महाकुंभ का पलट प्रवाह: पुलिस आयुक्त की काशी जोन के जनता से अपील- घर से बाहर न निकले, श्रद्धालुओं का रखे ध्यान
वाराणसी (रणभेरी): महाकुंभ के पलट प्रवाह के चलते बुधवार को पुलिस कमिश्नरेट क्षेत्र के काशी जोन के लोग अनावश्यक घर से बाहर न निकलें। अपने घर में ही रहें और श्रद्धालुओं का सहयोग करें। यह अपील पुलिस आयुक्त मोहित अग्रवाल ने काशीवासियों से की।
पुलिस आयुक्त ने कहा कि वाराणसी के सभी स्कूल-कॉलेज अधिग्रहीत कर लिए गए हैं। जरूरत पड़ने पर वाहनों की पार्किंग कराई जाएगी। श्रद्धालुओं को ठहराया जाएगा। काशी जोन में ही दशाश्वमेध, चौक, लक्सा, कोतवाली, जैतपुरा, आदमपुर, सिगरा, चेतगंज, भेलूपुर, लंका और चितईपुर थाना क्षेत्र हैं। इन क्षेत्रों में रहने वाले बहुत जरूरी हो तभी घर से बाहर निकलें और वाहन का इस्तेमाल करें। ऑटो और ई-रिक्शा भदऊं चुंगी से गोलगड्डा, कैंट रेलवे स्टेशन, लहरतारा, मंडुवाडीह भिखारीपुर, सुंदरपुर होते हुए लंका तक जाएं। इसी रूट से ही वापस आएं। शहर के अंदरूनी हिस्से में ऑटो और ई-रिक्शा न आएं। अन्यथा को स्थिति में ऑटो और डं रिक्शा संचालक के खिलाफ कार्रवाई मे कोताही नहीं बरतो जाएगी।
पुलिस आयुक्त ने कहा जो वाहन चालक दवा से संबंधित कागजात दिखाएंगे, उन्हें रात 10 बजे से सुबह 6 बजे तक जाने दिया जाएगा।शहर में भीड़ प्रबंधन और सुगम यातायात के लिए सिगरा स्थित सिटी कमांड एंड कंट्रोल सेंटर के 2500 से ज्यादा कैमरों और ड्रोन की मदद ली जा रही है। गंगा में श्रद्धालुओं की सुरक्षा के गद्देनजर जल पुलिस, पीएसी, बाढ़ राहत दल, 11 एनडीआरएफ और एसडीआरएफ के जवान तैनात किए गए हैं।
श्रीकाशी विश्वनाथ और कालभैरव मंदिर में महाकुंभ के पलट प्रवाह का असर जारी है। मंगलवार को नौ लाख श्रद्धालुओं ने बाबा विश्वनाथ के दर्शन किए। आस्था का ऐसा सैलाब रहा कि श्रद्धालुओं ने दो-चार किलोमीटर लंबी कतार लगी रही। 4 से 5 घंटे के इंतजार के बाद बाबा के झांकी दर्शन हो पाए। मंगलवार की भोर में साढ़े तीन बजे के बाद हर-हर महादेव के जयकोष पर भक्तों ने मंदिर में प्रवेश किया। इसके बाद बाबा दरवार के सभी छह प्रवेश द्वार के बाहर 2 से 4 किमी लंबी लाइन लग गई। उन्होंने कहा कि भीड़ प्रबंधन और सुगम यातायात के लिए पुलिस का सहयोग करें। पुलिस कमिश्नरेट क्षेत्र के काशी जोन में ही 84 गंगा घाट, विश्वनाथ धम, कालभैरव मंदिर दुर्गाकुंड मंदिर, संकटमोचन मंदिर, बीएचयू का नया विश्वनाथ मंदिर सहित अन्य सभी प्रमुख मठ-मंदिर विद्यमान हैं।