बीएचयू में धरनारत दलित-छात्र से मिलने पहुंचे कांग्रेस अजय राय, PM से हस्तक्षेप की मांग

बीएचयू में धरनारत दलित-छात्र से मिलने पहुंचे कांग्रेस अजय राय, PM से हस्तक्षेप की मांग

वाराणसी (रणभेरी):  काशी हिन्दू विश्वविद्यालय में वीसी आवास के बाहर पीएचडी प्रवेश की मांग को लेकर धरने पर बैठे छात्र शिवम् सोनकर को विपक्षी पार्टियों का लगातार समर्थन मिल रहा है। कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष अजय राय मंगलवार को देर रात धरना स्थल पर  भोजन लेकर पहुंचे। उन्होंने शिवम सोनकर से पूरी जानकारी ली इस दौरान छात्र शिवम फूट-फूट कर रोने लगा उसने कहा कि हमने सपना देखा था कि पीएचडी बीएचयू से करेंगे लेकिन विभाग के गलती का खमियाजा हमे भुगतना पड़ रहा है।

छात्र शिवम सोनकर के साथ पी.एच.डी प्रवेश प्रक्रिया में अन्याय पूर्वक व्यवहार किया जा रहा है। सामान्य श्रेणी ने द्वितीय स्थान आने के बाद भी अन्यायपूर्ण व्यवहार किया जा रहा है। इन्होंने कहा कि शिवम 8 बार नेट क्वालीफाई किए है। उनके विभाग में RET EXEMPTED श्रेणी में 3 सीटें खाली होने के बावजूद 2 ही सीटें उपलब्ध हैं। इस कारण उन्हें प्रवेश प्रक्रिया से वंचित रखा जा रहा है। एक दलित छात्र को उच्च शिक्षा प्राप्त करने के अधिकार से वंचित रखना सामाजिक न्याय के सिद्धांतों के विपरीत है।

वहीं इस मामले पर कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष अजय राय ने कहा कि एक दलित छात्र को उच्च शिक्षा प्राप्त करने के अधिकार से वंचित रखना सामाजिक न्याय के सिद्धांतों के विपरीत है। इस प्रकार के प्रकिया न केवल उच्च शिक्षा में सामाजिक न्याय के खिलाफ है, बल्कि यह दलित छात्रों के शैक्षणिक भविष्य के साथ भी अन्याय है। यह स्थिति अनुसूचित जाति के छात्रों के लिए उच्च शिक्षा के अवसरों को बाधित करने का एक गंभीर उदाहरण है जो संविधान के समता व सामाजिक न्याय के सिद्धान्तों के विपरीत है।


अजय राय ने कहा - लगातार बीएचयू के अन्दर अन्याय की घटनाएं सामने आती रहती है पर महामना की बगिया को बचाने की लड़ाई हम कांग्रेसी लड़ेंगे छात्रों के अधिकार की लड़ाई हम लड़ेंगे शिवम् सोनकर अकेला नहीं है पूरी कांग्रेस पार्टी इस छात्र के साथ खड़ी है क्योंकि छात्र ही हमारे भविष्य है और हम अपने भविष्य के साथ खिलवाड़ बर्दाश्त नहीं करेंगे। उन्होंने कहा हम देश के प्रधानमंत्री व सांसद नरेंद्र मोदी से मांग करते है आप तत्काल इस मामले में हस्तक्षेप कर होनहार छात्र शिवम् सोनकर का दाखिला कराए।

छात्र शिवम सोनकर का कहना है कि सामान्य श्रेणी में दूसरा स्थान आने के बाद भी मेरा एडमिशन नहीं लिया गया। विभाग को रिसर्च की 7 सीटों पर प्रवेश लेना था। मात्र 4 सीट पर एडमिशन लिया गया और 3 सीट खाली रखी गईं। खाली सीटों को रेट एग्जम्प्टेड श्रेणी में ट्रांसफर करने का प्रावधान है। मैं लगातार विभाग और सेंट्रल ऑफिस का चक्कर काट रहा हूं। लेकिन विश्वविद्यालय का कोई जिम्मेदार अधिकारी मेरे मामले का संज्ञान नहीं ले रहा है।