काशी की गलियों में हो रहा दाह संस्कार, खतरे के निशान से ऊपर गंगा, डूब रहे मोहल्ले और गलियों में चल रही नाव
- जलस्तर में बढ़ाव ने आम जनता की मुसीबतें बढ़ा दी हैं।
- वाराणसी में दशाश्वमेध घाट पर बाढ़ आने से पुलिस चौकी जलमग्न
- हरिश्चंद्र घाट पर शवदाह के लिए लोगों को नाव से गलियों में जाना पड़ रहा है।
वाराणसी (रणभेरी): वाराणसी में गंगा ऊफान पर हैं। गंगा में आई बाढ़ के कारण वरुणा नदी भी रौद्र रूप में हैं।मध्यरात्रि में गंगा ने खतरे का निशान पार किया। केंद्रीय जल आयोग के अनुसार गंगा का जलस्तर रात में 12 बजे 71.29 मीटर पर पहुंच गया। बनारस में गंगा खतरे के निशान से ऊपर बह रही हैं। केंद्रीय जल आयोग के अनुसार गंगा का जलस्तर रात में 12 बजे 71.29 मीटर पर पहुंच गया। बनारस में गंगा खतरे के निशान से ऊपर बह रही है।
आज गंगा का जलस्तर प्रति घंटे दो सेंटीमीटर की दर से बढ़ रहा है। यहां मर्णिकर्णिका और हरिश्चंद्र घाट पानी में डूब गए हैं। दाह संस्कार अब गलियों में किया जा रहा है। गंगा में आई बाढ़ और वरुणा के उफनाने के कारण शहर से लेकर गांवों तक अब तक तकरीबन 2 लाख से ज्यादा लोग प्रभावित हुए हैं। केंद्रीय जल आयोग का मानना है कि अभी जलस्तर के स्थिर होने की संभावना नहीं है। चंबल सहित अन्य नदियों में आई बाढ़ के कारण वाराणसी में अभी गंगा का जलस्तर और बढ़ेगा। यानी अभी खतरा और है।
घाटों से निकलकर गंगा की लहरें अब गलियों में हिचकोले खा रही हैं। चिताएं गलियों से निकलकर अब छतों पर जलने लगी हैं तो दूसरी ओर गंगा आरती भी अब छत पर ही होने लगी है। वहीं नदी में लगातार एनडीआरएफ की टीम और जल पुलिस गश्त कर रही है तो दूसरी ओर नदी के किनारे रहने वाले घर छोड़कर सुरक्षित स्थानों की ओर पलायन कर रहे हैं। केंद्रीय जल आयोग की ओर से शनिवार की सुबह छह बजे राजघाट से लिए गए आंकड़ों के अनुसार गंगा का जलस्तर इस समय दो सेंटीमीटर प्रतिघंटे की गति से बढ़ रहा है। जबकि यहां चेतावनी का स्तर 70.262 मीटर है जो तीन दिन पूर्व ही गंगा पार कर चुकी हैं। वहीं खतरा बिंदु 71.262 मीटर पर है जिसे गंगा ने देर रात पार कर लिया है। शनिवार की सुबह छह बजे गंगा का जलस्तर खतरा बिंदु के पार 71.46 मीटर पर रहा। जबकि दो सेंटीमीटर बढ़ाव का स्तर होने से सुबह आठ बजे 71.48 मीटर जा पहुंंचा है। खतरा बिंदु पार करने के बाद भी गंगा के तेवर में कमी नहीं है और पानी लगातार एक सेंटीमीटर प्रतिघंटे की रफ्तार से बढ़ ही रहा है। प्रशासन की ओर से राहत और बचाव कार्य का लगातार जायजा लेने के साथ ही बाढ़ पर लगातार निगरानी भी रखी जा रही है।
गंगा में नौका संचालन बंद है तो दूसरी ओर बाढ़ का स्तर मोहल्लों में जा पहुंचा तो लोगों ने छत पर शरण ले रखी है। घरों में फंसे लोगों को भोजन और पानी उपलब्ध कराने के लिए प्रशासन अब तैयारी में जुट गया है। बाढ़ की वजह से वरुणा नदी में भी पलट प्रवाह का पानी आ चुका है।तटवर्ती लोग अपने घरों को छोड़कर पलायन करने लगे हैं। माना जा रहा है कि अब गंगा का जलस्तर लोगों को और भी दुश्वारी देगा क्योंकि बारिश के साथ ही बाढ़ का पानी बाहर से लगातार छोड़ा जा रहा है जो गंगा का जलस्तर बढ़ा रहा है।