बनारस में 80 फीसदी आबादी को लगी थी कोविशील्ड

बनारस में 80 फीसदी आबादी को लगी थी कोविशील्ड

वाराणसी(रणभेरी)। कोविड वैक्सीन निमार्ता कंपनी एस्ट्राजेनेका ने स्वीकार किया है कि दुर्लभ मामलों में कुछ लोगों में टीके के दुष्प्रभाव हो सकते हैं, जिससे थ्रोम्बोसिस विद थ्रोम्बोसाइटोपेनिया सिंड्रोम (टीटीएस) होने का जोखिम बढ़ जाता है। इस खबर के सामने आने के बाद से लोगों के मन में कई प्रकार का डर देखा जा रहा है। विशेषतौर पर जिन लोगों ने कोविशील्ड वैक्सीन ली है उन्हें चिंता है कि कहीं ये टीके उनमें हार्ट अटैक या ब्रेन स्ट्रोक का जोखिम तो नहीं बढ़ा देंगे?। आकड़ों पर नजर डाले तो बनारस में कोरोना वैक्सीन से बचाव के लिए 80 फीसदी आबादी को कोविशील्ड वैक्सीन लगी थी। दूसरे नंबर पर को-वैक्सीन थी।कोरोना से बचाव के लिए बनारस में 16 जनवरी 2021 से वैक्सीन लगनी शुरू हुई थी। जिले में कुल 77,59,390 डोज वैक्सीन लगी। उनमें 35.23 लाख लोगों को पहली, 33.36 लाख लोगों को दूसरी डोज लगी थी। वहीं 8.99 लाख लोगों को प्रीकॉशन डोज लगी थी। जिले में सबसे ज्यादा 61,98,136 को कोविशील्ड (80.5 प्रतिशत), 12,39934 को को-वैक्सिन (16.1 प्रतिशत) और 304242 किशोरों (3.92 प्रतिशत) को कॉर्बिवैक्स वैक्सीन लगी थी।
वैक्सीन लगने के बाद लांग टर्म समस्या
शोध के अनुसार 998 पुरुषों में 82 और 474 महिलाओं में 75 को वैक्सीन लगने के बाद लांग टर्म समस्या हुई। हाइपरटेंशन से पीड़ित 159 लोगों में 31 को बाद में सेहत संबंधी दिक्कतें हुईं। मधुमेह पीड़ित 19.7, थायरायड के 28.8, एलर्जी के 11.9 और फेफड़े की बीमारी से जूझ रहे 11.9 फीसदी लोगों में लांग टर्म साइड इफेक्ट बना रहा।