कान्हा के जन्मोत्सव के लिए चमका बाजार, खरीदारों की भीड़ से बढ़ी बाजारों की रौनक

कान्हा के जन्मोत्सव के लिए चमका बाजार, खरीदारों की भीड़ से बढ़ी बाजारों की रौनक

वाराणसी (रणभेरी सं.)। नंद के आनंद भयो जय कन्हैया लाल की, हाथी घोड़ा पालकी जय कन्हैया लाल की। अब हर घर में भगवान श्री कृष्ण के आगमन की तैयारियां जोर-शोर से चल रहीं हैं। भादो के महीने में अष्टमी तिथि को भगवान श्री कृष्ण का जन्म माना जाता है। श्रीकृष्ण जन्माष्टमी आगामी 26 अगस्त को सेलिब्रेट की जाएगी। जन्माष्टमी के निराले ठाठ से बाजार-हाट चमक-दमक रहे हैं। श्रीकृष्ण कथा से जुड़े छोटे-बड़े पुतलों और असली-नकली फूल व लतरों आदि की दुकानों से बुधवार को चौक की सड़क गुलजार हो गई। चौक चढ़ान और ढलान पर जन्माष्टमी की सजावट वाले खिलौने के दुकानों में रखे खिलौनों की कीमत पिछली बार की तुलना में इस बार दोगुना है। नटवर नागर, कृष्ण कन्हैया, धेनु चरैया, मदनमोहन, माखनचोर लड्डू गोपाल का जन्मोत्सव भाद्रपद कृष्ण पक्ष अष्टमी तदनुसार 26 अगस्त को मनाया जाएगा। जन्मोत्सव मनाने के लिए भक्त खरीदारी में जुट गए हैं। अर्दली बाजार, बांसफाटक, दालमंडी, चेतगंज, गोदौलिया, पांडेयपुर समेत शहर के प्रमुख बाजारों में जन्माष्टमी से जुड़ी ढेर सारी सामग्रियां सजी हैं। लड्डू गोपाल के झूलों से लेकर वस्त्र तक शामिल हैं। बांसफाटक के दुकानदार अक्षय खत्री ने बताया कि भगवान श्रीकृष्ण की पोशाक, पालना, झूला और मूर्तियां आ गई हैं। खासकर लकड़ी व तार वाले डिजाइनर झूले, रंग-बिरंगे मोतियों व शीशे से सजे झूलों की सबसे अधिक मांग है, जिसकी खरीदारी के लिए लोग दूर-दूर से पहुंच रहे हैं।

600 में कृष्ण, 90 में सुदामा

दुकानों में तरह-तरह के आकार, रूप और रंगों में ढली मिट्टी की मूर्तियां व खिलौने हैं। छह सौ रुपये में कृष्ण हैं तो अपने बालसखा से पांव पखारते सुदामा 90 से 110 रुपये में मौजूद हैं। इनके अलावा पुतनावध और शिव जी की कीमत भी 600 रुपये है, जबकि गाय की जोड़ी 400 रुपये में मिलेगी।

बांके बिहारी 100 रुपए में

अशोक वाटिका में हनुमान जी और सीता जी की झांकी 80 रुपये और कदम्ब की डाल पर बांकेबिहारी 100 रुपये में हैं। टोकरी में कान्हा को रखकर यमुना पार कराते वासुदेव की मूर्ति 200 रुपये की है।

झाझ-मजीरा मण्डली

मिट्टी के झाझ-मजीरा मंडली 110 रुपये दर्जन और सिपाहियों का दल 30 से 90 रुपये दर्जन है। कारागार के पहरेदारों की जोड़ी 300 रुपये और इष्ट वध का दृश्य 90 रुपये में मिलेगा। बाघ-भालू, शेर-हिरण और वानर सेना आदि 12 से 30 रुपये जोड़ा है। मिट्टी के ही बने कुश्ती-दंगल करते पहलवान 15 रुपये जोड़ा है।

