरा मंडराने लगा है।
राहत शिविरों की स्थापना की गई
जिले में बाढ़ से प्रभावित लोगों की सहायता के लिए 46 राहत शिविर स्थापित किए गए हैं, जिनमें से 11 शिविर वर्तमान में सक्रिय हैं। इन शिविरों में 151 परिवारों के कुल 888 लोग सुरक्षित रूप से रह रहे हैं। प्रशासन द्वारा इन सभी राहत शिविरों में भोजन, पानी, फल, दूध, और अन्य मूलभूत सुविधाओं की व्यवस्था की गई है। स्वास्थ्य विभाग द्वारा मेडिकल कैंप भी लगाए गए हैं, जहां बाढ़ पीड़ितों का नियमित स्वास्थ्य परीक्षण किया जा रहा है। नगर निगम द्वारा राहत शिविरों में फॉगिंग भी कराई जा रही है ताकि बीमारी का प्रकोप न फैले।
24 घंटे क्रियाशील बाढ़ कंट्रोल रूम
24 घंटे क्रियाशील बाढ़ कंट्रोल रूम में किसी भी आपात स्थिति के लिए निम्नलिखित नंबरों पर संपर्क किया जा सकता है। 0542-2508550, 0542-2504170, 9140037137