सावन के पहले सोमवार के लिए तैयार काशी
- 14 से शुरू हो रहा सावन, 18 को पहला सोमवार, लाखों श्रद्धालु बाबा दरबार में टेकेंगे मत्था
- सुरक्षित कांवड़ यात्रा के लिए पुलिस व प्रशासन ने तैयार किया खाका, हाईवे के कट्स पर बैरिकेडिंग लगाकर होगा रूट डायवर्जन
वाराणसी (रणभेरी): श्री काशी विश्वनाथ के पावन महीने सावन को लेकर कमिश्नरेट और ग्रामीण पुलिस ने तैयारी शुरू कर दी है। 14 जुलाई से शुरू हो रहे सावन का पहला सोमवार 18 जुलाई को है। इस दिन लाखों श्रद्धालु बाबा दरबार में मत्था टेकेंगे। ऐसे में पुलिस के सामने भीड़ को कंट्रोल करने की चुनौती है। कोरोना के चलते पिछले दो साल से कांवड़ यात्रा पर रोक था। इसलिए इस बार सावन में बड़ी संख्या में कांवरियों के आने की उम्मीद है। इसी को देखते हुए एडिशनल सीपी संतोष कुमार सिंह ने शहर में पडऩे वाले कांवड़ मार्ग पर सुरक्षा विशेष इंतजाम किए हैं। साथ ही तस्करों पर नजर रखने के निर्देश दिए हैं। उधर, एसपी ग्रामीण सूर्यकांत त्रिपाठी के नेतृत्व में अधिकारियों ने कांवरिया लेन का निरीक्षण किया और आवश्यक निर्देश दिए। हाईवे के कट्स पर बैरिकेडिंग व रूट डायवर्जन प्लान पर मंत्रणा की। प्रयागराज से वाराणसी आने वाले एक साइट मार्ग पर भारी वाहनों के आवागमन पर प्रतिबंध लगा दिया है।
श्रद्धालुओं के लिए आने-जाने का मार्ग तय
किसी भी घाट से नाव के माध्यम से भक्त काशी विश्वनाथ धाम घाट तक पहुंच सकेंगे। इसके अलावा पूर्व की व्यवस्था भी लागू रहेगी। गोदौलिया, मैदागिन और दशाश्वमेध के साथ गंगा घाट से आने वाले सभी श्रद्धालुओं के लिए आने-जाने का मार्ग तय कर दिया गया है, जो जिस मार्ग से प्रवेश करेगा, दर्शन के बाद वह उसी मार्ग से निकल जाएगा। अधिकारियों की बैठक भी लगातार हो रही है। इसमें
श्रद्धालुओं की सुविधा-सुरक्षा, प्रवेश-निकास पर विशेष नजर रखने की रणनीति बनाई जा रही है।
कांवड़ियों के रूट पर पेट्रोलिंग करती रहेगी पुलिस
पुलिस शहर से लेकर नेशनल हाईवे तक कांवड़िया रूट पर पेट्रोलिंग करती रहेगी। डायल 112 के पुलिस रिस्पांस व्हीकल विशेष रूप से कांवड़िया रूट पर अतिरिक्त सतर्कता बरतेंगे। महिला श्रद्धालुओं की सुरक्षा व्यवस्था के मद्देनजर विश्वनाथ धाम आने वाले सभी रूटों और गंगा घाटों पर महिला पुलिसकर्मी तैनात रहेंगी। गंगा में जल पुलिस और एनडीआरएफ की 11वीं बटालियन के अलावा पीएसी बाढ़ राहत दल के जवान भी तैनात रहेंगे।
सोमवार शहर में रहेगा रूट डायवर्जन
गोदौलिया, दशाश्वमेध, मैदागिन और गंगा घाटों के इर्दगिर्द जगह-जगह पीए सिस्टम लगा कर सुविधा और सहायता केंद्र बनाए जाएंगे। दशाश्वमेध घाट से गोदौलिया, चौक होते हुए मैदागिन तक मेडिकल सहायता शिविर लगाए जाएंगे। गोदौलिया से मैदागिन के बीच नो व्हीकल जोन रहेगा। इसके साथ ही प्रत्येक सोमवार के मद्देनजर शहर में रूट डायवर्जन की व्यवस्था लागू की जाएगी।
लाखों की उमड़ेगी भीड़
श्री काशी विश्वनाथ धाम का नव्य-भव्य स्वरूप सामने आने के बाद व कोरोना के दो साल बाद स्थिति सामान्य के चलते इस बार सावन में हर दिन लाखों की भीड़ आने की उम्मीद है। इस संबंध में अपर पुलिस आयुक्त (मुख्यालय व अपराध) संतोष कुमार ङ्क्षसह ने बताया कि श्रद्धालुओं के सुगम दर्शन के लिए पुलिस विभाग हर समय मुस्तैद है। पर्याप्त पुलिस बल मौजूद है। हम सभी इस वर्ष मानसिक रूप से तैयार हैं कि श्रीकाशी विश्वनाथ धाम के दर्शन के लिए बड़ी संख्या में श्रद्धालु काशी आएंगे क्योंकि बाबा विश्वनाथ का नव्य-भव्य और कोरोना काल के बाद दो वर्षों पर बिना किसी बंदिश के दर्शन सुलभ होंगे।
अधिकारियों ने की बैठक
सावन के मद्देनजर एसपी ग्रामीण ने सोमवार की शाम मिर्जामुराद थाना परिसर में कांवरियों की सुरक्षा व्यवस्था व काशी-प्रयागराज हाईवे पर रूट डायवर्जन के बाबत बैठक कर जरूरी निर्देश दिए। इसके बाद अधिकारियों की टीम ने भदोही सीमा तक कांवरिया लेन का निरीक्षण भी किया। इस दौरान कांवड़ यात्रा, चिकित्सकीय सेवा शिविर, एंबुलेंस, सुरक्षा व्यवस्था, बैरिकेङ्क्षडग, रोड डायवर्जन, खराब सड़कों की मरम्मत, आरक्षित लेन में वाहनों के न घुसने समेत विभिन्न ङ्क्षबदुओं पर विस्तार से चर्चा की गई।
लेन एक माह तक आरक्षित
मालूम हो कि सावन में एक माह तक कांवरिये प्रयागराज से गंगा जल लेकर पैदल, बाइक व दौड़ते हुए (डाक बम) काशी आकर बाबा विश्वनाथ का जलाभिषेक करते हैं। कांवरियों के लिए उत्तरी लेन (बाईं सड़क) एक माह तक आरक्षित है। बैठक में एएसपी, एडीएम (प्रशासन), एसडीएम, सीओ, ट्रैफिक विभाग, थाना प्रभारी व एनएचएआइ के अधिकारी मौजूद थे।