Chhath puja 2021: आज से छठ महापर्व आरंभ, छठ पूजा को लेकर बाजार में बढ़ी चहल-पहल, जानिए छठ पर्व पर क्यों होती है डूबते हुए सूर्य की उपासना?
वाराणसी (रणभेरी): कार्तिक मास में शुल्क पक्ष की षष्ठी तिथि को आस्था का महापर्व छठ मनाया जाता है। दिवाली के समाप्त होते ही अब लोगों ने छठ तैयारी शुरू कर दी है। यह पर्व चार दिनों तक चलता है। आज यानि 8 नवंबर से नहाय-खाय के साथ शुरू हो गया है। इसके अगले दिन यानी 9 नवंबर को दिन खरना, 10 नवंबर को सूर्य को अर्घ्य दिया जाएगा और अंत में 11 नवंबर की सुबह सूर्य को अर्घ्य देने के साथ ही यह पर्व समाप्त हो जाएगा। इस पर्व में सूर्य और छठी मैया की उपासना का विशेष महत्व होता है। नहाय खाय के दौरान व्रती अपने छठ व्रत की सफलता की कामना करते हैं और चार दिनों तक चलने वाले इस पर्व में तीसरे दिन कमर तक पानी में खड़े होकर सूर्य को अर्घ्य दिया जाता है। लेकिन इस व्रत में व्रती कमर तक पानी में क्यों खड़े होते हैं।
छठ पूजा पर कमर तक पानी में खड़े होकर ही अर्घ्य दिया जाता है। इसके पीछे की कारण बताए जाते हैं। ऐसा माना जाता है कि कार्तिक मास के दौरान श्री हरि जल में ही निवास करते हैं और सूर्य ग्रहों के देवता माने गए हैं। इसलिए ऐसी मान्यता है कि नदी या तलब में कमर टख पनि में खड़े होकर अर्घ्य देने से भगवान विष्णु और सूर्य दोनों की ही पूजा एक साथ हो जाती है। इसके अतिरिक्त एक अन्य कारण ये भी है कि किसी भी पवित्र नदी में प्रवेश किया जाए तो सभी पाप नष्ट हो जाते हैं और शुभ फल प्राप्त होते हैं। साथ ही एक मान्यता यह भी ही कि सूर्य को हम जो जल अर्पित करते हैं उसके छीटें पैरों पर न छुए। इस पर्व में विशेष रूप से छठी मैया की पूजा की जाती है। शास्त्रों के मुताबिक छठी माता भगवान सूर्य की मानस बहन हैं। और ऐसा माना जाता है कि उनकी पूजा करने से सूर्यदेव को प्रसन्न किया जा सकता है।
शहर में छठ पूजा के सामानों का बाजार सजा हुआ है। छठ पूजा को लेकर शहर में जगह-जगह कच्चा हल्दी, अदरक, मूली, बद्धी, खाजा, सेब, नारंगी, जल सिघारा, नारियल, डाभ नींबू सहित अन्य सामान की बिक्री शुरू हो गई है। वहीं, गुड़, केला, चावल, आटा, मैदा, चीनी, डालडा, घी सहित अन्य वस्तुओं के दुकानों पर खरीदारों की भीड़ बढ़ने लगी है। टोकरी, सूप, कोनिया, डगरी की कीमत में इस वर्ष मामूली इजाफा
नए डिजाइन की आकर्षक चूड़ी-लहठी की मांग
छठ पूजा को यहां के चूड़ी दुकानों पर महिलाओं की संख्या बढ़ने लगी है। युवतियों व छोटी-छोटी बच्चियों में भी चूड़ी की खरीदारी को लेकर काफी उत्साह देखा जा रहा है। महिलाएं नए डिजाइन की आकर्षक चूड़ी-लहठी की मांग कर रही है। Chhath Puja 2021राजस्थान की लहठी के अलावा स्थानीय स्तर पर तैयार लहठी की मांग काफी बढ़ गई है। स्थानीय बाजार में 200 से 1000 रुपये प्रति सेट के दर पर लहठी की बिक्री की जा रही है। एक दुकान पर खरीदारी करतीं महिला ने बताया कि छठ पर नया लहठी धारण करना शुभ माना जाता है।छठ पूजा को लेकर व्रतियों के स्वजनों ने नई साड़ी सहित अन्य कपड़ो की खरीदारी शुरू कर दी है। Chhath Puja 2021 छठ पूजा पर व्रतियों सहित घर की अन्य महिलाओं के लिए नई साड़ी की जरूरत पड़ती है। वहीं छठ पूजा करने वाले पुरुष श्रद्धालु नए धोती की खरीदारी करते है।छठ पूजा को देखते हुए लाल, पीला रंग की धोती की आपूर्ति हो रही है। जिससे लोगों को धोती रंगने की जरूरत नहीं पड़ेगी। विभिन्न कंपनियों द्वारा लाल व पीले रंग में धोती की आपूर्ति की जा रही है। छठ व्रतियों के लिए आकर्षक वैरायटी की साड़ी सहित अन्य कपड़े की मांग बढ़ी है।