36 घंटे बाद शुरू हुआ गंगा में नाव संचालन, मेयर ने नाविकों को दिया आश्वासन, अब नगर निगम नहीं जारी करेगा नावों का लाइसेंस

36 घंटे बाद शुरू हुआ गंगा में नाव संचालन, मेयर ने नाविकों को दिया आश्वासन, अब नगर निगम नहीं जारी करेगा नावों का लाइसेंस

वाराणसी (रणभेरी): मेयर अशोक कुमार तिवारी के आश्वासन के बाद नाविकों ने 36 घंटे बाद बीती शाम को अपने 7 सूत्रीय मांग को लेकर हड़ताल खत्म कर दी। इसके साथ ही गंगा में नौकायन शुरू हो गया। नाविकों का नेतृत्व कर रहे मां गंगा निषादराज सेवा न्यास के अध्यक्ष प्रमोद मांझी ने बताया कि शाम पांच बजे तक नौका संचालन की बंदिश खत्म हो गई है। अब रात आठ बजे तक नाविक गंगा में नौका संचालन कर सकेंगे।

दशाश्वमेध घाट स्थित जल पुलिस कार्यालय में मंगलवार की शाम को  मेयर अशोक तिवारी, डीएम एस. राजलिंगम और एडिशनल सीपी एस. चन्नप्पा के साथ बैठक की। इस बैठक में  सबसे पहले एडिशनल सीपी ने समाज के लोगों को बताया कि उनके 13 साथियों को सोमवार देर शाम जमानत पर छोड़ दिया गया है। इसके बाद समाज की मांग के अनुसार गंगा आरती तक बड़ी नावों और मोटरबोट के संचालन की अनुमति दी गई। साथ ही यह भी कहा गया कि सूर्यास्त के बाद छोटी नावों का संचालन नहीं होगा। सभी नावों पर उसकी क्षमता का उल्लेख करना होगा। नाव संचालन में पूर्व में निर्धारित मानकों की अनदेखी पर कार्रवाई होगी।

नाविकों को सुरक्षा के मानकों को पूरा करने का निर्देश दिया गया। सभी यात्रियों को लाइफ जैकेट, नाव पर क्षमता से अधिक लोगों को न बैठाने, नावों में रस्सा और टार्च, नाव पर दो नाविक आदि मानकों को पूरा करना होगा। जल पुलिस प्रभारी एसआर गौतम ने बताया, कि मानकों की अनदेखी पर कार्रवाई होगी। पर्यटकों की सुरक्षा सर्वोपरि है। नावों का लाइसेंस अब नगर निगम से नहीं जारी होगा। नाव संचालन की प्रक्रिया अब उत्तर प्रदेश अन्तर्देशीय जलमार्ग प्राधिकरण अधिनियम- 2023 के तहत तय की जाएगी। इसकी रूपरेखा जल्द संबंधित विभाग तय करेंगे। नगर निगम प्रशासन विषय में संबंधित विभागों को पत्र भेजेगा।

जानें क्या है पूरा मामला 

मान मंदिर घाट के सामने शुक्रवार को दो नावों कीटक्कर में 18 दर्शनार्थियों से भरी नाव पलट गई थी। जलकल पुलिस और एनडीआरएफ ने नाविकों की मदद से सभी को सकुशल निकाल लिया है। घटना के दूसरे दिन शनिवार को जल पुलिस ने अभियान चलाकर 25 सवारी से कम क्षमता वाली प्रतिबंधित नावें जब्त कर 13 नाविकों का चालान कर दिया था।