प्लास्टर आफ पेरिस, लकड़ी व चाइनामेड

प्लास्टर आफ पेरिस का कारागार 120 से 200 रुपये में मिलेगी। लकड़ी का बैंड-बाजा सेट, आराध्यों का सेट आदि 70 से 400 रुपये तक में बिक रहे हैं। चाइनामेड पशुओं का सेट 450 रुपये और चिडिय़ां 70 रुपये पीस है। वहीं, प्लास्टिक के खिलौनों की बिक्री पांच से 50 रुपये में हो रही है। दुकानदार रामू का कहना है कि प्लास्टिक और चाइनामेड खिलौनों का असर मिट्टी के आइटम पर पड़ा है। अब इसका धंधा थोड़ा मंदा हो गया है। हर तरह के मेटेरियल से बने खिलौने बिक रहे हैं। चाहे वह मिट्टी का हो या चाइनामेड।

26 व 27 दोनों दिन मनाई जाएगी जन्माष्टमी 

सनातन धर्म में भाद्र कृष्ण अष्टमी को श्रीकृष्ण जन्माष्टमी व्रत की मान्यता है। इस दिन भगवान श्रीकृष्ण का जन्मोत्सव मनाया जाता है। इस बार जन्माष्टमी व्रत अद्भुत और दुर्लभ है, चूंकि अष्टमी के साथ मध्य रात्रि में रोहिणी नक्षत्र के संयोग होने से इसे जयंती नामक योग कहा गया है। ऐसा योग अतिदुर्लभ है। देखा जाए तो भगवान श्रीकृष्ण का जन्म भाद्र पद कृष्ट अष्टमी, बुधवार को रोहिणी नक्षत्र में अद्र्धरात्रि में वृष राशि के चंद्रमा में हुआ था। भगवान विष्णु के दशावतारों में से सर्वप्रमुख पूर्णाअवतार षोडश कलाओं से परिपूर्ण भगवान कृष्ण को माना जाता है, जो द्वापर युग के अंत में हुआ था। इस बार जन्माष्टमी गृहस्थजन 26 अगस्त मनाएं तो गोकुलाष्टमी (उदयकाल में अष्टमी) 27 अगस्त को मथुरा, वृंदावन में मनाई जाएगी।

इस्कॉन मंदिर में जन्माष्टमी का होगा भव्य आयोजन

कोलकाता के 51 तरह के फूलों से होगा श्रृंगार, कान्हा को पहनाए जाएंगे वृंदावन के वस्त्र

श्रीकृष्ण जन्मोत्सव पर इस्कॉन मंदिर में तीन दिवसीय आयोजन होंगे। बाल गोपाल का 51 चांदी के कलश के द्रव्य से महाभिषेक होगा। साथ ही 51 तरह के फूलों से भगवान कृष्ण को सजाया जाएगा। वृंदावन के वस्त्र और आभूषण से श्रृंगार होगा। भक्त भगवान को 108 तरह के व्यंजनों का भोग लगाएंगे। 25 अगस्त से आयोजनों की श्रृंखला शुरू हो जाएगी। यह जानकारी दुर्गाकुंड रोड स्थित इस्कॉन मंदिर में अध्यक्ष अच्युत मोहन दास, साक्षी मुरारी दास, रसिक गोविंद दास, मुरारी गुप्ता दास और राम केशव दास ने दी। उन्होंने बताया कि मुख्य कार्यक्रम कृष्ण लीला कथा प्रवचन 26 अगस्त सुबह 7:30 बजे से 10 बजे तक होगा। सुबह की शुरुआत भगवान श्रीकृष्ण की लीलाओं की कथा से होगी। 25 और 26 अगस्त की शाम को छह बजे से रात 11 बजे तक भक्ति से महाभिषेक होगा।

कोलकाता से मंगाए गए 51 प्रकार के फूलों, वृंदावन से मंगाए गए वस्त्र और आभूषण से प्रभु का श्रृंगार होगा। 108 प्रकार के व्यंजनों का महाभोग लगाने के बाद आरती होगी। 25 और 26 अगस्त की शाम को शुद्ध देसी घी से बने दो क्विंटल से अधिक हलवे का वितरण भक्तों को किया जाएगा। सुबह से देर शाम तक अनवरत लगभग डेढ़ से दो लाख भक्त भगवान के दर्शन करेंगे।