संपूर्णानंद विश्वविद्यालय में बढ़ा विवाद: प्रोफेसर पर हमले के आरोपों से मचा हड़कंप, थाने और हाईकोर्ट में लगाई गुहार

संपूर्णानंद विश्वविद्यालय में बढ़ा विवाद: प्रोफेसर पर हमले के आरोपों से मचा हड़कंप, थाने और हाईकोर्ट में लगाई गुहार

वाराणसी (रणभेरी):  शिक्षा के पवित्र मंदिर संपूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय में इन दिनों माहौल गरमाया हुआ है। विश्वविद्यालय के चीफ प्रॉक्टर प्रोफेसर दिनेश कुमार गर्ग और संस्कृत विभाग के प्रोफेसर पद्माकर मिश्र के बीच चल रहा विवाद अब गंभीर मोड़ ले चुका है। प्रो. मिश्र ने आरोप लगाया है कि उन पर सुनियोजित तरीके से हमला करवाया गया, जिसमें उनके परिवार के सदस्यों को भी चोटें आईं।

प्रो. मिश्र का कहना है कि हाल ही में उन्होंने चीफ प्रॉक्टर की नियुक्ति को लेकर शिकायत दर्ज कराई थी। आरोप था कि प्रो. गर्ग ने कथित रूप से फर्जी दस्तावेजों के आधार पर नौकरी हासिल की। इसी के बाद, मिश्र का कहना है, उनके घर पर कुछ छात्रों ने धावा बोल दिया। इन छात्रों ने घर का सामान तोड़ा, दरवाजे उखाड़ दिए और परिवार के साथ मारपीट की। घटना के बाद मोहल्ले में अफरातफरी मच गई। प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक, छात्र बाहर नारेबाजी करते रहे और माहौल तनावपूर्ण हो गया।

विश्वविद्यालय प्रशासन ने तत्काल मामले की रिपोर्ट कुलपति को सौंपते हुए जांच के आदेश दे दिए हैं। प्रशासन ने दोनों पक्षों को नोटिस जारी कर स्पष्टीकरण मांगा है। वहीं, प्रो. मिश्र ने चेतगंज थाने में लिखित शिकायत देकर आरोपियों के खिलाफ कठोर कार्रवाई की मांग की है।

विश्वविद्यालय सूत्रों का कहना है कि चीफ प्रॉक्टर प्रो. गर्ग बांदा जिले के निवासी हैं, और परिसर में पढ़ने वाले कुछ बांदा के छात्र उनके करीबी माने जाते हैं। आरोप है कि इन्हीं छात्रों की मदद से परिसर में विरोध प्रदर्शन और उपद्रव की घटनाएं होती रही हैं। हालांकि इस पूरे प्रकरण पर चीफ प्रॉक्टर की ओर से अब तक कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया सामने नहीं आई है।

इधर, इलाहाबाद हाईकोर्ट ने भी प्रो. मिश्र की याचिका पर संज्ञान लेते हुए जांच की प्रक्रिया तेज करने का निर्देश दिया है। उधर, चेतगंज पुलिस पर ढुलमुल रवैये का आरोप लगाते हुए प्रो. मिश्र ने कहा कि यदि निष्पक्ष कार्रवाई नहीं हुई, तो वह आगे की कानूनी लड़ाई जारी रखेंगे।

विश्वविद्यालय, जो सदियों से ज्ञान और संस्कृति का केंद्र रहा है, अब शिक्षकों की आपसी तनातनी और आरोप-प्रत्यारोप के कारण चर्चा में है। छात्र और कर्मचारी दोनों ही इस विवाद के शांतिपूर्ण समाधान की उम्मीद लगाए बैठे हैं, ताकि परिसर में फिर से शिक्षा और शांति का वातावरण लौट सके।